पौष अमावस्या

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि पर अमावस्या पड़ती है। यह अमावस्या पितरों की मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है। पौष माह को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अमावस्या के दिन भगवान विष्णु एवं सूर्यदेव की आराधना की जाती है। साथ ही आज के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि आज के दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु की कामना के लिए भी व्रत रखती है। इस पवित्र दिन पर दान करने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होता है।

पौष अमावस्या शुभ मुहूर्तः-

वर्ष 2022 में पौष अमावस्या 23 दिसम्बर दिन को मनाया जायेगा अमावस्या तिथि का प्रारम्भ 22दिसम्बर को शाम 07ः15 मिनट से हो रहा है तथा इसका समापन 23 दिसम्बर को दोपहर 3 बजकर 48 मिनट पर होगा।

पौष अमावस्या पूजा विधिः-

☸ प्रातः काल के पानी गंगाजल डालकर नहाए।
☸ उसके बाद घर के मन्दिर मे दीप प्रज्वलित करें।
☸ अब सूर्यदेव को अघ्र्य दें। व्रत का संकल्प करें।
☸ उसके बाद पितरो के निमित्त तर्पण एवं दान का कार्य करें।
☸ आज के पवित्र दिन पर भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें तथा भगवान विष्णु की भी पूजा अर्चना करें।

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