बुधवारः-
बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है। इस शुभ दिन पर भगवान गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते है। जिससे जीवन मे सुख समृद्धि का आगमन होता है। यदि किसी जातक की कुण्डली मे बुध दोष हो तो बुधवार का व्रत करने से शुभ परिणाम देखने को मिलते है तथा अशुभ बुध का प्रभाव भी खत्म होता है। व्रत के दिन बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करते है। इसके अलावा इस दिन बुधवार व्रत कथा भी सुनते है। बुध सम्बन्धित वस्तुओं जैसे कपड़ा, हरी मूंग दाल, हरा चारा आदि दान करें। बुध को बुद्धि का कारक भी माना गया है जो एक महत्वपूर्ण ग्रह है।
बुधवार व्रत कथाः-
हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार मधुसूदन नाम का एक व्यक्ति समतापुर नगर मे रहता था। उसका विवाह पास के ही नगर बलरामपुर मे संगीता नाम की लड़की से हुआ था। संगीता सुन्दर एवं सुशील थी। एक दिन मधुसूदन अपनी पत्नी को साथ लाने के लिए अपने ससुराल पहुँचा और उस दिन ही विदा करने की जिद पर अड़ गया उस दिन बुधवार का दिन था। सभी लोगों ने मधुसूदन को बहुत समझाया कि बुधवार के दिन यात्रा न करें लेकिन वह नही माना तब संगीता के घर वालों ने उसे विदा कर दिया।
वे दोनों बैलगाड़ी मे बैठकर जाने लगे तभी रास्ते में बैलगाड़ी का एक पहिया टूट गया तब दोनों लोग पैदल जाने लगे इसी बीच संगीता को प्यास लगी मधुसूदन पानी लेने गया जब वह पानी लेकर आया तो देखा की उसका एक हमशक्ल उसकी पत्नी के साथ बैठा है। उसने हमशक्ल से पूछा की वह कौन है ? इस पर उसने कहा कि मै मधुसूदन हूँ संगीता मेरी पत्नी है। तब मधुसूदन ने कहा तुम झूठ बोल रहे हो मै तो पानी लेने गया था तब हमशक्ल ने कहा वह पानी लाकर अपनी पत्नी को पिला भी दिया।
अब दोनों लोगों के बीच संगीता के असली पति होने को लेकर विवाद छिड़ गया तभी वहां राजा के कुछ सिपाही आ गये और उन्होने संगीता से पूछा की तुम्हारा असली पति कौन है तब वह जवाब नही दे पाई क्योकि वह स्वयं दुविधा मे पड़ गई थी। इस पर सिपाहियों ने सभी को राजा के दरबार मे पेश किया। पूरी घटना सुनने के बाद राजा ने दोनो को जेल मे डालने का आदेश दिया।
यह सब सुनकर मधुसूदन घबरा गया और बुधदेव को याद करके क्षमा मांगने लगा। तब आकाशवाणी हुई कि मधुसूदन! तुमने अपने ससुर और उनके परिवार की बात नही मानी जिससे बुधदेव नाराज हो गये ।तब मधुसूदन बोला हे महराज! मुझसे बहुत बडी गलती हो गई है, अब मै बुधवार को यात्रा नही करुंगा कृपया मुझे माफ करें। मै हमेशा बुधवार का व्रत करुंगा। क्षमा याचना सुनकर बुधदेव शांत हो गये और उन्होने मधुसूदन को क्षमा कर दिया और राजा के दरबार से मधुसूदन का हमशक्ल गायब हो गया। बुध देव की कृपा से राजा ने मधुसूदन और संगीता को विदा कर दिया। जब वह वहाँ से निकले तो उन्हें बैलगाडी भी सही मिली और दोनो समतापुर नगर आ गए। फिर वह बुधवार का व्रत रखने लगा जिसके फलस्वरुप उनका जीवन सुखमय हो गया।
बुधवार व्रत की विधिः-
☸ सर्वप्रथम व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर सबसे पहले आप भगवान के प्रतिमा के समक्ष बैठें।
☸ गणेश जी की पूजा करने से पहले दृढ़ संकल्प ले क्योंकि किसी भी पूजा को शुरु करने से पहले संकल्प लेना आवश्यक होता है।
☸ उसके बाद एक चौकी लेकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
☸ गणेश जी का कुमकुम, अक्षत, घी और अगरबत्ती से पूजा करें।
☸ इसके बाद ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
बुधवार व्रत में रखी जाने वाली सावधानियांः
☸ गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग भूलकर भी न करें।
☸गणेश जी की पूजा मे टूटे एवं गीले चावल का प्रयोग न करें नही तो आपको गणेश जी के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
गणेश जी की पूजा अर्चना का फलः-
यदि किसी जातक की कुण्डली मे बुध अशुभ हो तो उसके जीवन मे कभी भी तरक्की नही होती है। किसी भी कार्य मे आपको सफलता नही मिलेगी। बुधवार का दिन भगवान गणेश का दिन होता है यदि कोई सच्चे मन से गणेश जी की पूजा करें तो उनके जीवन मे धन और सुख समृद्धि की कभी भी कमी नही रहती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा अर्चना करने से सभी दुःख दूर हो जाते है। लाल किताब के अनुसार यह दिन दुर्गा माता को समर्पित किया जाता है।
बुधवार के दिन करें ये कामः-
☸ इस दिन सूखे सिंदूर तिलक लगायें।
☸ बुधवार के दिन दुर्गा मन्दिर जाकर दुर्गा माँ की आराधना करें।
☸पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते है।
☸ यह दिन मंत्र जप, मंथन एवं लेखन कार्य के लिए भी उचित है।
☸ मन्दिर के बाहर बैठी किसी कन्या को बुधवार के दिन साबुत बादाम देना चाहिए। इसके फलस्वरुप घर की बीमारी दूर होती है।
बुधवार के दिन न करें ये कामः-
☸ उत्तर-पश्चिम और ईशान मे यात्रा न करें।
☸ बुधवार के दिन हरी सब्जियों का दान करें।
☸ इस दिन धन का लेन-देन नही करना चाहिए।
☸ बुधवार के दिन लड़कियो, की माता को सिर नही धोना चाहिए।
☸इस दिन पान न खाएं नही तो आर्थिक परेशानी बन सकती है।
ग्रह दोष और शत्रुओं से बचाव के लिए निम्न मंत्र का जाप करेंः-
गणपूज्यो, वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बकः।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजकः।।
धूम्रपर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायकः।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्रग्णम्।।
यह भगवान गणेश जी के बारह नाम है। इन नामो का जप उचित स्थान पर बैठकर किया जाये तो सर्वश्रेष्ठ लाभ प्राप्त होता है। पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का जप करना शुभ होता है।
बुधवार पूजा के लाभः-
☸पुराणों मे गणेश जी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रह दोष दूर करने वाली भी बताई गई है।
☸इस दिन सफेद रंग के गणेश जी की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का हल मिलता है।
☸गणेश जी या दुर्गा मंदिर के सामने बैठी किसी कन्या को बुधवार के दिन साबुत बादाम दान करने से घर की बीमारी दूर होती है।
☸गणेश जी को गुण और घी का भोग लगाने से धन की प्राप्ति होती है और बाद में यही घी एवं गुड गाय को खिला दे जिससे धन सम्बन्धित परेशानियाँ दूर होगी।
रुके हुए कार्यों एवं बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार के दिन गणेश मंत्र का स्मरण करें।
त्रयीमयाया खिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।