6 अक्टूबर जीवित्पुत्रिका व्रत 2023

सनातन धर्म में अनेक व्रत और त्योहार मनाने की परम्पराएं अलग-अलग होती हैं जिनका अपना विशेष महत्व होता है। हिन्दू धर्म में पड़ने वाले त्योहारों में कुछ त्योहार अपने पति की लम्बी उम्र के लिए होता है तो कुछ मुख्य रूप से संतान की रक्षा करने और उनकी दीर्घायु के लिए होता है। इन्हीं व्रत त्योहारों में से एक त्योहार 6 अक्टूबर को पड़ने वाले जीवित्पुत्रिका व्रत है तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

कब मनाया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष जीवित्पुत्रिका का व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह पर्व 6 अक्टूबर 2023 को शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन सभी महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान जीमूतवाहन की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करती हैं।

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जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म की सभी महिलाएं अपने संतान की दीर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर भगवान जी से प्रार्थना करती हैं। इस व्रत को करने से जिन महिलाओं को संतान प्राप्त नही हों रहा उन्हें संतान की प्राप्ति तथा जिनकी संताने हैं उनकी मंगल कामना के लिए पूजा-अर्चना करती हैं। जो महिलाएं इस दिन का व्रत पूरे श्रद्धा से करती हैं उनकी संतानों को चारों दिशाओं में प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है।

जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा विधि

☸ इस व्रत के दिन महिलाएं प्रातः काल सरगही खाती हैं।

☸ उसके बाद स्नानादि से निवृत्त होकर निर्जला उपवास करने का संकल्प लेती हैं।

☸ उसके बाद अष्टमी तिथि के दिन प्रदोषकाल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं।

☸ पूजा करने के दौरान जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, फल इत्यादि अर्पित करनी चाहिए।

☸ इसके साथ ही मिट्टी और गाय के गोबर से सियारिन और चील की प्रतिमा बनायी जाती है। उसके बाद उनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाकर पूजा किया जाता है और पूजा समाप्त हो जाने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा श्रद्धापूर्वक सुनी जाती है।

☸ अगले दिन स्नानादि कर लेने के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करने तथा सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद ही अन्न ग्रहण करती हैं।

☸ तीन दिनों तक मनाये जाने वाली जीवित्पुत्रिका व्रत के तीसरे दिन झोर, भात, मरुवा की रोटी से महिलाएं अपना व्रत सम्पन्न करती हैं।

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त

जीवित्पुत्रिका का व्रत 06 अक्टूबर 2023 शुक्रवार के दिन रखा जायेगा।
अष्टमी तिथि प्रारम्भः- 06 अक्टूबर 2023 सुबह 6ः34 मिनट से ।
अष्टमी तिथि समाप्तः- 07 अक्टूबर 2023 सुबह 08ः08 मिनट तक।

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