मासिक शिवरात्रि का पर्व महादेव को समर्पित है और इसे हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार सावन शिवरात्रि की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। कुछ लोग इसे 1 अगस्त को मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे 2 अगस्त को मनाने की बात कर रहे हैं। इस लेख में हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार सही तिथि बताएंगे कि सावन शिवरात्रि कब मनाई जाएगी।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।
- स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- मंदिर की सफाई करें और चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं।
- भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- कच्चे दूध, गंगाजल और जल से शिव जी का अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।
- देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और शिव मंत्रों का जप करें।
- शिव चालीसा का पाठ करें, यह बेहद कल्याणकारी होता है।
- अंत में खीर, फल और हलवे का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें।
मासिक शिवरात्रि पूजा सामग्री
मासिक शिवरात्रि पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है: फूल, बेल पत्र, चंदन, शहद, दही, देसी घी, धतूरा, रोली, दीपक, पूजा के बर्तन, गंगाजल और साफ जल। इन वस्तुओं का उपयोग पूजा के दौरान भगवान शिव की अराधना और अभिषेक में किया जाता है।
शुभ मुहूर्त
श्रावण, कृष्ण चतुर्दशी का प्रारंभ 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से होगा। यह तिथि 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट तक जारी रहेगी। मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस अवधि के दौरान पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्व रखा जाता है और इसे शुभ मुहूर्त मानकर फलदायी कार्य किए जा सकते हैं।
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मासिक शिवरात्रि का महत्व 2024
मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है और इसका भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष महत्व है। इस दिन उपवास रखने और शिवलिंग पर अभिषेक करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्रत साधक की मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को सशक्त बनाता है, आत्मविवेक और संयम की ओर प्रेरित करता है। इसके अलावा, इस दिन की पूजा से घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है, और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है।