ज्योतिष के अनुसार शुक्र का राशि परिवर्तन क्या है | jyotish ke Anusaar Shukra ka Rashi parivartan Kya hai |

शुक्र का राशि परिवर्तन एक घटना है जिसमें शुक्र ग्रह सूर्य के सामने से एक छोटी छाया की तरह गुजरती है। परिवर्तन को उचित सुरक्षा के साथ बिना सहायता के आंखो से देखा जा सकता है और यह एक चलती धूप के धब्बे जैसा दिखाई देता है।

शुक्र किस रंग का है और राशि परिवर्तन कैसा दिखता हैः-

शुक्र एक पीले-सफेद रंग का है अनिवार्य रुप से सुविधा हीन चेहरे को पर्यवेक्षक के सामने प्रस्तुत करता है। इसकी स्पष्ट उपस्थिति ग्रह की सतह के बादलों के निरन्तर और स्थायी आवरण द्वारा दृष्टि से छिपी होने के परिणाम से होती है।

राशि परिवर्तन:- सूर्य के पार शुक्र का राशि परिवर्तन तब होता है जब शुक्र ग्रह सीधे सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। इसे सूर्य के मुख पर एक छोटी काली बिंदी के रुप में देखा जा सकता है।

शुक्र के वृषभ राशि में प्रभावः- जब शुक्र का वृषभ राशि में राशि परिवर्तन होता है तो यह परम्पराओं व तंत्र शक्ति सुरक्षा और उत्पादकता को दर्शाता है लोगो को पारिवारिक जीवन में आर्थिक लाभ, सुख और स्थिरता मिलती है। इस समय अवधि में जातक के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

ज्योतिष मेें शुक्र ग्रह का महत्वः- शुक्र एक तेज गति वाला ग्रह है जिसका बहुत महत्व है। व्यक्ति के व्यक्तित्व, पसंद, कौशल को प्रदर्शित करता है। इसमें आभूषण, सुगंध, विलासिता और सुन्दरता को भी दर्शाया जाता है। शुक्र ग्रह व्यक्ति की तीव्रता और विनम्रता को भी बताता है।

आइये जानते है ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के द्वारा

2023 में शुक्र का राशि परिवर्तन एवं भविष्यवाणियांः-

शुक्र को एक लाभकारी ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह सुन्दरता, सुख, वाहन, यात्रा, ललित कला एवं वैवाहिक जीवन के सम्बन्धों को नियंत्रित करता है। शुक्र ग्रह को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों चीजों का ज्ञान रखने वाला भी माना जाता है। जन्म कुण्डली में जब शुक्र शुभ स्थिति में होता है तो जातक में कई गुणों का विस्तार देता है जैसे जातक के स्वभाव को अधिक सरल बनाता है एवं उसे प्रेम और स्नेह करने वाला बनाता है और इससे शुक्र की मजबूत स्थिति व्यक्ति को उसके खेल जगत में अच्छा प्रदर्शन करने को प्रोत्साहित करता है और उसकी प्रतिभा को भी बेहतर बनाता है। अतः शुक्र का राशि परिवर्तन किसी व्यक्ति की गोचर अवधि के दौरान उसके जीवन की घटनाओं को तय करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। शुक्र ग्रह को सुन्दरता का देवता कहा जाता है तथा इसके देवता शुक्राचार्य है यह दैत्यों के गुरु थे इसलिए उन्हें दैत्य गुरु भी कहा जाता है। शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामी ग्रह भी कहा जाता है। सुन्दरता के उपर इस ग्रह को एकाधिकार है। इसे वित्त अर्थात धन का कारक भी माना जाता है। सौरमण्डल में नौ ग्रहों में शुक्र छठा ग्रह है जीवन की स्थितियां ग्रहो और अन्य खगोलीय पिंडो की चाल और दिशाओं पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र में हमे अपने जीवन के बारे में कुण्डली ग्रहों की स्थिति और दिशाओ के माध्यम से पता चलता है।

प्रथम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- जब शुक्र चन्द्र राशि में प्रथम भाग में प्रवेश करता है तो यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है। जब शुक्र प्रथम भाव में तो यह जातक के जीवन में कई तरह के लाभ लेकर आता है। जातक को भविष्य में सफलता प्राप्त होती है, उसका वैवाहिक जीवन के सम्बन्ध मधुर रहते है एवं जीवन में सुख-शांति रहती है और इस तरह वह अपनी जिन्दगी में निरन्तर आगे बढ़ता रहता है। जब शुक्र कुण्डली के पहले भाव में गोचर करता है तो यह सकारात्मक और अनुकूल परिणाम प्राप्त होता है। जो व्यक्ति अपने रिश्ते को लेकर बनाना चाहता है उसके लिए अनुकूल समय होता है साथ ही अपने करियर पर ध्यान केन्द्रित करने से आगे बढ़ने की बेहतर संभावना रहती है।

उपायः- शुक्रवार के दिन जरुरतमंद लोगों को सफेद वस्त्र दान करें।

द्वितीय भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- जब शुक्र दूसरे भाव में गोचर करता है तो यह इच्छाओं और आकर्षण को मजबूत करता है। इस समय अवधि के दौरान कई वस्तुओं की ओर आकर्षित होने लगेंगे इसी प्रकार जो जातक अब तक सिंगल है वे विपरीत लिंग की ओर आकर्षित होंगे भावनाओं और विचारो को दूसरो के साथ साझा करने की इच्छा बढ़ेगी। इस समय में जातक का व्यापार में लाभ मिलने की प्रबल संभावना होती है और कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है। इस शुक्र के राशि परिवर्तन काल के दौरान कई रिश्तो में बेहतर और सरल सम्बन्ध हो जाते है। आपके जीवन में सफलता को प्रकट करने और आकर्षित करने का यह सबसे अच्छा समय है।

तृतीय भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- जब शुक्र चन्द्र राशि से तीसरे भाव में प्रवेश होता है तो यह धन लाभ समृद्धि और मान-सम्मान प्रदान करता है यह समय अवधि आपके दुश्मनों और प्रति स्पर्धियों को हरा सकते है। जातक के लिए शुक्र का तीसरे भाव में प्रवेश काफी अनुकूल समय होता है इस समय अवधि की अपनी बेहतर जिन्दगी के लिए उपयोग कर सकते है। सब कुछ आपके हित में होगा अगर आप व्यापार हो तो आपको अधिक लाभ मिलने की संभावना हो सकती है। जो जातक अपने परिवार जनो से दूर रहते है उन्हें इस समय में अपने भाई-बहनों से मिलने का अवसर प्राप्त होगा। यही नही आपको मित्रों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका भी मिलेगा।

उपायः- छोटी कन्या को श्रृंगार का सामान, कपूर, शक्कर की बनी खाद्य पदार्थ का दान करें।

चतुर्थ भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- शुक्र जब चन्द्रमा से चतुर्थ भाव में प्रवेश करते है तो जिम्मेदारी, इच्छा और धन में वृद्धि होगी। आपको समाज में लोकप्रियता मिलेगा जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी इसके साथ ही आपको कुछ जिम्मेदारियां भी दी जायेगी जिसका वहन आप पूरी ईमानदारी से करेंगे। इस दौरान आप स्वयं मे आत्म विश्वास का भी अनुभव करेंगे। आपके अपने प्रियजनों जैसे परिवार, साथी और मित्रों के साथ आपके सम्बन्ध मजबूत बनेंगे। आप सक्रिय रहेंगे और आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा अपने प्रियजनों के साथ अच्छा समय बिताएंगें यह समय जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए अच्छा रहेगा तथा इस समयावधि के दौरान आपको नये लोगों से मिलने का मौका मिल सकता है और आपकी जीवनशैली अच्छी रहेगी।

उपायः- अपने आसपास सफाई रखें, महिलाओं के साथ मान-सम्मान के साथ बातचीत करें।

पंचम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- जब शुक्र पंचम भाव में गोचर करता है तो यह अच्छे व्यक्तित्व और आकर्षण का विकास करता है आपका व्यक्तित्व अधिक विकसित होगा और विपरीत लिंग के प्रति आपका आकर्षण स्तर बढ़ेगा। शुक्र के पंचम भाव में प्रवेश करने पर धन लाभ और सफलता की उच्च संभावना बन रही है। इसलिए आप चाहें तो निवेश कर धन अर्जित कर सकते है लेकिन अगर आपको निवेश से सम्बन्धित ज्यादा जानकारी नही है तो इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ से इस सम्बन्ध में बातचीत करें इसके बाद सही जगह निवेश करें अब आपके निजी सम्बन्धों की बात करते है आपको अपने परिवार से उच्च सम्मान प्राप्त होगा और वह आपकी महत्ता को समझेंगे इससे आपकी अपने करीबियों के बीच प्रतिष्ठा बढ़ेगी कुल मिलाकर यह समय आपके लिए अच्छा साबित होगा।

उपायः- शुक्र के अनुकूल प्रभाव को पाने के लिए घर में गुलाब रखें।

छठे भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- शुक्र जब चन्द्रमा के छठे भाव में जाता है तो जातक के जीवन में मिश्रित अनुभव लेकर आता है जहां एक ओर कुछ जातकों को इस समयावधि के दौरान लाभ प्राप्त होते है तो वहीं कुछ लोगो को नुकसान भी पहुंचता है। उदाहरण स्वरुप समझें जब शुक्र छठे भाव में गोचर करेगा तो संभवतः आपको अपने शत्रुओं का सामना करना पड़ेगा। यही नही आपके जीवन में शत्रु की संख्या भी बढ़ सकती है वे आपको नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी ओर मेहनत कर सकते है। इस वजह से आपके जीवन में उठा पटक भी बनी रहेगी नतीजन कुछ समस्याएं निरंतर आपके जीवन बनी रहेंगी जरुरी नही है यह सब किसी शत्रु द्वारा ही किया जाये इसकी वजह आपकी मिश्रित समयावधि भी हो सकती है। कुछ समस्याओं के कारण मानसिक या शारीरिक रुप से आप कमजोर महसूस करेंगे और कई रोग होने की आशंका भी नजर आ रही है अगर आप खुद को स्वस्थ्य देखना चाहते है तो बहुत ज्यादा मानसिक तनाव लेने से बचें।

उपायः- शुुक्र ग्रह शान्ति पूजा करें।

सप्तम भाव में शुक्र के राशि परितर्वन का प्रभावः- जब कुण्डली के सातवें भाव में होता है तो यह ज्यादा फायदेमंद और अनुकूल नही होता है। विशेषकर रिश्तो को लेकर आपके जीवन में अड़चने पैदा हो सकती है। छोटी-छोटी बात पर आपका अपने जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद होने की प्रबल आशंका बन रही है इतना ही नही समस्याएं आपके जीवन में प्रवेश कर सकती है जैसे साथी से अलग हो जाना एवं खर्चों में वृद्धि होना आदि। कुण्डली पर शुक्र के प्रभाव के कारण इस भाव से जुड़े जातक अशुभ और असंतुष्ट महसूस कर सकता है। अगर इस भाव में शुक्र के गोचर के अनुकूल प्रभाव की बात करें तो आपको कुछ लाभ की आवश्यकता प्राप्त होंगे।

उपायः- शुक्र मंत्र का नियमित 108 बार जाप करें।

अष्टम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- अष्टम भाव में शुक्र प्रवेश करना जातक के जीवन में अनुकूल समय ला रहा है जो लोग इस समय अवधि में अपने लिए घर या संपत्ति खरीदने की सोंच सकते है उसके लिए यह समय आपके अनुकूल रहेगा साथ ही आपको किसी अन्य स्त्रोत से धन लाभ भी हो सकता है। शुक्र का राशि परिवर्तन आपके जीवन में खुशियां लेकर आने वाला रहेगा। जो लम्बे समय से सम्पत्ति खरीदने की योजना बना रहे है तो वह सफल हो सकती है। जो जातक भौतिक सुख का आनन्द लेना चाहते है उनकी इच्छा पूर्ण होंगी। एक समृद्ध जीवन व्यतीत करेंगे इस दौरान मजबूत और लम्बे रिश्ते की शुरुआत हो सकती है। शुक्र का राशि परिवर्तन जातक के जीवन में धन का सफलता और समृद्धि लायेगा।

उपायः-किसी नदी में सफेद फूल प्रवाहित करें और शुक्र मंत्र का जाप करें।

नवम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- चन्द्रमा से नौवें भाव में शुक्र का राशि परिवर्तन जातक के जीवन में खुशियां लेकर आयेगा इस समयावधि में न सिर्फ जातक को यात्रा के अवसर प्राप्त होंग बल्कि उनकी यात्रा करने की प्रबल इच्छा होगी। इस राशि परिवर्तन के प्रभाव से जातकों का भाग्य सक्रिय होगा यह समय जातक को दूसरो के प्रति आकर्षित भी करेगा खासकर प्रेम सम्बन्ध में ऐसा देखने को मिलेगा कुछ लोग विभिन्न भ्रमों या समुदायों के विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होंगे। शुक्र के राशि परिवर्तन के दौरान जातक खुद पर विशेष ध्यान देगा एवं उनका पहनावा पहले की तुलना मे बेहतर होगा इसके अतिरिक्त इस समय के दौरान जातक अपने परिवार के सदस्यों से और अन्य लोगो के साथ सम्बन्ध बेहतर होंगे कुछ लोग अध्यात्म की ओर भी आकर्षित होंगे। इस वजह से मंदिरो में भगवान के दर्शन करने के लिए जायेंगे नवम भाव में शुक्र का राशि परिवर्तन के दौरान जातक शान्ति पूर्ण मन से अपने समय का आनन्द उठा सकते है।

उपायः- जानवरों को खाना खिलाएं और कपूर का दीपक जलाएं।

दशम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- दशम भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन अनुकूल नही है शुक्र का इस राशि परिवर्तन से जातक का भाग्य उनका साथ नही देगा एवं उसके अपने निजी परिवार में एवं जीवनसाथी के साथ मनमुटाव की स्थिति बन सकती है चूंकि यह समय सही नही है ऐसे में जातक को अपने व्यवहार एवं अपनी वाणी दोनो पर नियंत्रण रखना चाहिए अगर ऐसा न किया जाये तो छोटी सी बात पर भी परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। परिवार जनों एवं रिश्तेदारों के साथ सम्बन्धों में थोडी दूरी उत्पन्न हो सकती है जिसकी वजह से मानसिक और शारीरिक अशांति बनी रहेगी। जातक की समस्याएं बढ़ेगी एवं खर्चों मे भी बढ़ोत्तरी हो सकती है एवं जातकोे को अपनी रोज की जिन्दगी को चलाने के लिए दूसरों से सहायता लेनी पड़ सकती है। यह प्रतिकूल समय आपके जीवन की मुश्किलें बड़ा सकता है।

उपाय:- दूध में सोने के गरम टुकड़े को बुझाकर दूध पीना चाहिए।

एकादश भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- शुक्र का राशि परिवर्तन एकादश भाव में हो तो जातक को धन सम्पत्ति स्थिरता और शक्ति की प्राप्ति होती है। इस भाव में शुक्र आर्थिक लाभ और स्थिरता लेकर आता है। इसका प्रभाव धन, सफलता और लोकप्रियता को आकर्षित करेगा यही नही आपके रिश्तो मे सुधार आयेगा और जितनी भी वित्तीय समस्याएं अब तक आपके जीवन में आई है उनका निवारण होगा। इस समयावधि में आपकी समाज में और करीबियों के बीच लोकप्रियता बढ़ेगी। धन सम्पत्ति का लाभ होगा एवं भूमि खरीदने की संभावना भी बन सकती है। इसके साथ ही शुक्र के सकारात्मक प्रभाव से लोगो को व्यापार या सम्पत्ति से कुछ आर्थिक लाभ भी मिल सकते है।

उपायः-जरुरतमंद लोगो को सफेद भोजन जैसे चावल, दूध आदि का दान करें।

द्वादश भाव में शुक्र के राशि परिवर्तन का प्रभावः- कुण्डली के द्वादश भाव में शुक्र का प्रवेश होगा तो जातक को कुछ मिलेजुले प्रभाव देखने को मिलेंगे यानि सकारात्मक भी और नकारात्मक भी इस दौरान जातक की आय में वृद्धि होगी तथा कहीं न कहीं से धन का आगमन होता रहेगा किन्तु इस पर प्रतिकूल प्रभाव की छाया पड़ी रहेगी इसलिए धन का आगमन भी होगा किन्तु न चाहते हुए भी वह धन खर्च भी हो जायेगा। गोचर काल में आप जो भी धन अर्जित करेंगे। वह अधिक समय तक आपके पास नही रुका रहेगा। इसलिए आपको अपने खर्चों में सावधानी बरतने की जरुरत है जो आपके लिए आवश्यक न हो उस वस्तु पर अधिक व्यय न करें। जो धन आपने अर्जित किया है उसे सुरक्षित रखें ताकि आपके कठिनाइयों मे काम आ सकें। इसके अलावा कुछ जातकोें के लिए यह समय अच्छा साबित होगा। किसी नये रिश्ते में बंध सकते है एवं अगर आप दाम्पत्य जीवन में है तो आपके सम्बन्ध मधुर होंगे। शुक्र का राशि परिवर्तन के दौरान जातकों को धन का निवेश नही करना चाहिए यह समय आपके नुकसान की ओर इशारा कर रहा है।

उपायः- सफेद अन्न और वस्त्र का दान करें।

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