कहा पाया जाता है शालिग्राम

शालिग्राम एक पर्वत है और इसे भगवान का स्वरुप माना जाता है। शालिग्राम नेपाल की पवित्र गंडका , नारायणी नदी की तली या किनारे में पाये जाते है और गंडका नदी मुक्ति नारायण से निकलती है। पौराणिक कथाओं मे वर्णन किया गया है कि भगवान के कपल से गंडस्थल से दामोदर कुंड से जो धारा निकलती है उसे गंडका नदी कहते है तब गंडका ने भगवान से प्रार्थना की आप मेरे पुत्र बनकर आए और मेरे गर्भ मे वास करें। कहा जाता है गंडका एक वैश्य कन्या थी भगवान ने उनसे कहां तुम गंडकी बनोगी और एक ही नही अनेक रुपों में तुम्हारे गर्भ ही वास करुंगा इसलिए शालिग्राम शिला गंडकी नदी की तीली से पाए जाते है।

हमारे हिन्दू धर्म में शालिग्राम का महत्व

शालिग्राम वैष्णव समाज के लोगो के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। जितना शैव परम्परा के लिए शिवलिंग है। शालिग्राम भगवान विष्णु का निराकार रुप माना जाता है जैसे शिवलिंग भगवान शिव का निराकार रुप है वैसे तो शालिग्राम एक शिला है पर हिन्दू धर्म में इसका महत्व परमेश्वर के स्वरुप में है। शालिग्राम गोलाकार और काले रंग का होता है। वही बात करें कि इसका नाम शालिग्राम कैसे पड़ा तो यह गंडक नदी के निकट बसे एक गांव सालग्राम के नाम के चलते यह नाम पड़ा है। शालिग्राम को भगवान विष्णु जी का रुप माना गया है। जिन्हें तुलसी से श्राप मिलने के कारण वे एक शिला रुपी शालिग्राम में परिवर्तित हो गये थे।

कैसे करें शालिग्राम की पहचान

इसको पहचाने के लिए सबसे पहले शालिग्राम का आकार देखा जाता है। यदि वह शालिग्राम गोलाकार है तो वह भगवान विष्णु का गोपाल रुप माना जाता है। वही भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार वाला शालिग्राम मछली के आकार का प्रतीत होता है। कछुएं के अवतार वाला शालिग्राम श्री हरि के कच्छप अवतार जैसा प्रतीत होता है। शालिग्राम को तुलसी के निकट रखने के साथ ही घर मन्दिर में रखना चाहिए।

महिलाओं को शालिग्राम की पूजा क्यो नही करनी चाहिए

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाएं और विवाहित स्त्रियों को शालिग्राम का स्पर्श नही करना चाहिए। इसके लिए एक विशेष श्लोक में वर्णन है।

असत्यछुद्रगंत दांस निषेधं विद्वि मानद्।
स्त्रीणामचिप साध्वीन नैवाथावः प्रकीर्तिताः।।

शालिग्राम जी को घर में रखने के पूजा सम्बन्धी नियम

☸ शास्त्रों के अनुसार शालिग्राम जी को किसी संत आदि से लेकर ही अपने घर में रखना चाहिए। यह बहुत शुभ माना जाता है।
☸ शालिग्राम जी को न विवाहित व्यक्ति से लेना चाहिए और न किसी विवाहित व्यक्ति को देना चाहिए।
☸ यदि आपके घर में शालिग्राम जी है तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
☸ शालिग्राम जी की पूजा करते समय ध्यान रखें की उनके उपर अक्षत चढ़ाना वर्जित माना गया है। यदि किसी स्थिति में अक्षत का प्रयोग कर रहे है तो हल्दी से रंगने के बाद ही करें।
☸ शालिग्राम जी विष्णु जी का प्रतीक व उनका स्वरुप है इसलिए इनकी पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहिए।
☸ यदि घर में शालिग्राम जी रखे है और उनकी पूजा करते है तो नियमपूर्वक प्रतिदिन पूजन करना चाहिए।

 

307 Views
× How can I help you?