बसंत पंचमी में किए जाने वाले मंत्र और स्तोत्र सहित अर्थ

बसंत पंचमी में किए जाने वाले मंत्र और स्तोत्र सहित अर्थ

बसंत पंचमी का पर्व विशेष रूप से माँ सरस्वती की पूजा, मंत्रों और स्तोत्रों का उच्चारण करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी माँ सरस्वती की उपासना का है। ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार इस दिन किए गए कुछ विशेष मंत्रों और उपायों से व्यक्ति को जीवन में सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है। माँ सरस्वती के मंत्र और शक्तिशाली स्तोत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही यह मंत्र व्यक्ति के भाग्य को जागृत करते हैं, जिससे उसे जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।

1. सरस्वती मूल मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै नमः
मंत्र का अर्थः यह मंत्र बुद्धि और सम्पन्नता से युक्त माँ सरस्वती को प्रणाम करता है। माँ सरस्वती हमें सद्बुद्धि, ज्ञान और वैभव प्रदान करें और अपनी कृृपा से हमें अपनी शरण में लें।
मंत्र का लाभः
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है, वाणी में शक्ति आती है और एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपनी शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।

2. विद्या-दायिनी सरस्वती मंत्र

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
मंत्र का अर्थः
हे माँ सरस्वती, जो सबकी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली और शुभ फल देने वाली हैं, आपको मेरा प्रणाम है। मैं अपनी विद्या की शुरुआत कर रहा हूँ, कृृपया आप मुझे सफलता और सिद्धि प्रदान करें।
मंत्र का लाभः
यह मंत्र का जाप विशेष रूप से तब करना चाहिए जब कोई विद्यार्थी पढ़ाई शुरू कर रहा हो। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को विद्या में सफलता मिलती है और उसकी पढ़ाई में निरंतर उन्नति होती है।

3. सरस्वती वंदना मंत्र

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता,
सा मां पातु सरस्वति भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
मंत्र का अर्थः
जो विद्या की देवी माँ सरस्वती कुंद के फूल की तरह सफेद, चाँद की तरह चमकीली और हिम के समान श्वेत वर्ण वाली हैं, जो श्वेत वस्त्र पहनती हैं, जिनके हाथ में वीणा और दण्ड शोभायमान हैं और जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा हमेशा पूजित रहती हैं, वे माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें और हमारी सभी जड़ता और अज्ञान को दूर करें।
मंत्र का लाभः
यह मंत्र विशेष रूप से दिन की शुरुआत में पढ़ने से ज्ञान, बुद्धि और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह स्मरण शक्ति और मानसिक स्थिति को सशक्त बनाता है, जिससे व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकता है।

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार बसंत पंचमी के कुछ शक्तिशाली मंत्रः

ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से कुछ मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, सफलता और समृद्धि मिलती है। इन दिए गए मंत्रों का उच्चारण करने से न केवल विद्या में वृद्धि होती है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त होती है।
1. ॐ श्रीं ह्लीं सदा सरस्वत्यै नमः
अर्थः इस मंत्र का जाप व्यक्ति की शिक्षा, ज्ञान और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अध्ययन या ज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
2. ॐ शं शं शं सर्वविद्याय नमः
अर्थः यह मंत्र शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति के लिए है। इसके जाप से विद्या, बुद्धि और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है।
3. ॐ श्वेतपद्मासना भगवती सरस्वती
अर्थः यह मंत्र माँ सरस्वती की पूजा में विशेष रूप से उपयोगी है। इसके जाप से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
4. ॐ ऐं ह्लीं सौं महा सरस्वत्यै नमः
यह मंत्र विशेष रूप से शांति और समृद्धि के लिए है। इसके जाप से मानसिक शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

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सरस्वती पूजा के दिन आवश्यकतानुसार मंत्र अवश्य करेंः

1. सरस्वती ध्यान मंत्रः
ॐ सरस्वती मया दृृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ¬॥
अर्थः इस मंत्र में माँ सरस्वती का ध्यान किया गया है, जो वीणा और पुस्तक धारण करती हैं और हंस पर सवारी करती हैं। वह हमें विद्या और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं।
2. परीक्षा में सफलता के लिए मंत्रः
नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुतामोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम।।
शारदायै नमस्तुभ्यं, मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
अर्थः यह मंत्र माँ सरस्वती से परीक्षा में सफलता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करता है। इसमें देवी से विद्या, बुद्धि और परीक्षा में उत्तीर्ण होने का आशीर्वाद माँगा जाता है।
3. सरस्वती मंत्र विद्यार्थियों के लिए मंत्रः
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
अर्थः यह मंत्र विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए है। इसमें माँ सरस्वती से विद्या और सफलता की प्राप्ति की कामना की जाती है।
4. बुद्धि में वृद्धि के लिए सरस्वती मंत्रः
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।
अर्थः यह मंत्र माँ सरस्वती को समर्पित है, जो वाणी की देवी हैं। इसके जाप से व्यक्ति की बुद्धि में वृद्धि होती है और मानसिक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
5. धन और बुद्धि के लिए सरस्वती मंत्रः
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।
अर्थः यह मंत्र धन और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। इसका जाप करने से व्यक्ति के जीवन में धन और बुद्धि का प्रवाह होता है।
6. विद्या और ज्ञान बढ़ाने के लिए सरस्वती मंत्रः
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते॥
अर्थः यह मंत्र माँ सरस्वती से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसके जाप से व्यक्ति की बुद्धि तीव्र होती है और ज्ञान का विस्तार होता है।
7. विद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्रः
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।
वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
अर्थः यह मंत्र विद्या प्राप्ति के लिए है, यह माँ सरस्वती से ज्ञान की प्राप्ति की प्रार्थना करता है। इसके जाप से व्यक्ति को उच्च ज्ञान प्राप्त होता है।
8. माता सरस्वती से विद्या के वरदान के लिए मंत्रः
ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।
अर्थः यह मंत्र माँ सरस्वती से विद्या के वरदान की प्रार्थना करता है। इसमें समर्पण और श्रद्धा के साथ माँ से ज्ञान प्राप्ति की कामना की जाती है।

मां सरस्वती का स्तोत्र और उसके अर्थः

1. या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
अर्थः
जो देवी कुंद के फूल, चंद्रमा, हिम रत्न और मोती के हार से शोभित हैं, जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और जिनके हाथ में वीणा और वाद्य यंत्र हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और शंकर जैसे देवताओं द्वारा सदा पूजित हैं, वही देवी सरस्वती मेरी रक्षा करें और मेरी अज्ञानता को दूर करें।
2. आशासु राशिभवदंगवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम।
मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दु वन्देऽरविंदासनसुंदरि त्वाम।।
अर्थः
जो देवी आशा और समृद्धि के स्रोत हैं, जो दूध के सागर जैसी दया और शक्ति से युक्त हैं, जिनकी मंद मुस्कान चंद्रमा जैसी तेजस्विता से परिपूर्ण होती है, मैं उन देवी सरस्वती की वंदना करता हूं, जो कमल के आसन पर बैठी हैं और सबके जीवन में ज्ञान और सुख का विस्तार करती हैं।
3. शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात।।
अर्थः
शारदा, जिनका मुख कमल के फूल की तरह सुंदर है, जिनके नयनों में ज्ञान और शिक्षा का प्रकाश है, वे हमेशा हमारे साथ रहें और हमें अपने आशीर्वाद से सशक्त बनाएं।
4.सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्।
देवत्वं प्रतिधन्ते यदनुग्रह्तो जनारू।।
अर्थः
मैं देवी सरस्वती की वंदना करता हूं, जो वाणी की देवी हैं, जिनके आशीर्वाद से सभी लोग देवीत्व को प्राप्त होते हैं। उनका आशीर्वाद ही लोगों को ज्ञान और सफलता का मार्ग प्रदान करता है।
5. पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्नः सरस्वती।
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या।।
अर्थः
हमारी बुद्धि और मानसिकता की रक्षा करें, देवी सरस्वती, जो हमारी समझ को सशक्त करती हैं और हमें वाणी में सुधार और शुद्धता प्रदान करती हैं।
6. शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाधां जगद्व्यापिनीं
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम।
हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम।।
अर्थः
मैं उस देवी सरस्वती की पूजा करता हूं, जो श्वेत वस्त्र पहने हुए हैं, ब्रह्मा के विचारों का सार हैं और जिन्होंने पूरे विश्व को व्याप्त किया है। उनके हाथ में वीणा और पुस्तक हैं, वे भय और अंधकार को नष्ट करती हैं, और उनके हाथ में स्फाटिक माला है। वे बुद्धि की प्रदायिनी हैं और समस्त ज्ञान को फैलाने वाली हैं।

7. वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले भक्तार्तिनाशिनि विरंचिहरीशवंधे।
कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे विद्याप्रदायिनि सरस्वती नौमि नित्यम।।
अर्थः
जो देवी वीणा धारण करती हैं, जो भक्तों की पीड़ा को नष्ट करती हैं, जो ब्रह्मा और शिव के साथ बैठती हैं, वे मेरी सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली, समृद्धि और सम्मान देने वाली देवी हैं। मैं उन्हें प्रतिदिन प्रणाम करता हूं।
8. श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे।
उधन्ममनोज्ञसितपंकजमंजुलास्ये विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम।।
अर्थः
जो देवी श्वेत कमल पर विराजमान हैं, जो श्वेत वस्त्रों से आच्छादित हैं और जिनका रूप मनमोहक और सुंदर है, मैं उन देवी सरस्वती को नित्यप्रति प्रणाम करता हूं, जो ज्ञान और विद्या की देवी हैं और जो हमारी बुद्धि को तेज करती हैं।
9.मातस्त्वदीयपदपंकजभक्तियुक्ता ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।
ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण भूवह्रिवायुगगनाम्बुविनिर्मितेन।।
अर्थः
जो भक्त आपके चरणकमल में श्रद्धा और भक्ति रखते हैं, वे संसार के सभी बंधनों से मुक्त होकर, निरंतर एक महान, निरंतर शुद्ध जीवन जीते हैं। वे स्थिरता और शांति की प्राप्ति करते हैं।
10. मोहान्धकारभरिते ह्रदये मदीये मातः सदैव कुरु वासमुदारभावे।
स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रभाभिरू शीघ्रं विनाशय मनोगतमंधकारम।।
अर्थः
माँ सरस्वती, मेरे ह्रदय से अज्ञान और अंधकार को नष्ट करें, और मेरे जीवन में उजाला और स्पष्टता लाएं। कृृपया मुझे सद्गति की प्राप्ति और मानसिक शांति का आशीर्वाद दें।
11. ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेशः शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावैः।
न स्यात्क्रपा यदि तव प्रकटप्रभावे न स्युरू कथचिदपि ते निजकार्यदक्षाः।
अर्थः
माँ सरस्वती, आपके प्रभाव से ब्रह्मा सृष्टि का निर्माण करते हैं, विष्णु पालन करते हैं और शिव संहार करते हैं। यदि आपका आशीर्वाद न हो, तो कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता। आपके प्रभाव से ही संसार का संचालन होता है।
12. लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गाैरी तुष्टिः प्रभा धृतिः।
एताभिः पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वती।
अर्थः
माँ सरस्वती, आपके आशीर्वाद से मेरी बुद्धि (मेधा), समृद्धि (लक्ष्मी), धैर्य (धृति) और पोषण (पुष्टि) में वृद्धि हो। आप मेरे तन, मन और जीवन को आशीर्वाद दें।
13. सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।
वेदवेदांतवेदांगविद्यास्थानेभ्य एव च।
अर्थः
मैं नित्य माँ सरस्वती को प्रणाम करता हूं, जो शुभ और कल्याणी हैं। वे वेद, वेदांत और अन्य विद्याओं के क्षेत्र में महा-विद्यावान हैं।
14.सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारुपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते।
अर्थः
हे महाभागे सरस्वती, जिनकी आँखें कमल जैसी हैं, जो विद्या और ज्ञान की देवी हैं, मैं आपको प्रणाम करता हूं। कृृपया मुझे विद्या और ज्ञान प्रदान करें।
15. यदक्षरं पदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि।
अर्थः
हे देवी सरस्वती, यदि मैंने किसी शब्द या वचन बोलने में गलती की हो, तो कृृपया मुझे क्षमा करें और मुझे अपनी कृृपा से आशीर्वाद दें।

बसंत पंचमी के दिन किए जाने वाले उपायः

वसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा करके उन्हें पुष्प अर्पित करें। सरस्वती की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर, उनका ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें।
इस दिन उपवास रहकर व्रत रखें और दिन भर अच्छे कार्यों में ध्यान केंद्रित करें।
यदि कोई नई पढ़ाई शुरू करना चाहता है, तो इस दिन को चुने और सरस्वती मंत्र का जाप करके अपना विद्यार्थी जीवन शुरू करें।
संगीत, कला और साहित्य में रुचि रखने वाले लोगों को इस दिन विशेष रूप से अपनी कला में ध्यान लगाने और अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।

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