चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को एक महत्वपूर्ण भौगोलिक घटना माना गया है जिसमें सभी को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस समय नकारात्मक किरणों की अधिकता होती है।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगेगा। इस चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकेगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण सुबह 6:11 बजे से शुरू होकर 10:17 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 4 घंटे 6 मिनट होगी।
चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला को क्या नहीं करना चाहिए?
चंद्र ग्रहण के समय सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। थोड़ी सी भी असावधानी उनके अजन्मे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यदि इस दौरान नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो शिशु के विसंगति के साथ पैदा होने की संभावना हो सकती है।
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घर से बाहर ना निकलें-
सबसे पहली और मुख्य बात, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें और इसे देखने का प्रयास न करें। घर के अंदर ही रहें और ग्रहण की छाया अपने ऊपर न पड़ने दें। यदि पेट पर ग्रहण की छाया पड़ जाती है, तो यह बच्चे के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकती है। यदि बहुत जरूरी हो, तो पूरी तरह से शरीर को ढककर और कार में ही बाहर निकलें।
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भोजन ना करें-
इस समय किसी भी प्रकार का अन्न न ग्रहण करें और न ही उसे पकाएं। चंद्र ग्रहण के समय भोजन दूषित हो जाता है, जिसका आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को विशेष रूप से इस समय कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
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जल में तुलसी का पत्ता-
चंद्र ग्रहण लगने से पहले जल में तुलसी का पत्ता डालकर रखें जिसे आप ग्रहण के समय पी सकती हैं। तुलसी के पत्ते से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। वैसे तो पानी पीने से बचें, लेकिन यदि पीना पड़े तो उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य होना चाहिए।
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नुकीली वस्तु का उपयोग ना करें-
इस समय किसी भी नुकीली वस्तु जैसे सिलाई, सुई या चाकू का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से पेट के अंदर बच्चे के अंग कट सकते हैं और वह अपंग हो सकता है। साथ ही, इस दौरान प्रकाश की किरणें परावर्तित होती हैं, जिससे आपकी आँखें चौंधिया सकती हैं और चोट लग सकती है।
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गोद में नारियल रखें-
नकारात्मकता को दूर करने के लिए अपनी गोद में नारियल रखें। नारियल पानी पीने से भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। बिस्तर पर चौकड़ी मारकर बैठें और अपनी गोद में नारियल रखें। यह चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने में सहायक होता है।
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मंदिर ना जाएं-
ग्रहण के समय भगवान के मंदिर या पूजा स्थल में न जाएं और मूर्तियों को न छुएं। इस दौरान ईश्वर की मूर्ति को स्पर्श करना तो दूर, पूजा स्थल पर पर्दा डाल देना चाहिए और वहाँ पैर भी नहीं रखना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।
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मंत्रों का जाप करें-
ईश्वर की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए, लेकिन मंत्रों का जाप किया जा सकता है। इस समय भगवान का ध्यान कर सकते हैं और ॐ मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप लाभकारी माना गया है।
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आराम करें-
ग्रहण के समय कोई भी भारी काम न करें और शरीर को पूर्णतया आराम दें। इस दौरान बिस्तर पर बैठकर आराम करें। टीवी या मोबाइल न देखें।
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सकारात्मक रहें-
इस समय नकारात्मकता हावी हो सकती है। इसलिए अपने मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार न आने दें। सकारात्मक सोचें, वैसे ही लोगों से बातचीत करें और सकारात्मक चीजें ही पढ़ें।
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ग्रहण समाप्ति पर स्नान-
ग्रहण समाप्ति के बाद गंगाजल से स्नान अवश्य करें। इससे आप पर पड़ा चंद्र ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। स्नान के बाद नए और धुले हुए कपड़े पहनें और पुराने कपड़ों को धोने में डाल दें।