अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है, जो इस साल 29 अगस्त 2024 को पड़ रही है। इस वर्ष, अजा एकादशी के दिन 3 विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं, जिससे यह व्रत और भी महत्वपूर्ण हो गया है। जानें इस व्रत के दिन बन रहे इन तीन शुभ संयोगों और इस व्रत को करने के फायदों के बारे में।
अजा एकादशी 2024 की तिथि और समय
इस साल अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त, गुरुवार को रखा जाएगा। अजा एकादशी की तिथि 29 अगस्त को 01:19 एएम पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01:37 एएम पर समाप्त होगी।
अजा एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ संयोग
इस साल की अजा एकादशी के दिन तीन महत्वपूर्ण संयोग बन रहे हैं:
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गुरुवार का दिन:
भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार को है, जो खुद में एक शुभ संयोग है क्योंकि गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है।
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सर्वार्थ सिद्धि योग:
अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो 29 अगस्त को शाम 4:39 बजे शुरू होकर 30 अगस्त को सुबह 5:58 बजे समाप्त होगा। यह योग किसी भी कार्य में सफलता और समृद्धि लाने वाला होता है।
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सिद्धि योग:
व्रत वाले दिन सुबह सिद्धि योग का निर्माण होगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा। यह योग व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने वाला होता है।
अजा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त
अजा एकादशी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सूर्योदय के बाद से शुरू होता है। आप 29 अगस्त को सुबह 05:58 बजे से 07:34 बजे तक, 10:46 एएम से 12:22 पीएम तक, 12:22 पीएम से 01:58 पीएम तक और 01:58 पीएम से 03:34 पीएम तक पूजा कर सकते हैं।
अजा एकादशी व्रत के पारण का समय
अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7:49 बजे से 8:31 बजे के बीच होगा।
अजा एकादशी व्रत के 5 प्रमुख फायदे
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आर्थिक संकट से मुक्ति:
जो व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत रखता है, उसकी गरीबी दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
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कर्ज से छुटकारा:
यदि आप आर्थिक संकट या कर्ज से जूझ रहे हैं, तो अजा एकादशी का व्रत आपको श्रीहरि की कृपा से वित्तीय संकट से मुक्ति दिला सकता है।
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खोई हुई वस्तु की प्राप्ति:
यदि आपने अपनी कोई बहुमूल्य वस्तु खो दी है, तो अजा एकादशी का व्रत रखने से आपको वह वस्तु पुनः प्राप्त हो सकती है, जैसा कि राजा हरिश्चंद्र ने अपने खोए हुए राजपाट, धन, दौलत, पत्नी और पुत्र को पुनः प्राप्त किया था।
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संतान की सुरक्षा:
इस व्रत को करने से संतान सुखी रहती है और उन पर आने वाले संकट दूर होते हैं।
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पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति:
भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर पाप मिटते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, अजा एकादशी का व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ पहुंचाता है, बल्कि जीवन में आर्थिक समृद्धि और संकटों से मुक्ति भी दिलाता है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं, तो इस शुभ दिन पर व्रत अवश्य रखें।