चतुर्मास चार महीने की अवधि के लिए मनाया जाता है और यह आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी के अगले दिन से शुरु होता है और कार्तिक महीने में देवोत्थान एकादशी पर समाप्त होता है। चतुर्मास 30 जून से आरम्भ है और 23 नवम्बर को समाप्त होगी। हिन्दू धर्म में इसका बहुत महत्व है यह माह प्रार्थना अनुष्ठान और पूजा के लिए समर्पित है और इसलिए विवाह गृह प्रवेश और अन्य सामान कार्य नही देखे जाते हैं चतुर्मास आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में एकादशी के दिन शुरु होता है और कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष में एकादशी पर समाप्त होता है।
कब प्रारम्भ होगा चतुर्मास
चतुर्मास में शुभ कार्य करने की मनाही होती है इस बार सावन महीने में अधिक मास लगने के बाद सावन 59 दिनों का होगा इस माह सावन सोमवार भी 4 की जगह 8 होंगे। 5 महीने के लम्बे चतुर्मास के कारण लोगों को मांगलिक कार्य करने के लिए भी 5 महीने का इंतजार करना होगा।
चतुर्मास में नही होंगे यह कार्य
चतुर्मास में शुभ कार्य करने की मनाही है जैसे शादी, विवाह, मुण्डन, जनेऊ, गृह-निर्माण, गृह-प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई भूमि व सम्पत्ति खरीदना, नया व्यापार या काम शुरु करने जैसे शुभ कार्य नही होंगे।
चतुर्मास के दौरान क्या करें
☸ चतुर्मास के दौरान विवाह गृह प्रवेश, मुण्डन आदि कार्य नही किये जाते हैं पर चतुर्मास में थाली में भोजन न करके पत्तल में भोजन करना शुभ माना गया है।
☸ इस मास में भूमि पर सोना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
☸ चतुर्मास के दौरान तुलसी की पूजा करनी चाहिए एवं शाम के समय तुलसी के नीचे घी का दीया जलाना भी शुभ माना गया है।
चतुर्मास के दौरान क्या न करें
☸ धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चतुर्मास के दौरान तामसिक भोजन का सेवन नही करना चाहिए इस दौरान इन चीजों का सेवन करने से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।
☸चतुर्मास में भगवान विष्णु की उपासना अत्यधिक फलदायी होता है, माना जाता है कि चतुर्मास में श्री हरि की उपासना करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
☸ चतुर्मास में झूठ नही बोलना चाहिए। इस दौरान कोई भी अनैतिक कार्य नही करना चाहिए।
☸ चतुर्मास के दौरान नीले या फिर काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए इस मास में हरा, लाल, पीला आदि रंग के वस्त्रों को पहनना चाहिए।
☸ चतुर्मास में किसी भी तरह की यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर बेहद जरुरी न हो तो बिल्कुल यात्रा न करें।
☸ चतुर्मास में पड़ने वाले अश्विन मास में दूध से सम्बन्धी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
☸चतुर्मास के चौथे माह यानि कार्तिक मास में प्याज, लहसून, दाल आदि का सेवन नही किया जाता है।
☸ चतुर्मास के दौरान भगवान सूर्य की आराधना करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही पूर्ण ब्रह्माचर्य का पालन करना चाहिए।