हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों में माघ माह को बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। माघ माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती मनायी जाती है। मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान शिव जी के पसीने से 12 वर्ष की एक कन्या ने जन्म लिया था और वह कन्या माँ नर्मदा थी माँ नर्मदा के इस समय जन्म लेने के कारण ही इस दिन को नर्मदा जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। भारत में स्थित 07 धार्मिक नदियों में से नर्मदा नदी का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। मध्यप्रदेश राज्य के अमरकंटक में नर्मदा जयन्ती बहुत उत्साह के साथ मनायी जाती है। इस जयंती के मौके पर प्रत्येक वर्ष पूरा शहर भगवा रंग में रंग जाता है।
इस जयंती के अवसर पर एक भव्य शोभायात्रा के दौरान मां नर्मदा नदी का एक सुंदर चित्रण निकाला जाता है। इस दौरान हजारो भक्त विभिन्न नर्मदा नदी के घाटांे पर भजन और गीत गाते हैं। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष इस दिन शाम के समय नर्मदा नदी तथा बनारस के प्रसिद्ध घाटों पर भी भव्य आरती करते हैं।
नर्मदा जयन्ती पूजा विधि
हिन्दू धर्म में नर्मदा जयंती के शुभ अवसर पर नदियों में स्नान करना बहुत ही ज्यादा शुभ फलदायी माना जाता है।
नर्मदा जयंती के शुभ अवसर पर नर्मदा जयन्ती के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक किसी भी समय में स्नान कर सकते हैं।
नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर प्रातः काल जल्दी उठकर नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद सुबह फूल, धूप, अक्षत, कुमकुम आदि से नर्मदा नदी के तट पर माँ नर्मदा देवी का पूजन करना चाहिए।
इसके अलावा पूजा की समाप्ति के बाद दीप जलाकर दीपदान करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करनी चाहिए। आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
नर्मदा जयंती शुभ मुहूर्त
16 फरवरी 2024 को शुक्रवार के दिन नर्मदा जयन्ती मनायी जायेगी
सप्तमी तिथि प्रारम्भः- 15 फरवरी 2024 सुबह 10ः12 मिनट से,
सप्तमी तिथि समाप्तः- 16 फरवरी 2024 सुबह 08ः54मिनट तक।