अक्टूबर के माह में शनि मार्गी होने जा रहें है जिसके फलस्वरूप कुछ राशियों के जीवन पर इसका सकारात्क प्रभाव पड़ेगा तथा शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है शनि देव जातक को उसके क्रमों के अनुसार फल प्रदान करते है फलस्वरूप जो जातक अच्छे क्रम करते है उनको शुभ फल की प्राप्ति होती है तथा बुरे क्रम करते है उन्हे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। आने वाले अक्टूबर माह में शनिदेव मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान होंगे। वक्री अवस्था से तात्पर्य है कि शनिदेव उल्टी चाल चलने वाले है यह अवस्था मे शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैया से पीड़ित जातको के लिए अच्छी नहीं होती है लेकिन शनि के वक्री से कुछ राशि के जातको को शुभ परिणाम की प्राप्ति होगी।
शनि देव 23 अक्टूबर दिन रविवार को मार्गी होगें और इसी दिन घनतेश भी मनाया जाएगा। शनिदेव के मार्गी होने से जो जातक शनिदेव की महादशा से पीडित थे उन्हे राहत मिलेगी।
वर्तमान में शनि मकर राशि मे मार्गी होंगे। धनु, कुंभ और मकर राशि के युवकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तथा मिथुन और तुला राशि वालों पर रात्रि शनि का ढैया का प्रभाव हो तो यह स्थिति उनके लिए राहत देगी।
आपकी शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होगी आर्थिक क्षेत्र को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने का उपाय :-
🔯 प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ करें।
🔯 शनिवार के दिन काले तिल, उड़द और काले रंग के वस्त्रों का दान करें।
🔯 शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के समक्ष सरसो के तेल का दीपक जलाएं ।
🔯 हनुमान जी की आराधना करें शनि देव के कुप्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
🔯 शनि मंदिर जाकर शनिवार के दिन शनिदेव का दर्शन करें।