शनि जयंती हिन्दू धर्म का विशेष पर्व है जो ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। शनि देव को न्याय की संज्ञा दी जाती है तथा शनिदेव सूर्य एवं छाया के पुत्र है। यह पावन पर्व पूरे देश में बड़े धम-धाम से मनाया जाता है। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए यह दिन अति उत्तम होता हे। यदि शनिदेव की अच्छी दृष्टि पड़े तो जातक रंक से राजा बन जाता है। यही कारण है कि शनिदेव की आराधना करने से सभी प्रकार के रोग, दोष एवं मानसिक पीड़ाओं से राहत मिलती है।
शनि जयंती का दिन शनि जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस दिन शनिदेव की पूजा विधिपूर्वक करने से शनि को साढे़ साती, ढैय्या तथा शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। सभी नौ ग्रहों में शनि का भी विशेष महत्व है।
शनि जयंती की शुभ तिथि एवं मुहूर्त 2023
वर्ष 2023 में शनि जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार 19 मई दिन शुक्रवार को माई जायेगी। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 मई को रात्रि 9 बजकर 42 मिनट से शुरु होगी तथा इसका समापन 19 मई को रात्रि 9 बजकर 22 मिनट पर हो जायेगा। इस विशेष दिन पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है जो बहुत ही शुभ योग है। शोभन योग का प्रारम्भ 19 मई को प्रातः से शाम 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। यह समय शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम है।
प्रातः का मुहूर्त कालः- 19 मई, प्रातः 07ः11 प्रातः 10ः35
दोपहर का मुहूर्त कालः- 19 मई, दोपहर 02ः00
शाम का मुहूर्त कालः- 19 मई, शाम 05ः25 से शाम 07ः07
शनि जयंती की पूजा विधि
☸ शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त है।
☸ आज के दिन प्रातः काल उठें एवं सूर्यदेव को जल अवश्य अर्पित करें।
☸ इसके बाद शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
☸ अब शनिदेव को नीले रंग के फूल, काला तिल जल में मिलाकर चढ़ाएं।
☸ उसके बाद शनिदेव से जुड़े मंत्रों का जाप करें और अंत में शनिदेव की आरती करें।
☸ आज के दिन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।
शनिदेव मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि जयंती पर उपाय
☸ यदि कार्य-व्यवसाय में कोई परेशानी आ रही है तो शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का नौ दीपक जलाएं।
☸ संतान सम्बन्धित किसी भी परेशानी के लिए शनि जयंती के दिन शाम को शनि मंदिर में शनिदेव को जल चढ़ाएं साथ ही पीपल के पेड़ की जड़ में काला तिल, माला और जल अर्पित करें इस दौरान शनि मंत्रों का जाप करते रहें।
☸ शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए आज के दिन स्नान करें।
शनि जयंती पर करें ये काम
☸ शनि जयंती पर शनिदेव के साथ-साथ भगवान शिव एवं हनुमान जी की भी आराधना करें।
☸ शनि व्रत के साथ-साथ रानी चालीसा का पाठ अवश्य करें।
☸ शनिदेव का तेल से अभिषेक करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
☸ शनि जयंती पर शनि देव से सम्बन्धित वस्तुओं जैसे काले तिल, काली उड़द एवं काले चने इत्यादि का दान करें।
☸ शनि जयंती पर पीपल का पेड़ लगाएं।
☸ माता-पिता की सेवा करें एवं बड़े-बुजुर्गों के साथ गरीबों एवं जरुरतमंदों की सहायता करें।
☸ शनि जयंती के शुभ अवसर पर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें।
शनि जयंती का पूजा मुहूर्त एवं तिथि
इस वर्ष 2023 शनि जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार 19 मई दिन शुक्रवार को मनाई जायेगी। वैशाख अमावस्या तिथि का प्रारम्भ 19 अप्रैल 2023 केे प्रातः
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