चन्द्रमा की महादशा का फल

यदि चन्द्रमा लाभ स्थान मे भाग्येश से युति करता हो तो जातक के लिए चन्द्रमा की महादशा अत्यन्त सौभाग्य दायक रहती है। तथा वह अनेक तीर्थों की यात्रा करता है और जातक के घर मे भी मंगल कार्य होते है। यदि चन्द्रमा पूर्ण बली हो उच्च राशिगत हो स्वगृही हो केन्द्र अथवा त्रिकोण मे स्थिति हो तथा किसी भी अशुभ ग्रह से न तो दृष्ट हो न ही उससे युति करता हो तो चन्द्रमा की महादशा में जातक की पदोन्नति होती है और व्यवसाय मे वृद्धि भी होती है।
💠 यदि भाग्येश और कर्मेश दोनो से युक्त होकर चन्द्रमा भाग्य अथवा कर्म स्थान में ही स्थित हो तो जातक मंत्री पद भी प्राप्त कर लेता है।
💠 यदि चन्द्रमा धन भाव में उच्च राशि मे हो तो जातक को निश्चित रुप से पुत्र प्राप्ति होती है।
💠 यदि चन्द्रमा व्यय भाव में हो तो झूठे अभियोग से मान प्रतिष्ठा की हानि, कार्य व्यवसाय का नाश, मानसिक चिन्ता, देह कष्ट एवं दुण्र्यसनों से धन हानि आदि फल अनुभव में आते है।
💠 यदि चन्द्रमा अशुभ प्रभाव में हो क्षीण बली हो, अस्त हो, पापी ग्रहो से दृष्ट हो अथवा उनसे युक्त हो, शत्रुक्षेत्री हो तथा अशुभ भावों में स्थित हो तो जातक को चन्द्रमा की दशा का फल घोर दुखदायक रहता है। चन्द्रमा को मन व माता दोनो का कारक कहा गया है। इनकी महादशा दस वर्षों की होती है। चन्द्र को एक सौम्य ग्रह के रुप मे जाना जाता है। आइयें हम जानते है की चन्द्रमा की महादशा में प्राप्त होने वाले शुभ-अशुभ फलों के बारे में।

चंद्र महादशा के शुभ फल

यदि लग्न कुण्डली में चंद्र एक कारक ग्रह हों और शुभ स्थित भी हो तो जातक/जातिका को निम्न फल प्राप्त होने की संभावना है।
💠 कार्य व्यापार मे लाभ
💠 धन की प्राप्ति
💠 मान-सम्मान एवं यश की प्राप्ति
💠 पुत्री संतान की प्राप्ति
💠 हृदय स्वस्थ्य रहता है।
💠 सुख की प्राप्ति
💠 जलीय यात्राओं के शुभ अवसर प्राप्त होना
💠 राज्य से मान-सम्मान की प्राप्ति

चन्द्रमा की महादशा के अशुभ फल

यदि लग्न कुण्डली में चन्द्र एक अकारक ग्रह हों और अशुभ भाव में स्थित हो तो और पाप कर्तरी योग सेे प्रभावित हों तो जातक/जातिका को निम्न फल प्राप्त होते है।
💠 माता के सुख में कमी आती है।
💠 माता का स्वास्थ्य खराब रह सकता है।
💠परिवार से दूरी बढ़ जाना।
💠 धन व मान हानि होना।
💠 हृदय सम्बन्धी रोगों का होना।
💠 राज्य से दंड का भय।
💠 मकान, वाहन, जमीन सम्बन्धी मामलों से परेशानी बढ़ती है।

चंद्र के कुप्रभाव से बचने के उपाय

यदि लग्न कुण्डली में चन्द्र मारक है तो सोमवार को चंद्र से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करें जैसे- चीनी, सफेद, वस्त्र, मोती, चावल, दही आदि वस्तुओं जो सफेद रंग की हो तो अवश्य दान करें ऐसा करने से चन्द्रमा मजबूत होगें।
💠 सोमवार का व्रत करें।
💠 ओम सोम सोमाय नमः का 108 बार नियमित रुप से जाप करें।
💠 ओम नमः शिवाय का भी जाप करें यह आपको लाभ देगा।
💠 माता का सम्मान करें।
💠 मोती धारण करें।
Note- यहाँ पर हमने केवल चन्द्रमा की महादशा में प्राप्त होने वालें फलों की संभावना मात्रा व्यक्त की है। किसी भी उपाय को अपनाने अथवा कोई रत्न धारण करने से पूर्व किसी योग्य विद्वान से अपनी कुण्डली विश्लेषण अवश्य कराये।

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