भारत के आजाद होने के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की बैठक में भारत के स्थायी प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवम्बर 1947 को डा. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। 26 जनवरी 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। उसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गौरव पूर्ण राष्ट्रीय त्यौहार
हम भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है। इस दिन की खास महत्ता है और इसमें लोगो द्वारा कई सारे कार्यक्रम में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बार-बार इसका हिस्सा बनने के लिए इस दिन को बहुत उत्सुकता से इन्तजार करते है। अलग-अलग राज्यों मे इस राष्ट्रीय त्यौहार को मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीने पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षाकर्मियों से इंडिया गेट पर लोगो के आवागमन पर रोक लगा दी जाती है। जिससे किसी भी तरह की घटना होने से पहले रोका जा सके इससे उस दिन वहंा मौजूद लोगो की सुरक्षा भी निश्चित हो जाती है। पूरे देश मे इस दिन सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय ध्वजों मे उल्लास रहता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति के साथ होता है। हर राज्य में अपनी-अपनी विविधता के लिए झाकी प्रस्तुत की जाती है। देश के लिए अपना बलिदान करने वाले सेना बलों के सभी जवानों को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर पुष्पांजलि अर्पण करने के साथ समारोह का प्रारम्भ होता है। पुष्पांजलि के बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद राष्ट्रगान होता है। इसके बाद साहस और वीरता के कार्यों के लिए सेना और जनता के कुछ सदस्यों को वीरता पुरस्कार प्रदान किये जाते है। यह पूरा होने के बाद परेड शुरु होता है। परेड एक भव्य आयोजन है और राष्ट्रपति के लिए किसी अन्य देश के प्रमुख को हमेशा आमंत्रित किया जाता है। परेड के समय सैन्य बल का प्रदर्शन किया जाता है। साथ ही सम्पूर्ण भारतवर्ष की सांस्कृतिक झाकियां भी निकाली जाती है। परेड शुरु होने पर सम्मान पुरस्कार पाने वाले व्यक्तियों को भारत में अपनी सेवा के लिए राष्ट्रपति के सामने ले जाया जाता है। उसी समय हेलीकाप्टर ब्रिगेड इंडिया गेट के उपर से उड़कर भीड़ के उपर गुलाब के पंखुडियों की वर्षा करती है। सेना के सदस्यों के परेड मे चलते ही नृत्य मंडलियां नृत्य और संगीत प्रदर्शित करती है और साथ ही लड़ाकू विमान अपने पीछे झंडे के तीन रंगो के धूए की पगडंडी बनाते हुए उड़ते है। सेना के जवानो के द्वारा मोटर साइकिल पर किये जाने वाले साहसी करतबों का होता है तथा इसके साथ ही इस परेड की समाप्ति होती है।
महत्वपूर्ण कार्यक्रम
परेड समाप्त होने के बाद तीन दिन के समारोह के दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम होते है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री की रैली जिसमें संगीत नृत्य और मनोरंजन के अन्य स्वरुप शामिल होते है। जो भारत की सांस्कृतिक महत्ता पर आधारित होते है।
लोक तरंग राष्ट्रीय नृत्य, उत्सव यह उत्सव 24 जनवरी को शुरु होता है और गणतंत्र दिवस के अंतिम दिन तक चलता है। इस समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक नृत्यों का प्रदर्शन किया जाता है।