गोमेद रत्न सामान्य रुप से शहद के रंग जैसा होता है। इसके अलावा यह चटक भूरे या तो फिर लाल रंग का प्रतीत होता है। गोमेद रत्न को सभी रत्नों मे ज्यादा मजबूत माना जाता है। क्योंकि इस रत्न मे क्रूर और शक्तिशाली राहु ग्रह का बल होता है। गोमेद को वैदिक ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से कई प्रकार के बताए गए है। गोमेद रत्न को राहु का रत्न कहा जाता है। यह एक प्रकार गार्नेट समूह होता है। जिसके कारण इसे हिन्दी मे गोमेद कहते है तथा अंग्रेजी में ‘‘ हैसोनाइट स्टोन ’’ होता है। गोमेद रत्न जातक की कुण्डली में राहु ग्रह के दुष्प्रभाव को समाप्त करता है।
गोमेद रत्न के फायदे
☸गोमेद रत्न के अनेक फायदे है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक यदि गोमेद रत्न पहनता है तो उसे अपने शत्रुओं से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है। जातक को अनिद्रा जैसी परेशानियों से भी राहत मिलेगी। रुके हुए कार्यों मे सफलता मिलती है। जातक अपने जीवन में बीमारियों और परेशानियों को दूर करने में गोमेद की सहायता ले सकता है।
☸गोमेद रत्न जातक के लिए कभी-कभी बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। यह जातक को कालसर्प दोष से होने वाले दुष्प्रभावों से बचानें मे उसकी मदद करता है।
☸जो जातक शासन का कार्य करते है, राजनीति से जुड़े है, जनता के हित मे कार्य करने वाले अथवा दलाली से सम्बन्धित व्यापार से जुड़े है। उनके लिए गोमेद रत्न फायदेमंद साबित होगा। क्योंकि इसके शुभ प्रभाव से जातक को शक्ति, धन और सफलता की प्राप्ति होती है।
☸कालसर्प दोष से पीड़ित जातकों के लिए यह रत्न उत्तम होता है। यह जातक को कालसर्प से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाने मे उसकी मदद करता है।
☸गोमेद रत्न उस जातक के लिए सबसे अधिक लाभदायक होता है। जिसके कुण्डली में राहु की महादशा और अन्तर्दशा चल रही हो क्योंकि गोमेद राहु ग्रह के बुरे प्रभावों से रक्षा करता है।
☸गोमेद धारण करने से जातक के मन में उत्पन्न होने वाला डर खत्म होता है और किसी भी कार्य को करने के प्रति शक्ति, सीख और आत्मविश्वास बढ़ता है।
☸गोमेद रत्न धारण करने से जातकों के मन में भ्रम की स्थिति कम हो जाती है तथा मन मे सकारात्मक विचारो का संचार होता है। गोमेद के प्रभाव से जातक को राहु ग्रह की दशा अवधि मे सुख मिलता है।
☸गोमेद रत्न पहनने से जातक शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है तथा मन में उत्पन्न होने वाले बुरे विचार से मुक्ति मिलती है।
गोमेद रत्न की हानि
☸रत्नो के पहनने के जितने फायदे है, उतने हानि भी होती है। ज्योतिषीय मतानुसार ग्रह एवं नक्षत्रों के अशुभ होने पर जातक को अचानक कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कभी-कभी अपनी मर्जी से रत्न पहनने के कारण भी जातकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
☸यदि महिला जातक यह रत्न धारण करती है तो इस बात का ध्यान रखें की गोमेद अधिक चमकीला न हो,नहीं तो उन्हें गोमेद के बुरे प्रभाव देखने को मिलते है।
☸कभी-कभी ऐसा भी माना जाता है नकली या कम चमकीला गोमेद धारण करने से जातक की मान-प्रतिष्ठा और उद्वेग मे कमी आती है।
☸जातक यदि मिश्रित रंगो वाला गोमेद धारण करता है तो या जातक सुन्दर दिखने कारण नकली रत्न पहनता है तो जातक को अपने स्वास्थ्य में कमी और आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ सकता है।
☸यदि दाग-धब्बों वाला गोमेद रत्न पहनते है तो जातक का भाग्य अशुभ होता है। इसके अलावा जातक दुर्घटना का भी शिकार हो जाता है।
गोमेद रत्न की पहचान
☸यदि बात किया जाए गोमेद रत्न की पहचान की तो इसकी पहचान रेफ्रक्टोमीटर और स्पक्ट्रोमीटर की मदद से किया जाता है। इससे और विशेषता का पता लगाना आसान होता है। इन मीेटरों की मदद से गोमेद की गर्माहट और तरंगो के प्रभाव को आसानी से समझा जा सकता है।
☸सामान्य तौर पर गोमेद को अधिक प्रभावशाली माना जाता है। परन्तु वह लैब द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। ☸उसके बाद ही आप नकली या असली गोमेद की पहचान कर सकते है।
☸यदि आप गोमेद की पहचान अपने घर करना चाहते है तो सबसे आसान तरीका यह है कि आप सबसे पहले गोमूत्र में रत्न को डालकर 24 घंटे के लिए रख दें। उसके बाद देंखे कि जिस गोमूत्र में रत्न डाला है। उसका रंग बदला या नही यदि रंग बदल गया है तो इसका अर्थ है गोमेद असली है अथवा नही बदला है तो गोमेद नकली है।
☸आप असली गोमेद की पहचान करने के लिए एक अन्य उपाय भी अपना सकते है। किसी बर्तन मे दूध लेकर उसमे गोमेद डाल दें उसके बाद लगभग बारह (12) घंटे तक उसे दूध में रहने दें, उसके बाद देंखे कि दूध का रंग गोमूत्र के समान हो गया है या नही यदि हो गया है तो गोमेद असली या अन्यथा नही।
गोमेद रत्न के उपरत्न
☸आमतौर पर देखा जाए तो गोमेद रत्न अधिक मंहगा नही होता है लेकिन यदि आप इसे खरीद नही पा रहे है तो गोमेद रत्न का उपरत्न सबसे उत्तम उपाय है। गोमेद रत्न के दो उपरत्न है पहला तुरसा तथा दूसरा साफी इसमें से कोई एक रत्न आप धारण कर सकते है। लगभग सभी रत्नों के उपरत्न सस्ते ही होते है। जिससे लोग आसानी से इसे खरीद सकते है।
गोमेद रत्न धारण करने की विधि
गोमेद रत्न को चाँदी की धातु में पहनना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा किसी अन्य धातु में पहनना चाहते है तो पंचधातु सबसे अच्छा माना गया है। इस रत्न को चाँदी या पंचधातु से बनी अंगूठी में जड़वाकर मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। शनिवार के दिन शाम शतभिषा नक्षत्र में भी धारण कर सकते है। रत्न को धारण करने से पहले आप स्वच्छ होकर अपने घर में बने पूजा स्थल पर आसन ग्रहण करें उसके बाद एक तांबे का बर्तन लें उसमे दूध या गंगाजल डाल के गोमेद को डूबों दें
उसके बाद अब सीधे बैठ कर हाथ जोड़े और 108 बार राहु के ‘‘ मंत्र ओम रां राहवे नमः का जाप करें। मंत्र 108 बार पूरा होने के बाद धूप लगा दें और फिर गोमेद को धारण करें तथा रत्न को शुक्ल पक्ष में पहनें।
गोमेद रत्न की कीमत
गोमेद रत्न की कीमत उसकी गुणवत्ता और विशेषता पर निर्भर करती है। इस विशेषता के कारण रत्न की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकता है।
बारह राशियों के लिए गोमेद रत्न पहनने के नियम
सभी रत्न अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालते है ठीक उसी प्रकार गोमेद रत्न का बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है। अब हम समझते है कोई भी रत्न पहनने से पहले ज्योतिषाचार्य को अपनी कुण्डली अवश्य दिखाएं।
मेष राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि राहु की दशा चल रही हो और राहु आपकी कुण्डली में द्वितीय, तृतीय, दशम या एकादश भाव में उपस्थित हो तो आप गोमेद धारण कर सकते है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए गोमेद
सबसे पहले अपनी कुण्डली दिखवाकर राहु की अवस्था जान लें। यदि राहु आपकी कुण्डली के प्रथम, षष्ठम, नवम एवं एकादश भाव में उपस्थित हो तो गोमेद पहन सकते है।
कर्क राशि के जातकों के लिए गोमेद
कर्क राशि के जातक गोमेद धारण करना चाहते है तो सबसे पहले कुण्डली दिखवाकर राहु की स्थिति का पता अवश्य लगाएं। यदि कुण्डली मे राहु तृतीय दशम या एकादश भाव में उपस्थित हो तो तीन दिन तक गोमेद पहनकर परन्तु गोमेद को राहु की दशा चल रही हो तो तभी पहनें।
सिंह राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि आपकी कुण्डली में राहु तृतीय, षष्ठम, दशम या एकादश भाव में स्थित हो तो तीन दिन तक इस रत्न को राहु की दशा में पहनें।
कन्या राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि आपकी कुण्डली में राहु प्रथम, पंचम, षष्ठम या दशम भाव में उपस्थित हो तो गोमेद आपके लिए अच्छा साबित होगा।
तुला राशि के जातकों के लिए गोमेद
जब आपकी कुण्डली मे राहु प्रथम, षष्ठम या दशम भाव में उपस्थित हो तो आप गोमेद धारण कर सकते है। लेकिन केवल परीक्षण के तौर पर तीन दिन के लिए पहन सकते है लेकिन केवल परीक्षण के तौर पर तीन दिन के लिए पहन सकते है
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि आपकी कुण्डली में राहु तृतीय, षष्ठम, सप्तम, दशम या एकादश भाव में राहु उपस्थित हो तो राहू की महादशा मे तीन दिन के लिए परीक्षण के तौर पर पहन सकते है।
धनु राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि आपकी कुण्डली मे राहु तृतीय, षष्ठम, सप्तम, दशम एवं एकादश भाव मे उपस्थित हो तो गोमेद धारण कर सकते है।
मकर राशि के जातकों के लिए गोमेद
जब आपकी कुण्डली में राहु प्रथम, षष्ठम, सप्तम, नवम या एकादश भाव में उपस्थित हो तो गोमेद धारण कर सकते है।
कुंभ राशि के जातकों के लिए गोमेद
यदि कुण्डली मे राहु चतुर्थ, पंचम, नवम, दशम या एकादश भाव में उपस्थित हो तो गोमेद धारण कर सकते है। पहले परीक्षण के लिए तीन दिन तक गोमेद धारण करें।
मीन राशि के जातक के लिए गोमेद
यदि आपकी कुण्डली में राहु तृतीय, सप्तम या एकादश भाव में उपस्थित हो तो राहु की महादशा में गोमेद धारण कर सकते है।
नोटः- यह गोमेद रत्न पहनने के सामान्य नियम है। इसलिए कोई भी रत्न पहनने से पहले एक बार कुण्डली अवश्य दिखाएं।