शास्त्रों के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्था तिथि का बहुत अत्यधिक महत्व होता है। इसी पावन तिथि पर मनु ऋषि का जन्म हुआ जिसके कारण इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाने लगा। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का निवास होता है इसलिए मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है इस मास को कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है। इस दिन मौन व्रत धारण करके प्रभु का स्मरण करने से जातक को मुनि पद की प्राप्ति होती हैं और यदि मौन धारण कर पाना संभव नहीं है तो इस दिन अपने विचारों को शुद्ध रखना चाहिए मन में किसी तरह का कुटिलता का भाव नही आने देना चाहिए। वास्तव में अमावस्या तिथि को मौन एवं संयम की साधना तथा स्वर्ग की प्राप्ति और मोक्ष दिलाने वाला माना जाता है।
मौनी अमावस्या पूजा विधि
☸ मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें।
☸ मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत का उपवास रखें और नहाने से पूर्व जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें।
☸ गंगाजल पानी में मिलाकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
☸ उसके बाद जल में काला तिल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें, इस दिन पितरों का पूजन करने का भी विधान होता है इससे पितृ प्रसन्न होकर आशीष देते हैं।
☸ उसके बाद फल, फूल, दीपक, अगरबत्ती इत्यादि सामग्रियों से भगवान विष्णु जी की पूजा अर्चना करें।
☸ उसके बाद भगवान विष्णु जी को मिठाई का भोग लगाये और पूजा समाप्त हो जाने के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराये उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।
☸ मौनी अमावस्या वाले दिन दान-दक्षिणा करने का भी विशेष महत्व होता है।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 09 फरवरी 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा।
अमावस्या तिथि प्रारम्भः- 09 फरवरी 2024 सुबह 08ः02 मिनट से,
अमावस्या तिथि समाप्तः- 10 फरवरी 2024 प्रातः 04ः28 मिनट तक।