अम्बर रत्न की बात करें तो यह रत्न वास्तव में एक प्राकृतिक ऊर्जा का भंडार माना जाता है। मान्यता के अनुसार हजारों वर्षो तक पृथ्वी के गर्भ में रहने से उसमें एक अलग प्रकार की ऊर्जा तथा जादुई शक्तियों का वास माना जाता है। इस रत्न को अपने हाथ में बाँधने से पहनने वाले जातक की पूरी तरह से रक्षा होती है साथ ही उससे निकलती हुई सकारात्मक ऊर्जाएं व्यक्ति के आसपास के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखती है आपको बता दें अम्बर रत्न एक ऐसा जीवाश्म है, जो की एक पेड़ का गोंद है यह समय के साथ-साथ सूखकर सख्त हो जाता है साथ ही यह एक मजबूत पत्थर में बदल जाता है। यह रत्न अपने विभिन्न रंगों में उपलब्ध होता है यह पीले रंग से लेकर लाल रंग तक के रंगों में पाया जाता है परन्तु अम्बर के उपरत्न का रंग सामान्यतः शहद के रंग जैसा होता है और इसी रंग का अम्बर अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। कई बार इस रत्न में कीड़े और पत्थर के कण भी पाये जाते हैं इसके अलावा इसमें पत्तियाँ, देवदार के वृक्षों की नोक, छोटे-छोटे पौधे और कुछ जन्तुओं के जीवाश्म भी पाये जाते हैं। अम्बर रत्न एक ऐसा रत्न है जिसमें से कपूर की गंध आती है और यदि इसे जला दिया जाए तो यह जल भी जाता है। इस रत्न को जर्मनी में ‘बर्नस्टीन’ फ्रेंच में ‘अम्ब्रे’ स्पेनिश में अंबर, अंग्रेजी में एम्बर और हिंदी में ‘कहरुवा’ कहा जाता है। प्राचीन समय के लोग इस रत्न का इस्तेमाल गहनों तथा धूप और दवाओं में भी करते थे।
अम्बर रत्न के गुण
इस रत्न के गुणों की हम बात करें तो यह रत्न आपकी आँखों के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति के गले और फेफड़े की ग्रन्थियों में सूजन हो तो ऐसे में यह रत्न पहन लेने से शरीर के अन्दर की अन्तः स्त्रावी ग्रंथियों तथा पाचन तंत्र के क्रिया कलापों के मध्य संतुलन बनाकर हमारे शरीर की सुरक्षा करने में मदद करता है। यह रत्न जातक के दाँत में दर्द, सिर दर्द, तनाव, सर्दी से होने वाले विकार पीलिया आदि से सम्बन्धित बीमारियों को दूर करने के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी माना जाता है। यह रत्न पहनने वाले व्यक्ति को उनके स्वास्थ्य में पूरी तरह से लाभ मिलता है तथा व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है। यह रत्न किसी जातक के अन्दर आए हुए अत्यधिक उत्साह और जोश को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह रत्न मानसिक उन्माद को शांत करने में सहायक होता है साथ ही एकाग्रता बढ़ाकर व्यक्ति में सीखने की प्रवृत्ति को भी जन्म देता है।
अम्बर रत्न से जातक को मिलने वाले लाभ
☸ बात करें अम्बर रत्न से मिलने वाले लाभ की तो इनका व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक महत्व होता है प्राचीन काल से ही इस रत्न को भूत-प्रेत और टोना-टोटका से सुरक्षित रहने के लिए ही मनुष्यों द्वारा गले में लाॅकेट या अंगूठी के रूप में धारण किया जाता है।
☸ अम्बर रत्न धारण करने से जातक की मानसिक शक्ति अत्यधिक मजबूत होती है शरीर के अन्य रोगों में राहत मिलने के साथ-साथ यह रत्न शरीर के विभिन्न हिस्सों को साफ रखने में भी मददगार साबित होता है।
☸ अम्बर रत्न को धारण करने से जातक के हृदय रोग दूर होते हैं यह रत्न पहनने से जातक के हृदय की गति नियंत्रित होने के साथ-साथ, बवासीर जैसे रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है। यदि किसी जातक को पीलिया रोग हुआ है तो यह रत्न इस तरह के रोग में अत्यधिक लाभ प्राप्त कराता है।
☸ यह रत्न अपने आप में इतना खास होता है खासकर के पुरुषों के लिए यह रत्न पुरुषों की अंदरुनी शक्ति बढ़ाने में मदद करता है साथ ही पुरुषों के वीर्य में वृद्धि करने में काफी लाभप्रद होता है।
☸ यह रत्न धारण करने से व्यक्ति का मन बहुत शांत रहता है साथ ही मन में आ रहे नकारात्मक विचारों को दूर करके उसे पूरी तरह से शुद्ध रखने में मदद करता है।
☸ यदि कोई जातक अम्बर रत्न धारण करता है तो उसे पहनने वाले जातको के मनोबल में तीव्र वृद्धि होती है साथ ही यह रत्न व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को भी पूरी तरह से स्वस्थ रखता है।
☸ इन सभी मिलने वाले लाभ के अलावा, यह रत्न कई अन्य तरह के लाभ भी देता है जैसे की यह व्यक्ति के भाग्य को जगाकर व्यापार में वृद्धि करता है साथ ही जातक की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करता है।
☸ इस रत्न को धारण करने से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है इसके अलावा व्यक्ति की लम्बी आयु सही निर्णय लेने की क्षमता साथ ही व्यक्ति की खोई हुई याददाश्त ठीक करके उसमे ऊर्जा प्रदान करने में बढ़ोत्तरी करता है।
☸ यह रत्न खासकर के बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। बच्चों के गले में यह रत्न बाँधने से वह हर तरह के रोग से दूर रहते हैं साथ ही दाँत निकलने की समस्या भी उन्हें नही होती है। यह रत्न छोटे बच्चों को हर बुरी नजर से बचाता है।
विशेषः- यह रत्न अन्य रत्नों की तरह हमेशा अधिक समय तक धारण करके नही रखना चाहिए कभी-कभी इसे उतार कर रख भी देना चाहिए। यदि संभव हो तो इस रत्न को दिन में धारण करके रात्रि में सोने से पहले उतार कर रख देना अत्यधिक उचित समझा जाता है।
अम्बर रत्न को कैसे धारण करें
अम्बर रत्न को एक आभूषण के तरह भी उपयोग में लाया जाता है इसलिए इस रत्न को अंगूठी, ब्रेसलेट या पेंडेंट इत्यादि में जड़वाकर धारण कर सकते हैं। कुछ योग्य ज्योतिषीयों के अनुसार यह शुक्र का उपयोगी रत्न माना जाता है तो कुछ के अनुसार यह बृहस्पति का उपयोगी रत्न होता है शुक्ल पक्ष के बृृहस्पतिवार और शुक्रवार के दिन ही इस रत्न को धारण करना चाहिए। इसके अलावा यदि आपकी कुण्डली में शुक्र या बृहस्पति अच्छे भावों के स्वामी होकर निर्बल अवस्था में स्थित हैं तो पुखराज के बदले इस उपरत्न को अवश्य धारण कर सकते है।
इसे धारण करने के लिए प्रातः काल में अंबर रत्न से जड़ित आभूषण को गंगा जल और गाय के कच्चे दूध से स्नान कराने के बाद धूप दिखाकर इसे धारण करना चाहिए शुभ मुहूर्त में धारण किये गये रत्नों की शुभता और पहनने वाले जातक के जीवन में उसका फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए योग्य ज्योतिषीयों द्वारा इसे शुभ मुहूर्त में धारण करने की सलाह दी जाती है।
रत्न कहाँ से लें
वैसे तो आपको कई तरह के रत्न हर जगह आसानी से मिल जायेंगे परन्तु यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं है कि आपको हमेशा उत्तम और उच्च गुणवत्ता वाला रत्न पूरी प्रमाणिकता और प्रमाणपत्र के साथ ही मिले। ऐसे में यदि आप प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता का अम्बर रत्न बिना किसी मन में आई दुविधा के शत प्रतिशत विश्वास के साथ लेना चाहते हैं तो Kundaliexpert से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस रत्न को दिये गये लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा उच्च गुणवत्ता वाला अम्बर रत्न प्राप्त करने के लिए इस 9818318303 दिये गये नम्बर पर सम्पर्क भी कर सकते हैं।
विशेष:- यह रत्नों की सामान्य जानकारी है। अतः आप कोई भी रत्न बिना किसी ज्योतिषी सलाह के न पहनें अन्यथा बुरे परिणाम मिल सकते हैं।