बात करें हम निले जिरकाॅन की तो यह रत्न भी सबसे प्रसिद्ध और थोड़ा कम बहुमूल्य रत्नों में से एक माना जाता है जो की अपनी सुन्दर उपस्थिति और ज्योतिषीय विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह रत्न जिरकाॅन की जाति का है परन्तु नीलम का भ्रम उत्पन्न करने वाला रत्न भी माना जाता है। जिरकाॅन रत्न एक प्राकृतिक रत्न है यह अपनी प्रामाणिक चमक के लिए सबसे मूल्यवान रत्नों के रूप में पहचाना जाता है। इस रत्न में यूरेनियम और थोरियम शामिल है जो एक रेडियोधर्मी निशान पैदा करते हैं साथ ही रत्नों के चमक को भी बढ़ाने का काम करते हैं। अतः इसी रेडियोधर्मी विशेषता के कारण, नीला जिरकाॅन एक निश्चित समय में अपना रंग बदलता रहता है।
वर्तमान समय में श्रीलंका जैसे देश में नीला जिरकाॅन को एक बेहतरीन गुणवत्ता में यह रत्न प्रदान करने वाला माना जाता है। आपको बता दे रंगहीन रत्न को हीरे का एक विकल्प माना जाता है यह हीरा न खरीद पाने वाले जातकों के लिए हीरे के जैसा ही लाभ देता है। इसे पहनने वाले जातकों को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं। जिरकाॅन रत्न कई अलग-अलग रंगों में आता है और सबके अपने अलग-अलग शुभ प्रभाव और विशेषताएं होती हैं।
नीला जिरकाॅन रत्न से जातक को मिलने वाले लाभ
बात करें यदि हम नीला जिरकाॅन से मिलने वाले विशेष लाभ की तो यह रत्न किसी भी जातक के द्वारा खरीदा जा सकता है यह बहुत कीमती ना होकर यह अर्ध कीमती रत्न होता है। जो किसी भी जातक को एक शानदार चमक, रूप और बेहतर भाग्य प्रदान करता है। इस रत्न को धारण करने वाले जातक को बहुत सारे लाभ की प्राप्ति होती है।
जातक को आर्थिक और सामाजिक स्थिति में देता है वृद्धि
यदि कोई जातक बहुत लम्बे समय से अपने जीवन में आर्थिक और सामाजिक किसी समस्याओं से जूझ रहा है तो आप अवश्य ही ज्योतिष की सलाह से यह प्रभावशाली और भाग्य देने वाला रत्न धारण कर सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से जातक को और अपनी आर्थिक स्थिति में पूरी तरह से सुधार लाने के अवसर प्राप्त होते हैं। जिस क्षेत्र में आपको कार्य करने में रुचि होती हैं उस क्षेत्र से आपको लाभ के अवसर प्राप्त कराते हैं। यह रत्न धारण करने वाले जातक आपकी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ समाज में मान-पद-प्रतिष्ठा प्रदान करने में भी मदद करता है।
जातक की रचनात्मक कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है
वास्तव में नीला जिरकाॅन रत्न प्राचीन समय से ही लोगों के द्वारा धारण किया जाता है। अतः इस रत्न को धारण करने वाले जातक का किसी न किसी रचनात्मक कार्यों में हमेशा रुचि बढ़ती रहती है तथा रचनात्मक कार्य करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा जो भी यह रत्न धारण करता है उस व्यक्ति में कौशल का विकास होता है साथ ही धारण करने वाले जातक को सुख-समृद्धि तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
दाम्पत्य जीवन वाले जातकों को देता है आशीर्वाद
जो जातक अपना वैवाहिक जीवन जी रहे हैं या फिर जिन जातकों का अभी-अभी विवाह हुआ है ऐसे जातक यदि नीला जिरकाॅन धारण करते हैं तो वैदिक ज्योतिष के अनुसार नीला जिरकाॅन शुक्र ग्रह के आनंद को संतुलित करने और जातक के वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमेशा मदद करता है। इस रत्न को धारण करने वाले जातक को वैवाहिक जीवन प्यार, देखभाल, और समझ के साथ पुनर्जीवित करता है और आपके जीवनसाथी के साथ एक मजबूत प्रेम संबंध बनाने में भी मदद करता हैै।
जातक के हार्मोन संबंधी विकार में सुधार
यदि आपकी सहनशक्ति और ऊर्जा किसी प्रकार से अवरुद्ध है या जातक की हार्मोन शक्ति कमजोर है तो ऐसे में जातक को इस अलौकिक रत्न को धारण अवश्य करना चाहिए इस रत्न को धारण करने से आपके जीवन में धीरे-धीरे परिवर्तन आना शुरू हो जाता है तथा जातक की हार्मोन्स से सम्बन्धित परेशानियों में सुधार आता है। नीला जिरकाॅन धारण करने वाले जातक को यह रत्न एक अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देता है साथ ही उस व्यक्ति को आने वाली कई बीमारियों के बचाकर उन्हें राहत देता है।
आत्मिक शोधक के लिए होते हैं प्रभावशाली
वैसे तो दुनियाभर में जितने भी रत्न है उन सभी में कहीं न कहीं रहस्यमयी शक्तियाँ होती हैं जो अपने इस शक्तिशाली प्रभावों से एक व्यक्ति के जीवन में नई दृष्टियाँ और ऊर्जा लाती हैं। इन सभी धारण करने वाले रत्नों में एक सकारात्मक ऊर्जाएं होती हैं, जो की नीला जिरकाॅन के साथ ही जुड़ी रहती हैं यह शक्तियाँ ही धारण करने वाले जातकों के आस-पास आने वाली नकारात्मक शक्तियों को पूरी तरह से समाप्त कर देती हैं और जातक को उसके जीवन में एक सुखद और आरामदायक जीवन देने के साथ-साथ आत्मिक शांति प्रदान करती है।
शनि से सम्बन्धित जिरकाॅन भी जातक को देता है लाभ
☸ बात करें नीला जिरकाॅन की तो इस रत्न को शुक्र ग्रह के साथ-साथ शनि ग्रह के शुभ प्रभावों के लिए भी धारण किया जाता है। जब किसी जातक की जन्मकुण्डली में शनि ग्रह से सम्बन्धित दोष और शनि की ढैय्या और साढ़े साती भी चल रही हो तो ऐसे में इस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है अतः जातक को यह रत्न धारण करने के निम्न लाभ होते हैं।
☸ शनि ग्रह जातक के किसी भी प्रकार के कर्म के अनुसार उसके अच्छे या बुरे फल देने वालों में से होते हैं यदि आपको अपना कर्म करते हुए ऐसा प्रतीत होता है की आपके किये गये मेहनत के अनुसार अच्छा फल नही मिल रहा है तो ऐसे में आपको नीला जिरकाॅन अवश्य धारण करना चाहिए इनसे मिलने वाले परिणाम आपको अच्छे मिलेंगे।
☸ यदि किसी जातक को उनके जीवन में किसी तरह का शारीरिक और आर्थिक कष्ट हो रहा है तो ऐसे में नीला जिरकाॅन रत्न आपको अवश्य धारण करना चाहिए।
☸ यदि कोई जातक शनि से सम्बन्धित क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं तो इस रत्न को धारण करना जातक के लिए अत्यन्त लाभदायक माना जाता है। इसे धारण करने से जाॅब लगे हुए, जातकों को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी साथ ही रोजगार की प्राप्ति करने वाले जातकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
☸ नीला जिरकाॅन रत्न जातक को धन-धान्य, सुख-समृद्धि देने वाला होता है और यह सब शनि ग्रह के कारण होता है इस रत्न को अंगूठी में जड़वाकर धारण करने से जातक को इससे मिलने वाले शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
किसे धारण करना चाहिए नीला जिरकाॅन
☸ वैसे तो आजकल के लोग अपने शौक के अनुसार कोई भी रत्न बिना किसी की सलाह लिये धारण कर लेते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। किसी भी तरह के रत्न को बिना किसी योग्य ज्योतिष की सलाह लिये बिना धारण नहीं करना चाहिए। नीला जिरकाॅन का संबंध शुक्र ग्रह से होता है परन्तु इसके रंग और इसकी चमक के अनुसार बहुत से योग्य ज्योतिषियों का यह मानना है कि इस रत्न का संबंध कहीं न कहीं शनि ग्रह से भी होता है।
☸ यह रत्न अपने आश्चर्यजनक रंग और ज्योतिषिय गुणों के लिए एक प्रसद्धि रत्न है जो कि धारण करने वाले जातकों को लाभ की प्राप्ति कराता है।
☸ वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नीला जिरकाॅन रत्न दिसंबर माह में जन्में जातकों के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है इसके अलावा तुला और वृषभ राशि के जातकों को अपने प्रभावों से आशीर्वाद देता है।
☸ प्राचीन समय के ज्योतिष ज्ञान के अनुसार कर्क राशि वाले जातको के लिए भी यह रत्न लाभ देने वाला बताया गया है। इसके अलावा नीला जिरकाॅन योग्य ज्योतिषी की सलाह से मकर, मिथुन, कन्या और कुंभ राशि के जातक भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं। मकर और कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि होने के कारण इस राशि के जातक यह रत्न धारण कर सकते हैं। यह इन दोनों ही राशियों के लिए राशि रत्न के रूप में होता है।
नीला जिरकाॅन रत्न को किस दिन धारण करें
नीला जिरकाॅन की सभी अच्छी और बुरी विशेषताओं को जानने के बाद इस रत्न को कब धारण करना चाहिए इसके बारे में जानते हैं।
नीला जिरकाॅन रत्न को शुक्रवार के दिन शुक्ल पक्ष में दाहिने हाथ के अंगूठे या फिर मध्यमा उंगली में सुबह 11 बजे से शाम 4ः30 बजे के बीच में धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले अंगूठी को गंगाजल या दूध से स्नान करवाकर शुद्ध करके शुक्र के बीज मंत्र ओम शुं शुक्राय नमः का 108 बार जाप करके ही इस रत्न को धारण करें विधिपूर्वक रत्न धारण करने से जातक को उसके शुभ प्रभाव मिलते हैं।
रत्न कहाँ से लें
वैसे तो आपको कई तरह के रत्न हर जगह आसानी से मिल जायेंगे परन्तु यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं है कि आपको हमेशा उत्तम और उच्च गुणवत्ता वाला रत्न पूरी प्रमाणिकता और प्रमाणपत्र के साथ ही मिले। ऐसे में यदि आप प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता का नीला जिरकाॅन रत्न बिना किसी मन में आई दुविधा के शत प्रतिशत विश्वास के साथ लेना चाहते हैं तो Kundaliexpert से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस रत्न को दिये गये लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा उच्च गुणवत्ता वाला नीला जिरकाॅन प्राप्त करने के लिए इस 9818318303 दिये गये नम्बर पर सम्पर्क भी कर सकते हैं।
विशेष:- यह रत्नों की सामान्य जानकारी है। अतः आप कोई भी रत्न बिना किसी ज्योतिषी सलाह के न पहनें अन्यथा बुरे परिणाम मिल सकते हैं।