क्या है जातक की कुण्डली में इन्द्र योग

हमारे ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अलग-अलग प्रभावों से बनने वाले योग काफी महत्वपूर्ण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन योगों में जन्म लेने वाला जातक अपने जीवन में बड़े बदलाव की अनुभूति करता है। शुभ योग से जातक को लाभ प्राप्त होता है तथा अशुभ योग से अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में 27 योग होते हैं जिसमें कुछ योग शुभ तो कुछ अशुभ होते हैं।

क्या है इन्द्र योग

ज्योतिष शास्त्र के 27 योगों में से एक योग है। इन्द्र योग यह एक अत्यन्त शुभ योग है। किसी भी जातक की कुण्डली में इस योग का बनना बहुत ही शुभ फलदायक होता है। जिस जातक की कुण्डली में यह योग होता है वह जातक अपने सभी रुके हुए कार्यों को पूर्ण करता है साथ ही भविष्य में सफलता के मार्ग खुल जाते हैं।

कैसे बनता है कुण्डली में इन्द्र योग

इन्द्र योग को शुभ योग माना जाता है यह तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुण्डली में चन्द्रमा से तीसरे स्थान पर मंगल हो और सातवें भाव पर शनि विराजमान हो वहीं शनि से सातवें भाव में शुक्र मौजूद हो और शुक्र से सातवें भाव में गुरु हो अगर तुला लग्न में और इन्द्र योग होता है तो जातक को बहुत मान प्राप्त कराता है।

साथ ही जातक सदा न्याय और धर्म के मार्ग में चलता है। वहीं जब यह योग जातक की कुण्डली में बनता है तो जातक को धन लाभ भी होता है।

किसी जातक की कुण्डली में चन्द्रमा से तीसरे स्थान पर मंगल हो और सातवें भाव पर शनि विराजमान हो वहीं शनि से सातवें भाव में शुक्र मौजूद और शुक्र से सातवें भाव में गुरु हो तो यह इन्द्र योग बनता है।

जिस जातक की कुण्डली में यह योग बनता है वह जातक काफी चतुर और बुद्धिमान होता है।

इन्द्र योग के फायदे

यदि किसी व्यक्ति की तुला लग्न हो और साथ ही इन्द्रयोग हो तो जातक को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसे लोग हमेशा न्याय और धर्म के मार्ग पर चलते है यह योग जिसकी कुण्डली में बनता है उसे धन लाभ होता है। इस योग के कुण्डली में बनने से व्यक्ति धनवान होता है।

इन्द्र योग के फल

जब किसी जातक की कुण्डली में इन्द्र योग बनता है तो जातक को बेहद लाभ होता है क्योंकि इन्द्र योग शुभ योगांे की श्रेणी में गिना जाता है। जिस जातक की कुण्डली में यह योग बनता है वह जातक काफी चतुर और रणनीतिज्ञ होता है इसी के साथ ऐसे जातक काफी बुद्धिमान भी होते हैं इसी कारण जातक को धन लाभ भी होता है साथ ही इस योग के कारण सभी अधूरे कार्य पूर्ण हो जाते है। इस योग में जातक को अत्यधिक धन की प्राप्ति होती है। इन्द्र योग में राज्य पक्ष के कार्य सफल होते हैं लेकिन ऐसे कार्य प्रातः दोपहर अथवा शाम को ही करने चाहिए। वहीं रात्रि को ऐसे कार्य नही करने चाहिए। साथ ही इन्द्र योग वाला जातक समाज में काफी मान-सम्मान प्राप्त करता है और काफी प्रसिद्धि भी होता हैं। इस योग के जातक भगवान में काफी विश्वास करते हैं साथ ही वह ईमानदारी से अपने कार्य को करने में यकीन करते हैं इसी के साथ इस योग के कारण जातकों को उनके पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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