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ज्येष्ठा अमावस्या 2023 | Jyestha Amavasya Benefit |

ज्येष्ठा अमावस्या 2023 | Jyestha Amavasya Benefit |

ज्येष्ठा अमावस्या 2023 | Jyestha Amavasya Benefit |

शनि-देव को न्याय के लिए जाना जाता है। ये एक न्यायप्रिय ग्रह हैं और उन्हीें के जयंती के रुप में ज्येष्ठा अमावस्या मनाया जाता है। जिसके कुण्डली में शनि से सम्बन्धित दोष होता है, वो ज्येष्ठा अमावस्या के दिन शनि दोष निवारण का उपाय भी करवा सकते है। हिन्दू धर्म में इस दिन महिलाएं पति के लम्बी आयु हेतु उपवास भी रखती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की आयु लम्बी होती है तथा व्रती को सौभाग्य एवं पुण्य की प्राप्ति होती है।

शनि की जन्म कथा

पौराणिक कथाओं तथा धर्म शास्त्र के अनुसार शनि भगवान सूर्य तथा देवी छाया के पुत्र है, ऐसा माना  जाता है कि सूर्यदेव का विवाह संज्ञा के साथ हुआ था और उनसे उन्हें तीन संतान मनु, यम और यमुना थें लेकिन विवाह के कुछ दिन पश्चात संज्ञा सूर्य देव के प्रकाश को सहन न कर सकी। इसलिए उन्हें अपने छाया को सूर्य देव की सेवा में छोड़ना पड़ा, सूर्य और छाया के मिलन से ‘शनि देव’ का जन्म हुआ परन्तु जब सूर्य देव को पता चला कि छाया असल ममें संज्ञा नही है तो वो क्रोधित हो गए तथा शनि देव को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया तभी से शनि और सूर्य में पिता पुत्र होने के बावजूद भी एक दूसरे के प्रति बैर और अहंकार का भाव उत्पन्न हो गया।

ज्येष्ठा अमावस्या का महत्व

धर्म ग्रंथो में ज्येष्ठा अमावस्या का अत्यधिक महत्व है, ज्येष्ठा अमावस्या के दिन ही शनि जयंती और वट सावित्री व्रत का पर्व मनाया जाता है, मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन नदी या जलाशय में स्नान दान, व्रत और पूजा-पाठ से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है, पितरों की तृप्ति के लिए अमावस्या के दिन पिण्डदान और श्राद्धकर्म करने का भी रिवाज है।

ज्येष्ठा अमावस्या पूजा-विधि

☸ ज्येष्ठा अमावस्या के दिन प्रातः काल उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र तीर्थ-स्थलों, नदियों तथा जलाशयों मे स्नान करें।
☸ स्नान के बाद सूर्य-देव को जल दें तथा बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
☸ तत्पश्चात पीपल के वृक्ष को जल दें और शनि-देव की आराधना उनके मंत्रो तथा चालीसा के द्वारा करें।
☸ स्त्रियां इस दिन वट सावित्री का व्रत रखें तथा यम देवता की पूजा भी करें।
☸पूजा के पश्चात ब्राह्मणों या जरुरतमंदों को अपने सामर्थ्यनुसार दान-दक्षिणा दें।

ज्येष्ठा अमावस्या 2023 शुभ तिथि एवं मुहूर्त

साल 2023 में ज्येष्ठा अमावस्या 19 मई 2023 दिन शुक्रवार को पड़ रहा है, अमावस्या तिथि का आरम्भ 18 मई 2023 को रात्रि 21ः44 से होगा तथा इसकी समाप्ति 19 मई 2023 को रात्रि 21ः24 पर होेगी।

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