वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने के कारण ही होता है। इस दौरान जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँच पाता है उस समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा पर पड़ने लगता है जिसके कारण चन्द्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ने लगती हैं। ब्रह्माण्ड में इन सभी स्थितियों के होने के कारण ही इसको सूर्यग्रहण कहा जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्यग्रहण एक ऐसा समय होता है जब हमारे ब्रह्माण्ड में अनेकों विलक्षण होते हैं साथ ही कुछ अद्भुत घटनाएं भी घटित होती हैं जो सभी वैज्ञानिकों के लिए एक विशेष अवसर के समान होती है। किसी भी ग्रहण के लगने के दौरान यह समय वैज्ञानिकों के लिए एक अच्छा अवसर लेकर आता है क्योंकि इस दौरान उन्हें नये-नये तथ्यों पर काम करने का मौका मिलता है।
08 अप्रैल को लगने वाले सूर्यग्रहण में क्या है विशेष
08 अप्रैल को लगने वाला सूर्यग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण होने वाला है। सोमवार के दिन इस लगने वाले सूर्यग्रहण को उत्तरी अमेरिका में स्थित आधे से अधिक लोग देख पायेंगे। इस सूर्यग्रहण को द ग्रेट नार्थ अमेरिकन सोलर इक्लिप्स का नाम दिया गया है जिसे अमेरिका में रहने वाले लगभग 50 करोड़ लोग ही देख पायेंगे।
इससे पहले इस तरह का सूर्यग्रहण वर्ष 2017 में लगा हुआ था। इस बार लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण लगभग 15 अमेरिकी राज्यों के कुछ हिस्सों में बसने वाले लोगों के द्वारा ही देखा जा सकेगा। भारत देश में यह सूर्यग्रहण बिल्कुल भी नही दिखने की संभावना है।
यह सूर्यग्रहण इतना खास क्यों है
08 अप्रैल 2024 को लगने वाला सूर्यग्रहण इतना खास इसलिए है क्योंकि यह सूर्य ग्रहण पिछले 3 वर्षों बाद यानि (1918), (1979) और (2017) के बाद लगने वाला है। इस सूर्यग्रहण का रास्ता केवल और केवल अमेरिका के ऊपर से ही गुजरेगा जिसे अमेरिका देश के अलावा कोई और देश बिल्कुल भी नहीं देख पायेगा।
इस बार लगने वाला सूर्यग्रहण अमेरिका और मेक्सिको के ठीक ऊपर से अपना ग्रहण पूरा करेगा। अन्य वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रहण अमेरिका में तब नजर आयेगा जब भारत देश में रात्रि के समय आसमान में तारे होंगें और अमेरिका देश में दिन में ही एकदम रात जैसा दृश्य होगा।
कुछ वैज्ञानिकों के अनुमानों द्वारा यह भी बताया गया है कि अमेरिका में लगने वाला ग्रहण मेक्सिको से शुरू होकर टेक्सास को पूरी तरह से क्राॅस करते हुए, ओहियो रिवर वैली में उत्तर-पूर्व क्षेत्र की तरफ जायेगा जो न्यूयार्क, कनाडा, क्यूबेक, न्यू इंग्लैण्ड से आगे बढ़ते हुए अंत में कनाडाई के समुद्री इलाके में जाकर ही खत्म हो जायेगा। आपको बता दें यह पूर्ण लगने वाला सूर्यग्रहण वर्ष 2017 में लगने वाले सूर्यग्रहण की तुलना में बहुत साफ दिखाई देगा इसके अलावा यह ग्रहण बहुत लम्बे समय तक भी रहेगा।
सूर्य ग्रहण लगने का समय क्या होगा?
इस वर्ष 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात्रि 09:12 मिनट से मध्य रात्रि 1;25 मिनट तक रहेगा सूर्य ग्रहण लगने की कुल अवधि लगभाग 4 घंटे 25 मिनट तक है।
सूर्य ग्रहण लगने के दौरान क्या करें और क्या न करें
सूर्यग्रहण चाहे भारत देश में लग रहा हो, या अमेरिका में या अन्य किसी भी देश में परन्तु आपको सूर्यग्रहण के दौरान कुछ बातों का ध्यान विशेष रूप से रखना चाहिए अन्यथा आपका जीवन कष्ट और मुश्किलों से भरा हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
☸ सूर्य ग्रहण लगने के दौरान ध्यान लगाना सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि ध्यान लगाना पेट के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होता है साथ ही आपके ऊर्जा के स्रोत में भी अत्यधिक वृद्धि होती है।
☸ सूर्य ग्रहण लगने के दौरान कहा जाता है कि बासी बचे हुए भोजन को बिल्कुल भी नही खाना चाहिए ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण के दौरान सूर्य के विकिरण के हानिकारक प्रभावों को बचे हुए भोजन के द्वारा अवशोषित किया जाता है इसलिए बासी भोजन न खाने की सलाह दी जाती हैं। ग्रहण के समाप्त हो जाने के बाद ताजा भोजन बनाकर ही खाना चाहिए।
☸ सूर्य ग्रहण लगने से पहले हो सके तो एकदम हल्का, सुपाच्य और शाकाहारी भोजन ही खाना चाहिए साथ ही खाने में हल्दी का उपयोग अवश्य करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य के प्रकाश की पृथ्वी पर अनुपस्थिति के कारण पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्यों के ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है। ऊर्जा की कमी के कारण पाचन प्रक्रिया की गति भी धीमी हो जाती है इसलिए ज्यादा खाने से बचना चाहिए ।
☸ सभी योग्य ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण लगने के दौरान गर्भवती स्त्रियों को अपने पास एक नारियल रखना चाहिए और ग्रहण समाप्त हो जाने के बाद इसे नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
☸ इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर नारियल को रोक लगाकर रहना चाहिए इससे गर्भ में पल रहे शिशु के ऊपर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नही पड़ेगा।
☸ ग्रहण लगने के दौरान अपने मन ही मन में ईश्वर का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
☸ सूर्य ग्रहण लगने के दौरान भोजन न पकाएँ बल्कि तुलसी का पत्ता इस समय आप खा सकते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पत्ते से राहु और केतु के बुरे प्रभाव हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा ग्रहण लगने के दौरान घर के बाहर बिल्कुल भी न निकलें।
☸ सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण दोनों ही समय में भूलकर भी भोजन ग्रहण नही करना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव से उस समय सारे भोजन दूषित हो जाते हैं साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
☸ सूर्यग्रहण लगने के दौरान पूजा-पाठ जैसे कोई भी धार्मिक कार्य नही करने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय धार्मिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
☸ योग्य ज्योतिषियों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सूर्यग्रहण लगने के दौरान कैंची, सूई, ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल बिल्कुल नही करना चाहिए ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
☸ इसके अलावा सूर्यग्रहण लगने के दौरान गर्भवती महिलाओं को फल, फूल, पत्ते और लकड़ी बिल्कुल नहीं तोड़ना चाहिए ऐसा करने से गर्भवती महिलाओं को ग्रहण दोष लग सकता है।