इस माह गोचर में तीन बड़े बदलाव होने के कारण ज्योतिषाचार्य के0 एम0 सिन्हा द्वारा निम्न पाँच भविष्यवाणी की गई है। इसकी सत्यता को जानने के लिए आपको हमारे यू-ट्यूब चैनलके माध्यम से अपडेट किया जायेगा। शनि की नीच दृष्टि वैसे भी खराब मानी जाती है। लेकिन 5 जून से शनि वक्रीय हो जायेंगे यह वक्रीय दृष्टि भारत समेत पूरे विश्व में तबाही मचा सकती है। इसके अलावा मंगल का राशि परिवर्तन 27 जून और गुरु का वक्रीय गति 29 अप्रैल भी प्रभावित करेगी। आइये जानते है की इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
1. अर्थव्यवस्था और महंगाईः– जैसा की आप जानते है महंगाई अपने परम सिमा पर चल रही है। भारत हो या अमेरिका सभी इस समय महंगाई से त्रस्त है और शनि मंगल की युति के कारण युद्ध की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। शनि की वक्र स्थिति होने पर शनि की तीसरी दृष्टि (निच दृष्टि)मेष राशि पर पड़ेगी और इस दौरान पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ेंगे और महंगाई और भी देखने को मिल सकते है।
2. पुरातत्व ज्ञानवापी मस्जिद कुतुबमीनार ताजमहल पर भविष्यवाणी 13 अप्रैल को देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन मीन राशि में हुआ था। स्वगृही बृहस्पति जो कि धार्मिक अनुष्ठानो के लिए जाने जाते है और शनि का राशि परिवर्तन स्वा राशि कुंभ में हुआ था। जो न्याय के देवता के रुप में जाने जाते है। इस कारण कई प्रकार के धार्मिक विवाद प्रारम्भ हो चुके है और यह विवाद आगामी 2 सालों में और बढ़ेगा परन्तु इसका तात्कालिक प्रभाव 29 जुलाई तक देखने को मिल सकता है।
3. शेरय मार्केट और कमोडिटी पर भविष्यवाणीः- 6 अप्रैल के बाद जैसे ही शनि से मंगल अलग हुए थे उस समय शेयर मार्केट में आंशिक उछाल आया था परन्तु 29 अप्रैल को एक बार पुनः शनि मंगल की यूति बनी थी। इसका प्रभाव यह हुआ की 2008 की भाँति शेयर मार्केट में अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया और शेयर मार्केट में सुनामी आ गई यह सुनामी 17 मई के बाद धीरे-धीरे खत्म होगी और शेयर मार्केट में उछाल आयेगा। यदि निफ्टी की बात की जाये तो यह 6 जून से पूर्व 16500 के आस-पास आसानी से पहुँच सकता है। परन्तु कोई भी निवेश अपने जोखिम पर कीजियेगा। कमोडिटी दामों में अस्थिरता अभी भी जारी रहेगी। सोना 48000-52000 रहेगी और क्रूड आँयल 118 डालर बैरल दुबारा पहुच सकता है और यह 118 को पार करता है तो बहुत ही जल्द ही 140 डालर तक पहुंचने की संभावना है।
4. प्राकृतिक आपदायेंः- इन सभी घटनाओं के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा की भी पूरी संभावना बन रही है। शनि देव न्याय के देवता के साथ-साथ वायु के देवता भी माने जाते है। जिसके कारण वायु से सम्बन्धित परेशानियां अधिक बढ़ेगी। शनि की नीच दृष्टि के कारण चक्रवात आने की संभावना तूफानी हवाओं का चलना विमान दुर्घटना अधिक रहेंगी। यह सभी दुर्घटना पहले की अपेक्षा काफी अधिक होगी। भूकम्प की तीव्रता भी अधिक होगी। यह सभी घटनाये मेंदनी ज्योतिष शास्त्र के आधार पर की गई है।
डिसक्लेमरः- इस समय के दौरान कोई भी निवेश एवं आर्थिक क्षेत्र से सम्बन्धित काम तथा शुभ कार्य अपने जोखिम पर करें परन्तु यदि कोई बहुत महत्वपूर्ण कार्य है तो हमारे प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के0 एम0 सिन्हा द्वारा एक बार परामर्श अवश्य करें।