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ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल आज, इसे बुढ़वा मंगल क्यों कहा जाता है? आइए, प्रचलित कथा जानें

ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल आज, इसे बुढ़वा मंगल क्यों कहा जाता है? आइए, प्रचलित कथा जानें

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दृष्टि से ज्येष्ठ यानी जेठ का महीना बहुत ही खास माना जाता है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं। पंचांग के अनुसार आज का दिन अत्यंत विशेष है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगलवार के स्वामी हनुमान जी हैं, इसलिए हर मंगलवार को उनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है लेकिन सभी मंगलवारों में से ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन्हें बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। ज्येष्ठ के महीने में 4 बार बुढ़वा मंगल मनाया जाता है। इस वर्ष 28 मई को पहला बड़ा मंगल होगा, इसके बाद 4, 11 और 18 जून को भी बड़ा मंगल मनाया जाएगा।

आइए जाने ज्योतिषाचार्य के.एम.सिन्हा द्वारा ज्येष्ठ माह के मंगलवार क्यों होते हैं खास 

बुढ़वा मंगल की महिमा

शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान श्रीराम और हनुमानजी की पहली बार भेंट हुई थी। इसी वजह से इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन की महिमा बहुत बड़ी है, माना जाता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। कहा जाता है कि बड़ा मंगल को पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत यहीं से हुई थी।

इसे बुढ़वा मंगल क्यों कहा जाता है?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुंती पुत्र भीम बहुत पराक्रमी थे और उन्हें अपने बल और शक्ति पर काफी घमंड हो गया था। भीम के इस अभिमान को तोड़ने के लिए रामभक्त हनुमान ने बूढ़े वानर के रूप में भीम को सबक सिखाया था। उन्होंने अपने बुजुर्ग स्वरूप में भीम को परास्त कर दिया था। मान्यता है कि वह दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था, इसलिए इसे बुढ़वा मंगल कहा जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार

एक अन्य कथा के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी का मिलन भगवान राम से हुआ था। इस समय हनुमान जी ने पुरोहित का रूप धारण किया हुआ था। इसी कारण, इस दिन को बुढ़वा मंगल यानी बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।

हनुमान जी की पूजा

हर साल ज्येष्ठ माह के मंगलवार को “बड़ा मंगल” के रूप में मनाया जाता है और इस दिन हनुमान जी का विशेष पूजन किया जाता है। यहाँ कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा के समय, उन्हें तुलसी दल की माला अर्पित की जानी चाहिए, जो कि बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही, बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को हलवा, पूरी, या मीठी चीजों का भोग लगाया जाता है, और फिर इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। कहा जाता है कि बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी का पूजन विधि-विधान के साथ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली हर समस्या दूर होती है।

बुढ़वा मंगल पर करें ये उपाय

तरक्की के लिए: हनुमान जी की मूर्ति से सिंदूर लेकर सीता माता के चरणों में लगाएं।

शनि दोष: बड़े मंगल पर हनुमान जी को काले चने और बूंदी का भोग लगाएं और फिर इन्हें जरूरतमंदों में बांट दें।

बहुत बड़ा संकट: हनुमान जी को 21 केले का भोग लगाएं और बाद में इन केलों को बंदरों को खिला दें।

आर्थिक संकट: इस दिन बजरंगबली को पान का बीड़ा चढ़ाएं

इस दिन हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगबली को चोला चढ़ाना उचित माना जाता है। साथ ही सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे सभी आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं। बुढ़वा मंगल के दिन व्रत रखना अथवा सिर्फ सात्विक भोजन करना उचित होता है।

हनुमान जी के प्रिय मंत्र

ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:.
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

हनुमान जी के सिद्ध मंत्र 

भय नाश के लिए

ॐ हं हनुमंते नम: ,
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

संकट दूर करने के लिए मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

संकटों से छुटकारा के लिए मंत्र

आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर! त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!

कर्ज से मुक्ति के लिए मंत्र

ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए मंत्र

आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर। त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

 

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