सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने की प्रक्रिया को संक्रान्ति कहते है। पौष माह के संक्रान्ति को ‘धनु-संक्रान्ति कहा जाता है। धनु संक्रान्ति से ही खरमास का आरम्भ माना जाता है तथा इस संक्रान्ति से ही हेमंत ऋतु का आरम्भ भी माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं केे अनुसार इस दिन को अत्यन्त पवित्र माना जाता है और जो लोग इस दिन पूरी श्रद्धा और मन से पूजा करते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सूर्य के धनु या मीन राशि में प्रवेश करने पर सभी मांगलिक कार्य बन्द कर दिेये जाते है।
धनु संक्रान्ति विशेष
☸ धनु संक्रान्ति के दिन सूर्य को अर्घ्य देने और भगवान शिव को गंगाजल से अभिषेक करने तथा महामृत्यंजय का पाठ करने से सभी प्रकार के परेशानियों से राहत मिलती है।
☸मंदिर या किसी धर्मस्थल के बाहर कुत्ते के लिए भोजन रखें या वहाँ पर कुछ दान करें, ऐसा करने से पिता के स्वास्थ्य में सुधार आयेगा।
☸ धनु संक्रान्ति के दिन काली गाय या बड़े-भाई की सेवा करें इससे आयु में वृद्धि होगी।
☸ धनु संक्रान्ति के दिन यदि संभव हो तो नमक का सेवन न करें और उपवास भी रखें।
☸ इस दिन पितरों का तर्पण करें जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास होगा।
सभी राशियों पर धनु-संक्रान्ति का प्रभावः-
मेषः- धनु संक्रान्ति के प्रभाव से मेष राशि के विद्यार्थियों का मन शिक्षा में लगेगा। इस राशि के जातक के आय में वृद्धि की संभावना है साथ ही इनकों तरक्की के क्षेत्र में रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है। धनु संक्रान्ति के प्रभाव के कारण आपके स्थान परिवर्तन के योग भी बनेंगे।
वृषः- धनु संक्रान्ति के दौरान वृष राशि के जातकों को माता के स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्याएं उत्पन्न हो सकती है इसलिए आपको पहले से सावधान रहना चाहिए। सूर्य संक्रान्ति के दौरान आपको कार्य-व्यवसाय में मित्रजनों का सहयोग प्राप्त होगा साथ ही आपको लेखन से सम्बन्धित कार्यों से भी धन की प्राप्ति हो सकती है।
मिथुनः- धनु संक्रान्ति मिथुन राशि वाले जातकों को मिश्रित परिणाम देंगे। इस दौरान आपको अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और सुख-सुविधाओं का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। कार्य-व्यवसाय के सिलसिले में सूर्य देव आपके विदेश यात्रा के योग भी बना रहे है। संतान पक्ष से आपको शुभ समाचार और सुख की प्राप्ति होगी। इस दौरान शैक्षिक और धार्मिक कार्यों के तरफ आपका झुकाव भी बढ़ेगा तथा बौद्धिक कार्यों से धन की प्राप्ति होगी।
कर्कः- धनु संक्रान्ति के दौरान आपके परिवार में मंगल कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है परन्तु उसी समय आपके कार्यक्षेत्र में परिवर्तन का योग भी बन सकता है। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अपने मित्रजनों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी नए कार्य के आरम्भ होने की संभावना भी बन रही है परन्तु कार्य को आरम्भ करने से पहले घर के बड़े सदस्यों एवं बुजुर्गों की सलाह अवश्य लें।
सिंहः- सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से सिंह राशि के जातकों की मानसिक शांति बनी रहेगी। धनु-संक्रान्ति के दौरान सिंह राशि के जातकों को अपने कार्य-व्यवसाय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आपको परिवार के किसी महिला सदस्य द्वारा आर्थिक सहयोग की प्राप्ति हो सकती है।
कन्याः- धनु संक्रान्ति के प्रभाव से कन्या राशि के जातकों को भवन सुख की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपके परिवार में मांगलिक कार्य के आयोजन होने की संभावना बनी हुई है। कार्य-व्यवसाय को लेकर कुछ परिवर्तन का योग बन रहा है तथा आपके परिश्रम में भी वृद्धि रहेगी साथ ही आपको परिवार का साथ भी मिलेगा।
तुलाः- धनु संक्रान्ति के प्रभाव से आपके कार्यक्षेत्र में भागदौड़ लगी रहेगी। वाहन आदि पर खर्चें बढ़ सकते है। सेहत के दृष्टिकोण से आपको सावधान रहना चाहिए। इस समय आपको परिवार का सहयोग भी प्राप्त होगा तथा मित्रजनों का साथ भी मिलेगा।
वृश्चिकः- धनु संक्रान्ति के दौरान सूर्य देव आपके पिता को स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियां उत्पन्न करा सकते है इसलिए आप पहले से सावधान रहें। सूर्य देव के इस गोचर से आपके कार्य-व्यवसाय में कमी आ सकती है परन्तु कुछ समय पश्चात् उसमे स्थिरता आ जायेगी। वृश्चिक राशि के विद्यार्थियों को शिक्षा से सम्बन्धित क्षेत्रों मे लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
धनुः- धनु संक्रान्ति के प्रभाव से धनु राशि के जातकों को शिक्षा से सम्बन्धित कार्यों में सफलता मिलेगी। संतान पक्ष से शुभ समाचार और सुख की प्राप्ति होगी। घर के खर्चे और सुख-सुविधाओं पर सूर्य देव खर्च बढ़ा सकते है। वस्त्रों एवं वाहनो पर भी खर्च की अधिकता रहेगी।
मकरः- मकर राशि वाले जातकों को इस संक्रान्ति के अवधि में नौकरी को लेकर कुछ और अधिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती है परन्तु कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों का सहयोग प्राप्त होगा। सूर्य देव की कृपा से इस राशि के जातकों को वाहन तथा संतान पक्ष से शुभ-समाचार की प्राप्ति होगी परन्तु इस राशि के जातकों के खर्चों में वृद्धि रहेगी।
कुंभः- धनु संक्रान्ति के दौरान कुंभ राशि के जातक के घर-परिवार में मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। कार्य-व्यवसाय तथा आय में वृद्धि होगी तथा मित्रजनों का सहयोग भी प्राप्त होगा। परन्तु कार्यस्थल या कार्य-व्यवसाय में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
मीनः- धनु संक्रान्ति के प्रभाव से मीन राशि के जातकों की शिक्षा से सम्बन्धित कार्यों में सुधार होगा। भाई-बहनों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। कार्य-व्यवसाय के विस्तार को लेकर खर्च की अधिकता रहेगी। किसी पुराने मित्र से मिलने की संभावना बनी हुई है। धनु संक्रान्ति के दौरान आपके आय में वृद्धि होगी।
धनु संक्रान्ति का महत्वः-
हिन्दू पंचाग के अनुसार धनु संक्रान्ति का समय पौष माह का होता है जिसे खरमास की संज्ञा दी गई है और इस दौरान जब तक सूर्य मकर राशि में प्रवेश नही करते तब तक किसी भी तरह के शुभ कार्य का आयोजन नही होता है। धनु संक्रान्ति के दिन पवित्र नदी ‘घाट’ सरोवर या जलाशय में स्नान करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त जन नदियों या तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान करते है और तत्पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देते है। मान्यता ऐसी है कि ऐसा करने में मन में पवित्रता का वास होता है और जातक के सभी पापों का नाश होता है तथा जातक के सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके अतिरिक्त बुद्धि-विवेक और जीवन में अग्रसर के लिए भी इस दिन सूर्य पूजन का महत्व बताया गया है।
धनु संक्रान्ति पूजा विधिः-
☸इस दिन प्रातः काल उठकर नदी, सरोवर या जलाशय में स्नान आदि करें तत्पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दें।
☸उसके बाद फल, फूल, सुपारी, पंचामृत, तुलसी आदि के द्वारा भगवान विष्णु की पूजा आराधना करें।
☸पूजा करने के बाद सत्य नारायण की कथा का पाठ करें और भगवान विष्णु के समक्ष मेवा इत्यादि का भोग भी अर्पित करें।
☸सत्य नारायण कथा के बाद माता लक्ष्मी भगवान शिव और ब्रह्मा जी की आरती करें और चरणामृत के प्रसाद का वितरण करें।
धनु खरमास में क्या करना उचित होता हैः-
☸यदि प्रेम-विवाह या स्वयंवर की बात हो तो धनु खरमास में शादी आयोजित की जा सकती है।
☸जब पुरुष या स्त्री जातक की कुण्डली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो धनु खरमास के दौरान वें शुभ कार्य भी कर सकते है।
☸जो कार्य नियमित रुप से किया जाता है उसको खरमास में करने की मनाही नही होती है।
☸अन्नप्राशन आदि जैसे कार्य जो पूर्व ही सुनिश्चित हों उसे धनु खरमास के दौरान किया जा सकता है।
खरमास का अर्थः-
संस्कृत में ‘खर’ शब्द का अर्थ ‘गधा’ होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान सूर्य सात घोड़ो के रथ पर सवार होकर ब्रह्माण्ड़ की परिक्रमा करते रहते है। वो कभी भी अपने कार्य से रुकते नही है। यदि वो रुक गए तो उस दिन जीवन ठहर जाएगा परन्तु रथ में जुड़े घोड़े विश्राम न करने और भूख-प्यास लगने के कारण थक जाते है। ऐसे में उनकी यह दशा देखकर सूर्य देव उनकों तालाब के तट पर ले गए।
धनु संक्रान्ति शुभ तिथि एवं मुहूर्तः-
धनु संक्रान्ति 16 दिसम्बर 2023 दिन शनिवार को मनाया जायेगा।
धनु संक्रान्ति पुण्य कालः- शाम 04ः09 मिनट से शाम 05ः26 मिनट तक
(अवधिः- 01 घण्टा 17 मिनट)
धनु संक्रान्ति महा पुण्य कालः- शाम 04ः09 मिनट से शाम 05ः26 मिनट तक
(अवधिः- 01 घण्टा 17 मिनट )