इंदिरा एकादशी का पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन शालीग्राम की पूजा का व्रत रखा जाता है। यह संक्रान्ति आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के एकादशी पर पड़ती है। इसलिए यह संक्रान्ति एकादशी श्राद्ध के नाम से भी जानी जाती है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त करवाना है। इसके साथ इस व्रत को करने से विष्णु जी की कृपा बनी रहती है तथा सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। एकादशी के दिन सूर्यो उदय से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। इस पर्व पर भगवान विष्णु को वैदिक मंत्रो और भजन द्वारा भी प्रसन्न किया जाता है। जिसके फलस्वरुप कृष्ण जी की कृपा सदैव बनी रहें।
इंदिरा एकादशी व्रत पूजा विधिः-
इंदिरा एकादशी पर विधि विधान के अनुसार व्रत रखें।
☸ आज के दिन उपासको को किसी जलाशय अथवा नदी में पितरों का तर्पण करना चाहिए।
☸ आज के दिन उपासक निर्जला व्रत रखें तथा व्रत तोड़ते समय अपने सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दें।
☸ किसी विद्वान् पण्डित से विधिपूर्वक श्राद्ध करायें और गाय एवं कौए को भोजन खिलाने के बाद ही स्वयं भोजन करें।
☸ रात के समय में एकादशी व्रत की कथा सुनें।
इंदिरा एकादशी का शुभ मुहूर्तः-
इस वर्ष 2022 में इंदिरा एकादशी 21 सितम्बर को पड़ रही है तथा एकादशी तिथि का प्रारम्भः- 21 सितम्बर 2022 को शाम 04ः42 से समापन 22 सितम्बर 2022 को 02ः09 तक रहेगा।