कर्क संक्रांति पर राशि अनुसार करें दान, करियर और कारोबार को मिलेगा नया आयाम

आत्मकारक सूर्यदेव जब एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो संक्रांति मनाई जाती है। जब सूर्यदेव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, तो कर्क संक्रांति मनाई जाएगी। इस अवसर पर गंगा स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है और साथ ही सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद दान-पुण्य किया जाता है। सूर्यदेव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और करियर एवं कारोबार में नए आयाम प्राप्त होते हैं।

ऐसे करें सूर्यदेव की उपासना

✨ प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।

✨ गंगा स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है, लेकिन यदि यह संभव न हो तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

✨ स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।

✨ सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र के सामने एक साफ स्थान पर पीला कपड़ा बिछाएं।

✨ पूजन सामग्री में तांबे का कलश, जल, अक्षत (चावल), रोली, मौली, पुष्प, गुड़, घी, पंचामृत, धूप-दीप और नैवेद्य रखें।

✨ तांबे के कलश में जल भरकर उसमें थोड़ा गंगाजल मिलाएं और इसे सूर्यदेव के सामने रखें।

✨ दीपक जलाकर पूजा स्थल को पवित्र करें।

✨ सूर्यदेव की प्रतिमा या चित्र पर रोली और अक्षत से तिलक करें।

✨ पुष्प और माला अर्पित करें।

✨ गुड़ और घी का नैवेद्य अर्पित करें।

✨ धूप और दीपक जलाकर सूर्यदेव की आरती करें।

✨ सूर्यदेव के 12 नामों का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करें।

✨ यह नाम इस प्रकार हैं: मित्र, रवि, सूर्य, भानु, खग, पूषा, हिरण्यगर्भ, मरीचि, आदित्य, सविता, अर्क, भग

✨ सूर्यदेव से आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना करें।

✨ पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।

✨ गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, और धन का दान करें।

✨ पूजा के अंत में स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें और अपने परिवार के साथ इसे साझा करें।

✨ इस प्रकार कर्क संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा-उपासना से आरोग्य जीवन और करियर एवं कारोबार में नए आयाम प्राप्त होते हैं।

कर्क संक्रांति मुहूर्त:

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 16 जुलाई, मंगलवार को सुबह 11:29 बजे मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क संक्रांति पर इस बार साध्य योग, शुभ योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस मुहूर्त में सूर्य देव की उपासना करने से विशेष लाभ होता है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। संक्रांति के समय चंद्रमा तुला राशि और विशाखा नक्षत्र में होगा।


कर्क संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त
कर्क संक्रांति पुण्य काल प्रातः 5:34 से 11:29 तक रहेगा, जिसकी अवधि 5 घंटे 55 मिनट है। कर्क संक्रांति महा पुण्य काल प्रातः 9:11 से 11:29 तक रहेगा, जिसकी अवधि 2 घंटे 18 मिनट है।

यदि आप भी करियर में मनचाही सफलता पाना चाहते हैं, तो कर्क संक्रांति के दिन विधि-विधान से सूर्यदेव की उपासना करें। पूजा के पश्चात अपनी राशि के अनुसार इन वस्तुओं का दान करें।

मेष राशि: तांबे के बर्तन का दान करें।

वृषभ राशि: सफेद कपड़े का दान करें।

मिथुन राशि: हरे रंग के वस्त्र और हरी सब्जियों का दान करें।

कर्क राशि: चावल का दान करें।

सिंह राशि: गेहूं और गुड़ का दान करें।

कन्या राशि: साबुत मूंग का दान करें।

तुला राशि: चावल और चीनी का दान करें।

वृश्चिक राशि: लाल रंग के वस्त्र का दान करें।

धनु राशि: पीले रंग के वस्त्र का दान करें।

मकर राशि: काले तिल का दान करें।

कुंभ राशि: नीले रंग के वस्त्र का दान करें।

मीन राशि: मूंग की दाल और दूध का दान करें।

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ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर जीवन में आर्थिक तंगी और करियर में अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। सूर्य को मजबूत करने के लिए पिता की सेवा और सम्मान करने की सलाह दी जाती है, जिससे कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।

 

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