बृहस्पति का राशि परिवर्तन मेष राशि 22 अप्रैल

देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन 22 अप्रैल दिन शनिवार को मेष राशि में हो रहा है। इस दिन देवगुरु बृहस्पति स्वराशि मीन राशि से निकलकर अपनी मित्र राशि मेष राशि में प्रवेश करेंगे यह राशि परिवर्तन आपको कई रुपों मे प्रभावित करेगा तथा वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि अमृत के समान मानी जाती है। मेष राशि में बृहस्पति का गोचर सभी राशियों पर अलग-अलग परिणाम देगा तो आइए हम इसे विस्तार से प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी द्वारा समझते है।

मेष राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः-  मेष राशि के जातकों की कुण्डली में गुरु भाग्य भाव एवं खर्च भाव के स्वामी होते है। आपको स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। आपके आत्म विश्वास में थोड़ी कमी आ सकती है तथा कार्य-व्यवसाय में आ रही रुकावटें आपको मानसिक रुप से प्रभावित कर सकती है। राशि परिवर्तन के कुछ समय बाद आपके हालातों मे सुधार आयेगा तथा आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। अविवाहित जातकों के लिए विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है साथ ही प्रेम संबंधों मे भी मधुरता बढ़ेगी विद्यार्थियों को अपने परिश्रम का लाभ प्राप्त होगा एवं संतान पक्ष से भी कोई खुशखबरी मिल सकती है। वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां खत्म होते नजर आयेंगी और भाग्य का साथ प्राप्त होगा जिससे आप सुख की अनुभूति करेंगे।
उपायः- गाय को गुड़ और काला तिल खिलाएं आपकी परेशानियां दूर होंगी।

वृष राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- वृष राशि के जातकों की कुण्डली में देवगुरु बृहस्पति अष्टम एवं एकादश भाव के स्वामी होते है। स्वास्थ्य के प्रति समस्या बढ़ सकती है इसलिए स्वास्थ्य को लेकर कोई लापरवाही न बरतें। आपके खर्चों मे बढ़ोत्तरी होगी जो आपके आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। किसी भी काम को करते समय पूरी तरह से जाँच पड़ताल कर लें नही तो किसी विवाद में फंसने की सम्भावना बन रही है। नौकरी और व्यवसाय से जुड़े लोगो को लम्बी दूरी की यात्रा तय करनी पड़ सकती है लेकिन यह यात्रा आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। घरेलू खर्चें एवं पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ सकती है जिसके कारण आप थोड़े चिंतित हो सकते है। आपके शत्रु आपको हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते है परन्तु अपने प्रभाव से उन पर विजय प्राप्त कर लेंगे। राशि परिवर्तन के कुछ समय बाद स्वास्थ्य मे भी सुधार देखने को मिलेगा तथा धार्मिक कार्यों मे भी धन खर्च की संभावना बन रही है।
उपायः- बृहस्पतिवार के दिन तिल और गुड़े रोटी में मिलाकर भूरे रंग की गाय को खिलाएं, आापको कार्यों मे सफलता मिलेगी।

मिथुन राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः-  मिथुन राशि के जातकों की कुण्डली में गुरु सप्तम एवं दशम भाव का स्वामी होता है। देवगुरु बृहस्पति आपकी कुण्डली में एकादश भाव में गोचर करेंगे। यह राशि परिवर्तन आर्थिक संघर्ष करना पड़ सकता है उसके बाद ही सफलता प्राप्ति के योग बनेंगे और आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में सक्षम होंगे। कार्यालय में वरिष्ठों से कुछ मनमुटाव हो सकता है। गोचर के अंत दिनों में आपको कई परेशानियों से राहत मिलेगा और प्रेम-प्रसंग में मधुरता बनी रहेगी। वैवाहिक जीवन में सुख की कमी महसूस कर सकते है। छोटे भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा तथा आप उनकी मदद भी कर सकते है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा मे कुछ रुकावटों के बाद लाभ प्राप्त होगा। धार्मिक कार्यों में भी मन लगा रहेगा।
उपायः- गुरुवार के दिन गरीब बच्चों में पठन-पाठन की सामग्री दान करें।

कर्क राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- कर्क राशि के जातकों की कुण्डली में गुरु भाग्य एवं रोग भाव का मालिक होता है। आपकी कुण्डली में गुरु का गोचर दशम भाव में हो रहा है। फलतः कार्य-व्यवसाय में आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। यदि आप लम्बे समय से तबादला के लिए परेशान थें तो यह परिवर्तन आपकी इच्छा पूर्ण करने में सहायता प्रदान करेगा। व्यापार-व्यवसाय में बड़ा परिवर्तन हो सकता है। नौकरी-व्यवसाय से जुड़े जातकों को शुभ समचार मिल सकता है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी परन्तु पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है। गुजरते दिनों के साथ आपकी परेशानियां दूर हो जायेंगी जिससे सुख-समृद्धि का आगमन होगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों मे आपको सफलता मिलेगी और परिवार में सुख-सुविधाओं की वस्तुओं मे बढ़ोत्तरी होगी अचानक धन प्राप्ति के योग बन रहे है।
उपायः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की आराधना करें तथा पीपल के वृक्ष को बिना छुए जल अर्पित करें।

सिंह राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- सिंह राशि के जातकों की कुण्डली में गुरु पंचम एवं अष्टम भाव का स्वामी होता है। आपकी कुण्डली में देवगुरु बृहस्पति का गोचर नवम भाव में हो रहा है। धार्मिक क्षेत्र मे आपका रुझान बढ़ेगा तथा अध्यात्मिक कार्यों में आपको सफलता मिलेगी। कई कार्यों को लेकर आपको थोड़े संघर्ष करने पड़ सकते है लेकिन आपका परिश्रमी स्वभाव आपको इन सभी कार्यों मे सफलता दिलायेगा। आपको भाग्य का साथ प्राप्त होगा जिससे कई परेशानियों से मुक्ति पा लेंगे। इस गोचर के दौरान लम्बी दूरी की यात्रा का योग बन रहा है लेकिन इन यात्राओं से आपको सावधान रहना चाहिए। कई प्रभावशाली व्यक्तियों से मुलाकात होने की संभावना है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा तथा आपके व्यक्तित्व में निखार आयेगा। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा में सफलता मिलती है। आपका प्रेम-प्रसंग बढ़ेगा तथा संतान का भी सुख मिलेगा।
उपायः- बुधवार की शाम को काले तिलों का दान करें तथा गुरुवार के दिन गुरु के बीज मंत्र का पाठ करें।

कन्या राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- आपकी कुण्डली में देवगुरु बृहस्पति का गोचर अष्टम भाव में हो रहा है तथा गुरु आपकी कुण्डली में चौथे एवं सातवें भाव का मालिक है। यह परिवर्तन आपको मिश्रित परिणाम देगा धार्मिक क्षेत्र मे आपकी रुचि बढ़ेगी तथा धर्म से जुड़े कार्यों में आपको सफलता मिलेगी। आपके सामने कुछ बड़ी चुनौतियां आ सकती है जो आपके जीवन को पूर्ण रुप से प्रभावित कर सकती है। सुख-सुविधाओें की प्राप्ति के लिए यह समय अच्छा नही रहेगा। जीवनसाथी के साथ सामान्य संबंध बने रहेंगे। सुसराल पक्ष से मनमुटाव होने की संभावना है। कार्य-व्यवसाय में बड़े निवेश से सावधानी बरतें क्योंकि धन हानि के योग बन रहें है साथ ही जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बन सकती है। प्रशासन द्वारा भी हानि की संभावना बन रही है। लम्बी दूरी की यात्रा तय कर सकते है तथा आपके खर्चों में भी बढ़ोत्तरी होगी। परिवार एवं धन सम्पत्ति को लेकर कोई बड़ा निर्णय कर सकते है।
उपायः- प्रत्येक बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।

तुला राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- तुला राशि के जातकों की कुण्डली में पराक्रमेश एवं रोगेश होते है। आपकी कुण्डली में गुरु का गोचर सप्तम भाव में हो रहा है जो आपके वैवाहिक जीवन और जीवनसाथी का भाव है। कार्य-व्यवसाय में कुछ रुकावटों के बाद लाभ प्राप्त होगा तथा कार्य-व्यवसाय को लेकर आप भावुक हो सकते है। परिवर्तन के कुछ दिनों बाद आपको व्यापार-व्यवसाय से सम्बन्धित कई परेशानियों से राहत मिलेगा और अपने व्यापार का विस्तार करने में सक्षम होंगे। जीवनसाथी से प्रेम-सम्बन्ध बढ़ेगा। कई परिस्थितियों को लेकर आप परेशान हो सकते है परन्तु आपको अपना धैर्य नही खोना चाहिए बढ़ते समय के साथ सब ठीक हो जायेगा। आपको अपने कार्यों मे सफलता मिलेगी। सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा एवं छोटी दूरी की यात्रा तय कर सकते है जिससे आपका आत्मबल बढ़ेगा।
उपायः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद स्वरुप स्वयं भी खाएं तथा दूसरों मे वितरित करें।

वृश्चिक राशि पर गुरु के गोचर का प्रभावः- आपकी कुण्डली मे देवगुरु बृहस्पति दूसरे एवं पाचवें भाव के स्वामी होते है तथा इनका गोचर आपके कुण्डली में छठे भाव मे हो रहा है। गुरु का यह गोचर आपको मिला-जुला परिणाम देगा। स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है विशेषकर जो लोग मधुमेह एवं शरीर के मोटापे से परेशान है साथ ही लीवर की समस्या बन सकती है। आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़व की स्थिति बनी रहेगी जिसके कारण धन का संग्रह करने मे सक्षम होंगे। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में किया गया परिश्रम आपको लाभ प्रदान करायेगा। परिवर्तन के कुछ दिनों बाद परिस्थितियाँ आपके पक्ष में होती नजर आयेंगी। व्यापार एवं व्यवसाय के क्षेत्र मे खर्च बढ़ने की आवश्यकता बन रही है तथा लम्बी दूरी की यात्रा का योग भी है। संतान पक्ष मे आपको कोई खुशखबरी मिल सकती है।
उपायः- विष्णु जी की आराधना करें तथा गरीब बच्चों की शिक्षा में सहायता करें।

धनु राशि पर गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभावः- धनु राशि के जातकों की कुण्डली में गुरु लग्नेश एवं सुखेश होता है। आपकी कुण्डली में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन पंचम भाव में हो रहा है यह परिवर्तन आपको अच्छा परिणाम देगा। इस दौरान आपको कई विपरीत चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है साथ ही संतान को लेकर भी चिंता बन सकती है। आर्थिक क्षेत्र में चल रही परेशानियां खत्म होती नजर आयेंगी तथा धन प्राप्ति का मार्ग प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षा के मार्ग से विचलित हो सकते है जिसके कारण शिक्षा मे परेशानी उत्पन्न हो सकती है परन्तु इन परिस्थितियों से निकलने के लिए आपको भाग्य का साथ मिलेगा। जिससे आपके आत्म विश्वास में बढ़ोत्तरी होगी। धार्मिक क्षेत्र मे आपका रुझान बढ़ेगा तथा पूजा-पाठ से आपको लाभ प्राप्त होगा। नौकरी कर रहें जातकों के लिए पदोन्नति की सम्भावना बन रही है। प्रेम-सम्बन्ध मे मनमुटाव हो सकता है।
उपायः- आपको नियमित रुप से गुरु के बीज मंत्र का पाठ करना चाहिए तथा भगवान विष्णु की आराधना करें।

मकर राशि के जातकों पर गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभावः- मकर राशि के जातकों की कुण्डली मे गुरु पराक्रमेश एवं खर्चेश होता है। आपकी कुण्डली में गुरु का गोचर चतुर्थ भाव मे हो रहा है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें जो लोग पहले से किसी बीमारी से पीड़ित है उन्हें अपना विशेष ध्यान विशेष रुप से रखना चाहिए। पारिवारिक जीवन मे उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है। इसलिए जितना हो सके पारिवारिक जिम्मेदारियों पर ध्यान दें तथा परिवार के सदस्यों की भावनाओं को समझने का प्रयर्तन करें। नौकरी कर रहें जातकों अपनी प्रतिभा दिखने का अवसर मिल सकता है। माता के साथ सम्बन्धों मे मधुरता आयेगी। गोचर के प्रभाव से जो परेशानियां उत्पन्न हुई थी वह कुछ दिनों के बाद समाप्त होती नजर आयेगी। जिससे आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। स्वास्थ्य का अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है परिवार में चल रहा विवाद खत्म होगा और आप सुख की अनुभूति करेंगे। सम्पत्ति से जुड़े कार्यों मे आपको सफलता मिलेगी।
उपायः- प्रतिदिन अपने मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं तथा शनि के बीज मंत्रों का जाप करें।

कुंभ राशि के जातकों पर गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभावः- आपकी कुण्डली में गुरु धनेश एवं लाभेश होता है तथा गुरु का राशि परिवर्तन आपकी कुण्डली के तीसरे भाव में हो रहा है जो आपको मिश्रित परिणाम देगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तथा आर्थिक क्षेत्र मे कुछ परेशानी बन सकती है। आप आलस्य का अनुभव कर सकते है जिसके कारण कई कार्यों को आप कल के भरोसे टाल सकते है। जो आपके परेशानियों का कारण भी बन सकता है। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण कार्यों मे रुकावटें उत्पन्न हो सकती है। भाई-बहनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और व्यर्थ की यात्राएं भी हो सकती है। जो आपको थकान का अनुभव करायेंगी। वैवाहिक जीवन के लिए आपको अत्यधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति में हालात पहले से बेहतर होंगे। अतः कुल मिलाकर कहा जाएं तो यह राशि परिवर्तन आपको कुछ रुकावटों के बाद लाभ देगा।
उपायः- शनि के बीज मंत्र का पाठ करें तथा इस अवधि के दौरान अपने पास पीले रंग की वस्तु रखें।

मीन राशि के जातकों पर गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभावः- आपकी कुण्डली में देवगुरु बृहस्पति का गोचर धनभाव मे हो रहा है तथा गुरु आपकी कुण्डली में लग्नेश एवं दशमेश होता है। स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें तथा खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आर्थिक रुप से यह समय अच्छा नही रहेगा तथा परिवार मे भी धन सम्पत्ति को लेकर मनमुटाव हो सकता है। यदि आप अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें तो आपकी आर्थिक स्थिति मे सुधार आयेगा जिससे परिस्थितियां आपके पक्ष में होती नजर आयेंगी। आपके शत्रु आपको हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते है। जिससे आप चिंतित हो सकते है लेकिन कुछ समय बाद आप अपने प्रभाव से अपने शत्रुओं का सामना कर लेंगे तथा ससुराल पक्ष से बेहतर सम्बन्ध बनाने में सक्षम होंगे। घर-परिवार मे किसी नये मेहमान का आगमन हो सकता है तथा मांगलिक कार्य भी पूर्ण हो सकता है जिससे परिवार मे सुख-शांति का वातावरण बना रहेगा। कार्य-व्यवसाय को लेकर आप अधिक परिश्रमी रहेंगे।
उपायः- गुरु के बीज मंत्र का पाठ प्रतिदिन करें तथा भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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