जब कुण्डली में किसी भी राशि में सूर्य और चन्द्रमा की युति होती है तो यह अमावस्या दोष बनता है इस दोष का प्रभाव इतना प्रबल होता है कि सूर्य के प्रभाव में चन्द्रमा अपनी ताकत व सकारात्मकता खो देता है और कमजोर हो जाता है। जन्म कुण्डली में इस दोष के होने से जातक को कोई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है अमावस्या के दिन सूर्य की ऊर्जा के कारण चन्द्रमा की सारी शक्ति नष्ट हो जाती है। परिणाम स्वरुप जातक को सूर्य चन्द्र अमावस्या दोष होता है और इसके परिणाम स्वरुप जातक को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं वित्तीय नुकसान करियर की बाधाएं आती है।
कैसे बनता है जातक की कुण्डली में अमावस्या दोष
यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमावस्या जैसी तिथि को होता है तो उस जातक की कुण्डली में अमावस्या दोष बनता है और काफी अशुभ माना जाता है। चन्द्रमा मन और भावनाओं का कारक और सूचक माना जाता है और सूर्य को किसी भी राशि में एक साथ आने वाली प्रतिनिधित्व करता है और तब अमावस्या दोष बनता है। जो शारीरिक और मानसिक अशांति को प्रभावित करता है।
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आइए जानते है प्रत्येक राशि पर सूर्य चन्द्र अमावस्या दोष का प्रभाव
मेष राशिः- इस राशि में एक नया चन्द्रमा उपस्थित आपको महसूस कराया की आप एक नौकरी से दूसरी नौकरी में जाना चाहते है।
वृष राशिः- इस राशि में अमावस्या वृषभ राशि की तीव्रता को बढ़ाता है और जब आप जीवन में कठिन परिस्थितियों को निपटने में सक्षम होते है।
मिथुन राशिः- इस राशि के जातक का स्वभाव दोहरा होता है और यह हमेशा एक वृशिष्ट ऊर्जा को आकर्षित करती है। यह जातक किसी भी बात को लेकर हमेशा उत्साहित रहते हैं तो भी वही यह लोग किसी भी बात को लेकर अधिक चिंतित भी रहते है।
कर्क राशिः- इस राशि के जातकों के लिए स्वामी ग्रह चन्द्रमा होता है और यह हमेशा ऊर्जा को प्रभावित करता है।
सिंह राशिः- इस राशि वालो को अमावस्या सकारात्मक नही होती है। यह हमेशा दिवा स्वप्न में खोये रहेंगे। ऐसे जातक अपनी समस्या का समाधान नही निकाल पाने में सक्षम नही हो पाते है।
कन्या राशिः- अमावस्या कन्या राशि वालों को नीचे की ओर धकेलती है। आप अपने पारिवारिक मामलों के लिए जिम्मेदार होंगे और समय बहुत कठिन रहेगा।
तुला राशिः- इस राशि के जातकों के जीवन में कई बदलाव हो सकते हैं। आपको अच्छी चीजों की जरुरत होगी लेकिन आपको वह हमेशा नही मिल सकती।
वृश्चिक राशिः- इस राशि के जातक अधिक निराशा जनक हो सकते हैं और आपको यकीन नही होगा कि अगले पल आपके साथ क्या होगा।
धनु राशिः- यदि आप इस राशि के जातक है तो आपको अमावस्या प्रभावित नही कर सकती तथा आपको साहसी गतिविधियां पसंद आयेगी।
मकर राशिः- इस राशि के जातक उन गतिविधियों से मजबूत लाभ की उम्मीद कर सकते हैं जिनसे वह प्रेम करते हैं या पसंद करते हैं लेकिन करियर से जुड़े मुद्दे हमेशा चलते रहेंगे।
कुंभ राशिः- इस राशि वालों को अपनी समाज में परिवर्तन लाने वाली योजनाओं को पूरा करना होगा और जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
मीन राशिः- इस राशि के जातकों के लिए जीवन में कई सपने सच होंगे लेकिन फिर भी मनचाहा न मिलने के कारण दुखी रहेंगे।
सभी जातकों पर अमावस्या दोष के अन्य प्रभाव
☸ अमावस्या दोष के दौरान जातक का बुरा समय खत्म हो जाता है।
☸ कुण्डली में चन्द्रमा को बलवान हो तो यह दोष वित्तीय मुद्दों को दूर करता है और बाधाओं को दूर करने की ताकत देता है।
☸ मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और करियर के विकास में सुधार करता है सम्बन्धों से जुड़ी समस्याओं को समाधान निकालने में सक्षम बनाता है।
☸अवसाद और चिंता को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
☸ मन शांत रहता है और दिमाग स्थिर हो जाता है।
☸ जातक का माता से सम्बन्ध अच्छा नही रहेगा।
☸ जातक को अपनी माता का आशीर्वाद प्राप्त नही होगा।
☸ जातक के जीवन में कई अशुभ घटनाएं हो सकती है।
☸ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की परेशानियां हो सकती है।
☸ जातक के जीवन में संकट व विपत्ति आते रहते हैं।
☸ जातक को भविष्य से सम्बन्धित समस्याएं आ सकती है।
अमावस्या दोष पूजा के उपाय
☸ आने वाली सभी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करें।
☸ अपने बड़ों का विशेषकर अपने माता-पिता का अनादर न करें।
☸ अमावस्या के दिन गरीबों और जरुरतमंदों को चावल, गुड़ और दूध जैसी खाद्य सामग्री का दान करें।
☸ देवी काली की पूजा करें क्योंकि वह प्राथमिकता है जो अमावस्या दोष को कम करने में सहायक होती है।
☸ शिव की पूजा करें और सोमवार को 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करें।
☸ अमावस्या के दिन शाकाहारी भोजन करें।
अमावस्या के दिन दान करने वाली वस्तुएं
☸ अमावस्या के दिन चांदी की वस्तु या पात्र दान करना अत्यन्त शुभ होता है।
☸ इस दिन तिल, नमक, रुई, गाय आदि वस्तुएं दान करना ज्योतिष में काफी शुभ माना जाता है।
अमावस्या के दिन किसी नये कार्य को आरम्भ करने कैसा होता है
☸ हमारे धर्म में अमावस्या के दिन को एक त्यौहार के रुप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है की इस दिन पूर्वजों की आत्माएं अपने जीवित परिवार के सदस्यों के साथ उत्सव का आनन्द लेने आती है।
☸ अमावस्या के दिन स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है और किसी भी नये कार्य की शुरुआत की जाती है।
☸ अमावस्या काला होने के बावजूद भी इस दिन को शुभ माना जाता है।
☸ इस दिन भक्त शिव मंदिर में जाते हैं। उपवास करते है। मन आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते है जो उन्हें इस जीवनकाल में आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में मदद करेगा।
क्या होता है जब अमावस्या के दिन होता है किसी कन्या का जन्म
इस दिन जन्म लेने वाली कन्याएं अत्यन्त शक्तिशाली मानी जाती है। हालांकि यह मान्यता भी प्रचलित है की इस दिन जन्मी लडकियों को बहुत आसानी से बहकाया जा सकता है और लोग इनकी मासूमियत का बहुत फायदा भी आसानी से उठा सकते हैं। यह कन्याएं बहुत ही सरल स्वभाव की होती हैं तथा इनकी सुंदरता और चरित्र दोनों ही बहुत मधुर होता है।
कैसा होता है अमावस्या के दिन विवाह करना
चन्द्रमा मन के कारक होते है इसलिए विवाह के प्रयोजनों के लिए अमावस्या के तीन दिन से पहले और अमावस्या के तीन दिनों के बाद अमावस्या के चन्द्रमा की स्थिति में रहने से पहले शुभता या किसी भी नकारात्मकता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। जिसके कारण चन्द्रमा अपना सकारात्मक प्रभाव नही दे पाता है।