अलमानडाइन रत्न की बात करें तो हर व्यक्ति के जीवन में रत्न विशेष रूप से व्यक्ति पर प्रभाव डालते हैं। वास्तव में यह रत्न ही हमारी कुण्डली में स्थिति कमजोर ग्रह को मजबूत करने का काम करते हैं। शास्त्रों में कुछ रत्न ऐसे भी बताये गये हैं जो की बेहद ही प्रभावी होते हैं और उन रत्नों के माध्यम से व्यक्ति मालामाल भी हो सकता है साथ ही उसके जीवन में आई परेशानियाँ भी कम हो सकती हैं। यदि हम सूर्य के मुख्य रत्न की बात करें तो वह माणिक्य होता है परन्तु हर कोई इसे खरीद पाने में असमर्थ होता है इसलिए इसके उपरत्न के रूप में ‘रेड गार्नेट’ को वर्णित किया गया है इसे हम अंग्रेजी में ‘अलमानडाइन’ के नाम से भी जानते हैं। लाल गार्नेट भी सूर्य के शुभ और मजबूत प्रभावों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। इस उपरत्नों मे भी माणिक के समान ही अत्यधिक गुण पाये जाते हैं। इस रत्न को रक्तमणि या तामड़ा के अन्य नामों से जाना जाता है दिखने में यह रत्न एकदम गहरा लाल होता है अतः सूर्य से मिलने वाले अशुभ प्रभावों में इसे धारण करना लाभदायक होता है।
अलमानडाइन या ( रेड गार्नेट) रत्न धारण करने के लाभ
☸ अलमानडाइन या रेड गार्नेट रत्न धारण करने से मिलने वाले लाभ के बारे में बात करें तो यह रत्न धारण करने से जातक की आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस रत्न को धारण करने वाले जातकों के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती हैं।
☸ सूर्य के अशुभ प्रभावों से कई बार जातक अपनी शारीरिक बीमारियों से ग्रसित रहता हैं। सूर्य के अशुभ या विपरित प्रभाव से व्यक्ति की मानसिक क्षमता विकृत होने लगती है, इसके अलावा जातक ह्रदय से सम्बन्धित रोग, रक्तचाप, नेत्र रोग तथा मस्तिष्क से सम्बन्धित कई समस्याओं से परेशान रहता है ऐसे में गार्नेट रत्न धारण करना जातक के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है।
☸ इस रत्न को धारण करने वाले जातक की सोच समझ बहुत अच्छी होती हैं इसकी बुद्धि अत्यधिक तेज होती हैं। व्यक्ति की चेहरे की आभा बहुत ही आकर्षण युक्त होती है इस रत्न को धारण करने वाले जातक अपनी सूझबूझ से कठिन से कठिन समस्या का समाधान करने में सक्षम होता है साथ ही व्यक्ति की तार्किक क्षमता में वृद्धि भी होती है।
☸ इस रत्न को धारण करने से जातक को एक अच्छे आचरण की प्राप्ति होती है इसके अलावा जातक के सकारात्मक उत्साह में भी वृद्धि होती है जिससे जातक के नेतृत्व क्षमता में सुधार देखने को मिलता हैं। यह रत्न जातक के वित्त विषयों से सम्बन्धित चीजों में लाभ पहुँचाने में सक्षम होते हैं।
☸ गार्नेट या अलमानडाइन रत्न धारण करने से जातक के रक्त सम्बन्धित विकार जल्द ही दूर हो जाते हैं यह रत्न वास्तव में रक्त को शुद्ध करके शरीर को ऊर्जावान रत्न और क्रांतिवान बनाये रखने में मदद करता है इसलिए त्वचा से संबंधित रोगों में भी योग्य ज्योतिषीयों द्वारा गार्नेट पहनने की सलाह दी जाती है।
☸ यदि किसी जातक का व्यापार सही से नहीं चल पा रहा तो इन्हें अपने व्यापार क्षेत्र में तरक्की प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 ग्राम का गार्नेट अपने कार्यस्थल पर रखी हुई तिजोरी में रखना चाहिए ऐसा करने से शेयर मार्केट, सट्टा और लाॅटरी में पूर्ण सफलता की प्राप्ति होती है।
☸ जो जातक हर समय यात्रा करते हैं या फिर यात्रा करके ही कोई जाॅब कर रहे हैं उन्हें रेड गार्नेट (अलमानडाइन) अवश्य धारण करना चाहिए यह रत्न जातक के यात्रा के दौरान हर समय उनकी सुरक्षा करता है। इसके अलावा जिन लोगों को किसी प्रकार का अनजाना भय रहता है तथा जो जातक हमेशा अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं उनके लिए भी यह रत्न अत्यधिक लाभदायक होता है।
किस राशि के जातक धारण कर सकते हैं रेड गार्नेट (अलमानडाइन)
सूर्य यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में कमजोर हो तो ऐसे में सूर्य को मजबूत करने के लिए रेड गार्नेट पहनने की योग्य ज्योतिष के द्वारा सलाह दी जाती है क्योंकि बिना किसी सलाह के रत्न धारण करना बिल्कुल ही गलत होता है ऐसा करने से इसके विपरीत प्रभाव जातक पर पड़ सकते हैं जिससे बहुत सी परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती है। किसी योग्य ज्योतिष की सलाह से मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक तथा धनु लग्न के जातक रेड गार्नेट रत्न अवश्य धारण कर सकते हैं। इसके अलावा सूर्य के कमजोर या नीच होने की स्थिति में भी यह रत्न धारण कर सकते हैं।
किस माह में जन्मे जातकों के लिए शुभ है रेड गार्नेट
रेड गार्नेट (अलमानडाइन) रत्नों की बात करें तो यह रत्न विशेष रूप से जनवरी माह में जन्म लेने वाले जातकों के लिए सबसे ज्यादा भाग्यशाली रत्न होता है इस माह में जन्मे जातक इस रत्न को धारण करने से उनके जीवन में प्रगति सुख, समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, सुख शांति सामाजिक रूप से मान-सम्मान तथा आर्थिक उन्नति लाने में पूरी तरह से मदद करता है इसलिए इन सभी शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए जनवरी माह में जन्में जातकों को गार्नेट रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
सूर्य के इस उपरत्न को कैसे धारण करें
सूर्य के इस उपरत्न को धारण करने से पहले इसे ताँबे सोने या पंचधातु में जड़वाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। यदि कोई जातक इस रत्न को ज्योतिषीय सलाह से धारण करना चाहता है तो धारण करने के लिए इसकी सही विधि जान लेना अति आवश्यक होता है इस रत्न को शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन धारण करना अत्यधिक उत्तम माना जाता है। इसे गले के लाॅकेट या अंगूठी में जड़वाकर सूर्य की अनामिका उंगली में ही धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले रविवार के दिन स्नान आदि करने के बाद गाय के कच्चे दूध और गंगाजल के पवित्र मिश्रण से शुद्ध करके विधिपूर्वक पूजा करें पूजा करने के बाद अंगूठी को पूजा के स्थान पर रखें और पूजा करते हुए सूर्य के बीज मंत्र ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का 108 बार जाप करते हुए सूर्यदेव का स्मरण करें और अपने अच्छे स्वास्थ्य, धन, व्यापार और सुख की कामना के लिए रविवार के दिन सूर्योदय के बाद ही धारण करें।
रत्न कहाँ से लें
वैसे तो आपको कई तरह के रत्न हर जगह आसानी से मिल जायेंगे परन्तु यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं है कि आपको हमेशा उत्तम और उच्च गुणवत्ता वाला रत्न पूरी प्रमाणिकता और प्रमाणपत्र के साथ ही मिले। ऐसे में यदि आप प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता का रेड गार्नेट (अलमानडाइन) रत्न बिना किसी मन में आई दुविधा के शत प्रतिशत विश्वास के साथ लेना चाहते हैं तो Kundaliexpert से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस रत्न को दिये गये लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा उच्च गुणवत्ता वाला रेड गार्नेट (अलमानडाइन) रत्न प्राप्त करने के लिए इस 9818318303 दिये गये नम्बर पर सम्पर्क भी कर सकते हैं।
विशेष:- यह रत्नों की सामान्य जानकारी है। अतः आप कोई भी रत्न बिना किसी ज्योतिषी सलाह के न पहनें अन्यथा बुरे परिणाम मिल सकते हैं।