Ganesh chaturthi special: आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं कैसे दूर होंगी? BY KM SINHA

गणेश चतुर्थी कब होगा?  शुभ मुहूर्त क्या होंगे?  उपवास किस दिन रखा जायेगा? आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं कैसे दूर होंगी? इन सभी के बारे में ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी से विस्तार से जानते हैं-

गणेश चतुर्थी का पर्व इस वर्ष 7 सितम्बर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:34 मिनट से प्रारम्भ होगा और 8 सितम्बर 2024 को सुबह 06 :03 मिनट तक रहेगा। इस दिन रवि योग सुबह 6:00 बजे से 12:34 मिनट तक, ब्रह्म योग सुबह 06:02 मिनट से रात्रि 11:17 मिनट तक और इन्द्र योग का भी निर्माण होगा जो रात्रि 11: 17 मिनट से अगले दिन तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर गणेश जी की स्थापना और उससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को kundaliexpert के माध्यम से जानते हैं-

गणेश जी की स्थापना 7 सितम्बर 2024 को सुबह 11:02 मिनट से दोपहर 01:34 मिनट तक किसी भी समय में किया जा सकता है।

गणेश चतुर्थी के दिन से लेकर 10 दिनों तक गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

दसवें दिन अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।

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मूर्ति की स्थापना संबंधी निर्देशः

✨ गणेश जी की मूर्ति की स्थापना उत्तर-पूर्व यानि (ईशानकोण) दिशा में करनी चाहिए।

✨ गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी का मुख घर के मुख्य दरवाजे की ओर हो।

✨ मूर्ति के पूर्व दिशा में कलश रखें और दक्षिण-पूर्व दिशा में देसी घी का दीपक जलाएं।

✨ गणेश जी की मूर्ति मिट्टी से बनी होनी चाहिए, दाईं सूंड़ वाली गणेश जी की मूर्ति को अत्यधिक शुभ माना जाता है।

✨ मूर्ति के साथ मूषक (चूहा) और गणेश जी द्वारा धारण किया गया जनेऊ होना चाहिए।


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पूजा विधिः

✨ गणेश जी की पूजा लाल रंग के वस्त्र धारण करके करना चाहिए तथा उन्हें लाल रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए साथ ही गणेश जी को मोदक का भोग लगाना चाहिए।

✨ दिन में तीन बार गणेश जी को भोग लगाना चाहिए, जिसमें मोदक का भोग अवश्य शामिल करना चाहिए।

✨ गणेश चालीसा का पाठ और ॐ  गं गणपतये नमः या ॐ विघ्नेश्वराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

✨ तुलसी के पत्ते और केतकी के फूल गणेश जी को नहीं चढ़ाना चाहिए।

आहार और व्यवहारः

✨ इस दिन सात्विक आहार पर ध्यान दें और प्याज, लहसुन और मांसाहारी खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

✨ गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक पूजा-पाठ और मंत्र जाप श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए इससे जीवन से नकारात्मकता सदैव के लिए दूर हो जाती है।

आर्थिक और भौतिक लाभः

✨ गणेश चतुर्थी के दिन धन निवेश करना, भूमि, वाहन,मकान खरीदना या सोना-चांदी खरीदना लाभकारी होता है।

✨ इस दिन गणेश जी के संकटनाशन स्त्रोत के पाठ का उच्चारण या श्रवण अवश्य करना चाहिए।

✨ इस प्रकार गणेश चतुर्थी के अवसर पर इन सब बातों का ध्यान रखते हुए पूजा विधिपूर्वक करें और गणेश जी की कृपा प्राप्त करें।

गणेश चतुर्थी पर श्लोकों का जाप और कथाः

गणेश चतुर्थी के दिन निम्नलिखित श्लोकों का उच्चारण करने से विशेष लाभ होता हैः

प्रथम श्लोकः

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्।

भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुरूकामार्थसिद्धये ।।1।।

द्वितीय श्लोकः

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्।

तृतीय कृष्णपिङ्गगाक्षं गजवक्रं चतुर्थकम्।।2।।

तृतीय श्लोकः

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।।3

चतुर्थ श्लोकः

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्।

एकादशं गणपति द्वादशं तु गजाननम्।।4।।

पंचम श्लोकः

द्वादशैतनि नामानि त्र्सिंध्यं  यः पठेन्नरः।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।5।।

पंचम श्लोक के अर्थ के अनुसार:

✨ विद्यार्थियों को विद्या की प्राप्ति होगी।

✨ धन की चाह रखने वालों को धन मिलेगा।

✨ पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वालों को पुत्र की प्राप्ति होगी।

✨ मोक्ष प्राप्ति की कामना करने वालों को मोक्ष प्राप्त होगा।

गणेश चतुर्थी की कथाः

एक बार गणेश जी कुबेर जी के पास उनकी परीक्षा लेने के लिए गए। लौटते समय गणेश जी का सवारी मूषक नें एक सर्प को देखा और उसे देखते ही उछल पड़ा जिसके कारण गणेश जी गिर पड़े। यह देखकर चंद्रमा नें उनका मजाक उड़ाया। इस पर गणेश जी नें चंद्रमा को श्राप दिया कि चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन कोई नहीं कर सकेगा।

चंद्रमा नें गणेश जी से क्षमा मांगी। गणेश जी नें उन्हें कहा कि वे अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकते, लेकिन उन्हें यह वरदान देते हैं कि महीने के एक दिन चंद्रमा अपनी पूरी रोशनी खो देगा और अन्य दिनों में उसकी चमक कम-ज्यादा होती रहेगी साथ ही गणेश जी नें कहा कि विशेष त्योहारों पर चंद्रमा की पूजा भी की जाएगी।

विशेषः  चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा के उदय और अस्त होने का समय अलग-अलग होता है, इसलिए चतुर्थी तिथि में चंद्रमा दिखाई दे भी तो चंद्र दर्शन से बचना चाहिए।

गणेश चतुर्थी के दिन इन श्लोकों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है और गणेश जी की कृपा से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं।

 

 

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