बुध का कर्क राशि में गोचर 2024: राशिफल के अनुसार भविष्यवाणियाँ

सौरमंडल में सबसे छोटा ग्रह बुध है, जिसे ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। यह सूर्य के सबसे निकट स्थित ग्रह है और इसे बुद्धि का देवता माना जाता है। बुध ग्रह एक विशिष्ट ग्रह है और इसकी स्थिति काल पुरुष की कुंडली में मिथुन और कन्या राशियों पर होती है। कन्या राशि में बुध उच्च स्थान पर होता है, जबकि मीन राशि में इसका नीच स्थान होता है।

बुध ग्रह की स्थिति 15 अंशों पर परम उच्च और नीच मानी जाती है, और यह उत्तर दिशा का स्वामी है। इसके मित्र ग्रह सूर्य और शुक्र हैं, जबकि मंगल और चंद्रमा से इसकी शत्रुता है। बृहस्पति और शनि इसके सम ग्रह हैं। बुध की महादशा 17 वर्षों की होती है और यह हरित वर्ण के होते हैं।

बुध ग्रह से प्रभावित व्यक्ति हंसना, बोलना और मजाक करना पसंद करते हैं। यह नसों का कारक है और सफल व्यापार करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा बुध त्वचा का प्रतिनिधित्व करता है और ग्रहण करने की क्षमता को भी दर्शाता है। बुध ग्रह व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में ढलने की कला प्रदान करता है।

बुध का कर्क राशि में वक्री गोचर 2024 में आपके जीवन पर विभिन्न प्रभाव डाल सकता है। इस गोचर का विभिन्न राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा, जिससे आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में कई बदलाव आ सकते हैं।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और वक्री बुध का कर्क राशि में गोचर चौथे भाव में होगा। इस दौरान पारिवारिक समस्याएँ और सुख-सुविधाओं की कमी हो सकती है, जिससे आत्मविश्वास पर असर पड़ सकता है। व्यापार में लाभ की कमी और परिवार की ज़रूरतों के लिए अधिक धन खर्च करने की संभावना है। स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि खांसी और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।


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प्रतिदिन 11 बार बुधाय नमः का जाप करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और कर्क राशि में वक्री बुध तीसरे भाव में गोचर करेगा। इससे आपके प्रयासों में सफलता की कमी और धन प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। व्यापार के प्रगति में देरी हो सकती है और आर्थिक जीवन में धन हानि और भविष्य को लेकर चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ विवाद संभव हैं और दांत दर्द की समस्या हो सकती है।

बुध ग्रह के लिए यज्ञहवन करना लाभकारी रहेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके दूसरे भाव में गोचर करेगा, जिससे पारिवारिक मामलों में अधिक खर्च और विवाद हो सकते हैं। करियर में लाभ की संभावना है लेकिन उसका आनंद उठाने में कठिनाई हो सकती है। आर्थिक जीवन में योजना की कमी के कारण अधिक खर्च का सामना करना पड़ सकता है। रिश्तों में खुशी प्राप्त करने की संभावना है और स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

शनिवार को शनि ग्रह के लिए यज्ञहवन करना अच्छा रहेगा।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और वक्री बुध का गोचर आपके पहले भाव में होगा। इस दौरान अनचाही यात्राओं और करियर में असंतोष का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा और लाभ की कमी हो सकती है। रिश्तों में संचार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।

प्रतिदिन 11 बार चंद्राय नमः का जाप करने से लाभ होगा।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके बारहवें भाव में गोचर करेगा, जिससे प्रयासों में देरी और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है। करियर में असंतोष और व्यवसाय में लाभ की कमी हो सकती है। रिश्तों में अहंकार और संचार की समस्याएँ हो सकती हैं और पैरों में दर्द हो सकता है।

प्रतिदिन 11 बार भास्कराय नमः का जाप करें।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा, जिससे महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विचार करने की आवश्यकता होगी। करियर में बदलाव हो सकता है, लेकिन व्यवसाय में आय की कमी हो सकती है। रिश्तों में तनाव और अहंकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और गले में संक्रमण और फ्लू की समस्याएँ हो सकती हैं।

प्रतिदिन 21 बार ॐ नमो नारायण का जाप करें।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके दसवें भाव में गोचर करेगा, जिससे नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन नौकरी में अशांति हो सकती है। व्यवसाय में उच्च लाभ और प्रतिस्पर्धा की संभावना है। पारिवारिक मुद्दों और समझ की कमी से रिश्तों में अशांति हो सकती है। स्वास्थ्य पर एलर्जी के कारण खांसी का खतरा हो सकता है।

प्रतिदिन 21 बार ॐ शुक्राय नमः का जाप करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके नौवें भाव में गोचर करेगा, जिससे भाग्य में कमी और लाभ में देरी हो सकती है। करियर में वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ समस्याएँ हो सकती हैं और व्यवसाय में लाभ या भारी नुकसान का सामना कर सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन में भावनात्मक परेशानियाँ हो सकती हैं और स्वास्थ्य सामान्य रहेगा लेकिन पिता के स्वास्थ्य पर खर्च हो सकता है।

प्रतिदिन 11 भौमाय नमः का जाप करें।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके आठवें भाव में गोचर करेगा, जिससे प्रयासों में बाधाएँ और चिंताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। करियर में समस्याओं और लाभ में देरी की संभावना है। भारी खर्च और व्यवसाय में समस्याएँ हो सकती हैं। रिश्तों में सामंजस्य की कमी और खांसी की समस्या हो सकती है।

प्रतिदिन 108 बार गुरवे नमः का जाप करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके सातवें भाव में गोचर करेगा, जिससे भाग्य का साथ कम मिल सकता है और काम में गलतियों की संभावना बढ़ सकती है। आर्थिक जीवन में धन की हानि और रिश्तों में तालमेल की कमी हो सकती है।

प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः का जाप करें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवे और आठवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके छठे भाव में गोचर करेगा, जिससे भविष्य को लेकर असुरक्षा और विरासत से लाभ की संभावना हो सकती है। करियर में सफलता की कमी और व्यापार में तरीकों को बदलने की आवश्यकता हो सकती है। आर्थिक जीवन में खर्चों में वृद्धि और रिश्तों में विवाद हो सकते हैं। त्वचा में खुजली और दर्द की समस्या हो सकती है।

प्रतिदिन 21 बार शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।


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मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। वक्री बुध कर्क राशि में आपके पांचवें भाव में गोचर करेगा, जिससे जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। करियर में तनाव और व्यापार में प्रतिस्पर्धा की संभावना है। आर्थिक जीवन में यात्रा के दौरान धन हानि हो सकती है। रिश्तों में अहंकार की समस्याएँ हो सकती हैं और बच्चों के स्वास्थ्य पर खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है।

प्रतिदिन बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें।

 

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