कुण्डली की यह स्थिति आपको बनायेगी श्रेष्ठ भविष्यवक्ता | Best predictor Benefit |

ज्योतिष विज्ञान के प्रति जातक को सदैव जिज्ञासा रहती है लेकिन जीवन में होने वाली या हो रही घटनाओं को समझने के लिए फलित ज्योतिष का ज्ञान होना अति आवश्यक है। एक जातक को ज्योतिष बनने के लिए कुण्डली के कुछ भावों और ग्रहों का साथ अत्यन्त आवश्यक हैं,तो आज हम इसकी सम्पूर्ण जानकारी ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी द्वारा समझेंगेः-

वे कौन से ग्रह,योग एवं ग्रह स्थितियाँ होती है जिनके फलस्वरुप जातक एक श्रेष्ठ भविष्यवक्ता बन सकता है ?

शुभ अवस्था में गुरु की स्थिति

ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सबसे अच्छा ग्रह माना जाता है तथा गुरु ज्ञान का प्रतीक एवं शुभ कार्यों का दाता माना जाता है। श्रीमद् भागवत गीता में कहा गया है कि ‘‘ गहना कर्मणो गतिः ’’ जिसका अर्थ है कर्म की गति गहन है। मनुष्य के संचित कर्मों से ही प्रारब्ध का निर्माण होता है।

जातकों की कुण्डली में जो भी शुभ या अशुभ योग बनते हैं वह उनके पूर्व जन्मों के कर्मों का ही फल होता है। गुरु, ज्ञान, आस्था, बुद्धि-विवेक एवं अध्यात्म का कारक माना जाता है। अतः एक उत्तम ज्योतिषी बनने के लिए गुरु की शुभ स्थिति होना अनिवार्य है। एक ज्योतिषी की कुण्डली में गुरु केंद्रस्थ, लाभस्थ, स्वगृही, उच्चग्रही, उच्चभिलाषी होना आवश्यक होता है।

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शुभ बुध की स्थिति

ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि विवेक तथा वाणी का कारक माना जाता है और एक स्पष्ट वक्ता के लिए बुध का मजबूत होना अति आवश्यक है। बिना वाणी को सिद्ध किए एक सफल ज्योतिषी नहीं बन सकते हैं। बुध को जन्म कुण्डली में शुभता प्राप्त करने के लिए केन्द्रस्थ, त्रिकोण भाव, लाभ भाव एवं उच्च राशि में होना आवश्यक है।

सूर्य की शुभ स्थिति

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। यदि सूर्य शुभ अवस्था में हो तो जातक का आत्म विश्वास बना रहता है। एक श्रेष्ठ भविष्य वक्ता बनने के लिए आध्यात्मिक रुप से समृद्ध होना आवश्यक है। आध्यात्मिक ज्योतिषी के लिए सूर्य का केन्द्र भाव, त्रिकोण भाव, लाभ भाव एवं उच्च भाव में रहना आवश्यक है।

बुध एवं गुरु की युति

ज्योतिष शास्त्र के नियमानुसार बुध एवं गुरु के परस्पर प्रबल संबंध के बिना कोई जातक श्रेष्ठ भविष्यवक्ता नही बन सकता, विद्वान भविष्यवक्ता की जन्म कुण्डली में बुध एवं गुरु का पारस्परिक संबंध होना आवश्यक माना जाता है। ये संबंध चार प्रकार के होते हैं। बुध -गुरु की युति, बुध -गुरु का दृष्टि संबंध, बुध- गुरु अधिष्ठित राशि स्वामी का दृष्टि संबंध तथा बुध-गुरु का परस्पर राशि परिवर्तन करें।

पंचम एवं पंचमेश

जन्म कुण्डली का पंचम भाव एवं पंचमेश की स्थिति उच्च शिक्षा एवं बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। एक अच्छा ज्योतिषी बनने के लिए पंचमेश शुभ भावों में स्थित होना चाहिए तथा पंचम भाव शुभ ग्रहों से दृष्ट होना चाहिए अर्थात पंचमेश एवं पंचम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं होना चाहिए।

अष्टम भाव एवं केतु की महत्ता

ज्योतिष शास्त्र में अष्टम भाव को आयु के साथ-साथ गुढ़ विद्याओं का कारक भाव माना जाता है तथा केतु को मोक्ष का कारक माना जाता है यदि अष्टम भाव का संबंध किसी प्रकार से केतु से सम्बन्धित हो तो जातक को परमविद्या का लाभ प्राप्त होता है। एक सर्वश्रेष्ठ ज्योतिष बनने के लिए कुण्डली में लग्नेश का बलवान होना अति आवश्यक है अथवा लग्नेश राजयोग का निर्माण कर रहो हो। किसी भी जातक की कुण्डली में लग्न उसका स्वभाव तथा लक्षण बताता है।

ज्योतिष शास्त्र में एक उत्तम ज्योतिषी बनने के लिए कुछ विशेष योगो एवं ग्रह स्थितियों का होना आवश्यक होता है।

एक श्रेष्ठ ज्योतिषी बनने के लिए दूसरे भाव का संबंध गुरु, शुक्र एवं बुध से होना चाहिए इस कार्य में वाणी की महत्ता अधिक है और वाणी भाव का स्वामी जब पंचमेश, अष्टमेश के साथ राजयोग का निर्माण करता है तब जातक की वाणी बहुत प्रभावशाली होती है।

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कुण्डली का पंचम भाव पिछले जन्म को दर्शाता है तो वहीं आठवां भाव गूढ़ विद्याओं का कारक माना जाता है। आठवें भाव में बैठा ग्रह दूसरे भाव को देखता है तो ऐसी स्थिति में जब पंचमेश, अष्टमेश के साथ उसी भाव में विराजमान हो और शनि से भी संबंध हो तो जातक त्रिकालदर्शी होता है।

बुध को गणित माना जाता है और गुरु ज्ञान है तथा चन्द्रमा मन का कारक होता है। यदि बुध, गुरु एवं चन्द्रमा पूर्ण बलवान होकर वाणी भाव अर्थात लग्न से द्वितीय भाव,पंचम भाव, भाग्य भाव में विराजमान हो तो ऐसा जातक निश्चित रुप विद्यवान होता है।

कुण्डली में फलित शनि आठवें भाव का कारक माना जाता है तथा केतु अध्यात्म का कारक माना जाता है। प्रायः गुरु शनि केतु का आपस में संबंध जातक को गुढ़ रहस्यों का स्वामी बना देता है।
गुरु शनि राशि परिवर्तन, बुध, गुरु का राशि परिवर्तन, आठवें भाव का राजयोग बनाकर केतु के साथ आना ये सब योग होने से जातक उत्तम ज्योतिषी होता है।

 

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