ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति का बुरा समय अधिकतर जन्म चन्द्र से विभिन्न ग्रहों के गोचर पर आता है जैसे की शनि का बारहवें, पहले, दूसरे, चौथे व आठवें भाव में गोचर करना राहु का चौथे नौवे या बारहवें भाव में गोचर करना केतु का तीसरे छठें भाव में गोचर करना। यह जातक के बुरे समय को दर्शाता है। जातक पर कोई बाधक ग्रह की महादशा चल रही एवं व्यक्ति पर छठें भाव के स्वामी की महादशा चलना व्यक्ति पर मारकेश ग्रह की महादशा चलना, व्यक्ति पर अष्टम भाव के स्वामी की महादशा चलना, व्यक्ति पर बारहवें भाव के स्वामी की महादशा चलना, इसके अलावा कुण्डली में विद्यमान ग्रह दोष का विभिन्न दशाओं में सक्रिय होना पितृ दोष का दशमेश की दशा में सक्रिय होना। पापदोष का पंचमेश की दशा में सक्रिय होना, केमद्रुम दोष का चन्द्र की दशा में सक्रिय होना इत्यादि।
आइए जानते हैं उन 5 संकेतो को
तुलसी का पौधा सूखना
तुलसी पौधे को पूजनीय माना जाता है इसे घर में लगाने से सुख-शांति रहती हैं वहीं अगर यह पौधा सूख जाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि यदि काफी देखरेख के बाद भी तुलसी का पौधा सूख जाता है तो ये भविष्य में आने वाली आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है।
घर में क्लेश होना
अगर आपके घर में अचानक क्लेश बढ़ गया है और बिना वजह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होने लगा है तो ये सब आने वाले आर्थिक संकटों की तरफ इशारा करता है हालांकि गृह क्लेश वास्तु दोष व ग्रहों के दोषों के कारणों से भी होता है।
शीशे का टूटना
घर में शीशे का टूटना दरिद्रता व धन हानि का संकेत देता है इसलिए अपने आसपास इसका ख्याल रखें और सचेत रहें।
घर में पूजा-पाठ न होना
अगर घर में पूजा-पाठ ना हो तो या फिर मन ना लग रहा हो तो ऐसे में आपको सुख-समृद्धि में कमी दर्शाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह भी कहा जाता हैं कि यह संकेत आने वाले संकट को दर्शाता है क्योंकि जहां पूजा-पाठ नही होता वहाँ सुख-समृद्धि नही होती।
बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना
हमेशा घर के बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि बड़े-बुजुर्ग हमें आशीर्वाद देते हैं और बड़े-बुजुर्गों को हम सबसे सम्मान न मिले तो वे दुखी होंगे और बड़े-बुजुर्गों का जो सम्मान नही करते हैं उनके जीवन में बुरे समय प्रारम्भ हो जाता है।