किस व्यक्ति को लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए

बात करें हम लहसुनिया रत्न की तो जब कभी भी हमारी जन्मकुण्डली में केतु ग्रह किसी गलत भाव में उपस्थित हो या फिर उसकी दृष्टि किसी गलत जगह पर पड़ रही हो तो इन सबके बुरे प्रभावों से बचने के लिए ही लहसुनिया रत्न पहना जाता है। हम हमारे इस ज्योतिष विज्ञान की मैगजीन में ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के द्वारा नीचे दिये गये निम्न स्थितियों में लहसुनिया रत्न को पहनने की सलाह देते है। इन स्थितियों में यह रत्न पहनना आपके लिए शुभ फलदायक हो सकता है।

☸ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि केतु ग्रह की दूसरे भाव पर, तीसरे भाव पर पाँचवे भाव पर, नौवे भाव पर, नौवे भाव तथा दसवे भाव पर दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में जातक अवश्य रुप से लहसुनिया रत्न धारण कर सकते है। यदि कुण्डली में इनमें से कुछ भी अलग हो तो ऐसे मे ये रत्न बिल्कुल भी न धारण करें।

☸ किसी जातक की जन्मकुण्डली में यदि मंगल ग्रह, बृहस्पति ग्रह या फिर शुक्र ग्रह के साथ केतू की उपस्थिति हो तो ऐसे में आप लहसुनिया रत्न अवश्य रुप से धारण कर सकते है।

☸ किसी जातक की कुण्डली में सूर्य के साथ केतू ग्रह की उपस्थिति हो या फिर केतू पर सूर्य की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे में भी आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते है परन्तु किसी भी तरह से इनसे अलग योग होने की स्थिति में आप बिल्कुल भी यह रत्न धारण ना करें।

☸ किसी जातक की कुण्डली में किसी शुभ ग्रह के उप स्वामी का केतू यदि नक्षत्र का स्वामी हो या कुण्डली के पंचम भाव के उपस्वामी के नक्षत्र के स्वामी के साथ केतू की उपस्थिति हो तो ऐसे में जातक अवश्य रुप से लहसुनिया रत्न धारण कर सकते है इनसे अलग योग के होने की स्थिति में आप यह रत्न बिल्कुल भी ना धारण करें।

☸ किसी जातक की कुण्डली में धन के भाव का स्वामी, भाग्य के भाव का स्वामी या फिर चौथे भाव के उपस्वामी के नक्षत्र स्वामी पर केतू ग्रह की दृष्टि होने पर या फिर केतू की महादशा या अन्र्तदशा चल रही हो तो ऐसे में आप लहसुनिया रत्न धारण कर सकते है।

☸ किसी जातक की कुण्डली में केतू ग्रह पीड़ित या नीच राशि में बैठकर शुभ प्रभाव दे रहा है तो ऐस में आप केतू का रत्न लहसुनिया रत्न धारण कर सकते है साथ ही अचानक से धन प्राप्ति की इच्छा रखने वाले तथा शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले लोग भी केतू के इस रत्न को धारण कर सकते है।

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