Ganpati Visarjan 2024: 3 शुभ मुहूर्त में होगा आज बप्पा का विसर्जन, नोट कर लें तिथि, पूजन और विसर्जन का शुभ मुहूर्त

Ganpati Visarjan 2024: 3 शुभ मुहूर्त में होगा आज बप्पा का विसर्जन, नोट कर लें तिथि, पूजन और विसर्जन का शुभ मुहूर्त

गणेश विसर्जन गणेश चतुर्थी उत्सव का समापन दिवस होता है। इसे अनंत चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है। भक्त इस दिन को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं क्योंकि इस दिन वे अपने प्रिय भगवान गणेश जी को अगले वर्ष लौटने के वादे के साथ विदाई देते हैं। गणेश चतुर्थी का त्यौहार दस दिवसीय होता है।

भगवान गणेश की मूर्ति की शोभायात्रा बहुत ही खुशी, धूमधाम और भव्यता के साथ निकाली जाती है। गणेश जी की मूर्तियों को उनके पूजा स्थल से विसर्जन स्थल तक ले जाया जाता है। आजकल पर्यावरण को देखते हुए गणेश जी की मूर्ति को कृत्रिम तालाबों में ही विसर्जित किया जा रहा है। गणेश जी की स्थापना से पहले भक्त अपने घरों में बड़े उत्साह के साथ तैयारी करते हैं वहीं त्यौहार के अंतिम दिन गणपति बप्पा के विसर्जन के समय भक्तों की आंखें नम हो जाती हैं।

विसर्जन के दौरान भक्तों के चेहरों पर उदासी छा जाती है। इस दौरान गणपति बप्पा मोरया के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। भक्त सामूहिक रूप से नृत्य और भजन करते हैं। सभी भक्त गणपति विसर्जन के दौरान गणपति बप्पा मोरया से अगले साल शीघ्र आने की प्रार्थना कर उन्हें विदा करते हैं।

आइए जानें प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य K.M. Sinha जी से गणपति विसर्जन का महत्व

गणेश विसर्जन के माध्यम से यह माना जाता है कि भगवान गणेश अपने माता-पिता के साथ कैलाश वापस चले जाते हैं। इस दिन सभी भक्त भगवान की आध्यात्मिक और दिव्य उपस्थिति के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। विसर्जन के दौरान सुबह भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष अपने परिवार और सगे-संबंधियों के संग भव्य आरती करते हैं। साथ ही, घर पर बने लड्डूओं का भोग लगाते हैं और फूल भी अर्पित करते हैं।

गणेश विसर्जन भगवान गणेश जी के रूप और जीवन के प्रतीक के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी का जन्म मिट्टी से हुआ था और सभी मूर्तियां भी मिट्टी की ही बनी होती हैं। यह उत्सव जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र को दर्शाता है और हमें यह सिखाता है कि जीवन में सब कुछ स्थायी नहीं रहता है।

गणेश जी को किसी भी कार्य को करने के लिए सर्वप्रथम पूजनीय माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि जब गणेश विसर्जन होता है, तो गणेश जी घर की सारी परेशानियां अपने साथ लेकर चले जाते हैं।


  1. अभी जॉइन करें हमारा WhatsApp चैनल और पाएं समाधान, बिल्कुल मुफ्त!

    Ganpati Visarjan 2024: 3 शुभ मुहूर्त में होगा आज बप्पा का विसर्जन, नोट कर लें तिथि, पूजन और विसर्जन का शुभ मुहूर्त 1

    Join WhatsApp Channel

    हमारे ऐप को डाउनलोड करें और तुरंत पाएं समाधान!

    Download the KUNDALI EXPERT App

    Ganpati Visarjan 2024: 3 शुभ मुहूर्त में होगा आज बप्पा का विसर्जन, नोट कर लें तिथि, पूजन और विसर्जन का शुभ मुहूर्त 2Ganpati Visarjan 2024: 3 शुभ मुहूर्त में होगा आज बप्पा का विसर्जन, नोट कर लें तिथि, पूजन और विसर्जन का शुभ मुहूर्त 3

    हमारी वेबसाइट पर विजिट करें और अधिक जानकारी पाएं

    Visit Website

    संपर्क करें: 9818318303


गणपति विसर्जन का विधान

इस दिन गणेश जी की पूजा की शुरुआत आरती के साथ होती है और सभी भक्त परिवार के साथ मिलकर पूजा करते हैं। घर में बनी मिठाई मोदक के साथ फूल भी अर्पित किए जाते हैं। आरती के बाद, प्रतिमा को घर में घुमाया जाता है और फिर विसर्जन के लिए निकाला जाता है, जिससे कि श्री गणेश जी का आशीर्वाद सदैव बना रहे। गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन स्थल की ओर ले जाई जाती है। विसर्जन की पूरी विधि के बाद, जल का छिड़काव किया जाता ळें

विसर्जन स्थल पर भी एक बार आरती की जाती है। इसके बाद, नदी या तालाब में प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।

गणेश जी की आरती का महत्व

हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी सबसे प्रमुख और सर्वप्रिय देवता माने जाते हैं। उनकी पूजा करने से सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गणेश जी की प्रतिमा को लेकर आरती का गाना भक्तों द्वारा किया जाता है, जिससे मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता का संचार होता है। इससे आध्यात्मिक ज्ञान वृद्धि होती है और अलौकिक शक्तियों का आह्वान होता है।

गणेश जी की सबसे प्रसिद्ध आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा है, जो भक्तों द्वारा उनके समक्ष बचाव के लिए गाई जाती है। सुबह और शाम की पूजा में इस आरती का गान करने से माहौल में प्रसन्नता बनी रहती है और सभी संकट दूर हो जाते हैं। गणेश जी के मंत्र का जाप करने से भी उनकी पूजा और अनुष्ठान में शक्ति बढ़ती है।

श्रद्धालु गणेश जी की मूर्ति को कुछ दिनों के लिए अपने घर लाते हैं, और उसके बाद गणेश चतुर्थी के दिनों में गणेश विसर्जन की प्रक्रिया की जाती है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण गणपति विसर्जन की तिथियाँ बताई जा रही हैं-

गणेश चतुर्थी पर गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः शनिवार, 7 सितंबर 2024

 गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्तः

 अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): 13:34 से 17ः01

 सायाह्न मुहूर्त (लाभ) : 18:35 से 20:01

 रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) : 21:27 से 01:45 (8 सितंबर)

 उषाकाल मुहूर्त (लाभ) : 04:37 से 06:03 (8 सितंबर)

एक और आधे दिन (डेढ़ दिन) के बाद गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः रविवार, 8 सितंबर 2024

 गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्तः

 अपराह्न मुहूर्त (शुभ) : 13:52 से 15:26

 सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) : 18:34 से 22:53

 रात्रि मुहूर्त (लाभ) : 01:45 से 03:11 (9 सितंबर)

 उषाकाल मुहूर्त (शुभ) : 04:37 से 06:03 (9 सितंबर)

तीसरे दिन गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः सोमवार, 9 सितंबर 2024

 गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्तः

 प्रातः मुहूर्त (अमृत) : 06:03 से 07:37

 प्रातः मुहूर्त (शुभ) : 09:11 से 10:44

 अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) : 13:52 से 18:33

 सायाह्न मुहूर्त (चर) : 18:33 से 19:59

 रात्रि मुहूर्त (लाभ) : 22:52 से 00:18 (10 सितंबर)

पांचवें दिन गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः बुधवार, 11 सितंबर 2024

गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्तः

प्रातः मुहूर्त (शुभ) : 10:44 से 12:17

अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ) : 15:24 से 18:31

सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) : 19:57 से 00:18 (12 सितंबर)

उषाकाल मुहूर्त (लाभ) : 03:11 से 04:38 (12 सितंबर)

प्रातः मुहूर्त (लाभ, अमृत) : 06:04 से 09:11

सातवें दिन गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्तः

प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) : 06:05 से 10:44

अपराह्न मुहूर्त (चर) : 16:55 से 18:28

अपराह्न मुहूर्त (शुभ) : 12:17 से 13:50

रात्रि मुहूर्त (लाभ) : 21:23 से 22:50

रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) : 00:17 से 04:38 (14 सितंबर)

अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन

गणेश विसर्जन की तिथिः मंगलवार, 17 सितंबर 2024

 गणेश विसर्जन के लिए शुभ चैघड़िया मुहूर्त

 प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) : 09:11 से 13:47

 अपराह्न मुहूर्त (शुभ) : 15:19 से 16:51

 सायाह्न मुहूर्त (लाभ) : 19:51 से 21:19

 रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) : 22:47 से 03:12 (18 सितंबर)

चतुर्दशी तिथि प्रारंभः 16 सितंबर 2024 को 15:10 बजे 

चतुर्दशी तिथि समाप्तः 17 सितंबर 2024 को 11:44 बजे

यह 10 दिवसीय उत्सव विश्व भर में, विशेष रूप से भारत में, बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश, जिन्हें गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूज्य हैं।

 

588 Views
× How can I help you?