भगवान गणेश देवो के देव महादेव एवं माता पार्वती के छोटे पुत्र है तथा उनकी पत्नी का नाम रिद्धि एवं सिद्धि है। रिद्धि-सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियाँ है। गणेश जी को मोदक एवं दुर्वा अत्यधिक प्रिय है। उनकी पूजा में लोग विशेष रुप से दूर्वा चढ़ाते हैे। दूर्वा अर्पित करने से भक्तों की सभी परेशानियाँ दूर हो जाती है तथा उनको सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। जब तक गणेश जी को दूर्वा न अर्पित की जाए उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है तो आइये हम प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी द्वारा जानते है कि आखिर क्यों इतना प्रिय है भगवान गणेश को दूर्वा
क्यों प्रिय है दूर्वा
एक पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था। उसके अत्याचार से धरती एवं स्वर्गलोक में त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा था। अनलासुर ऋषि-मुनियों एवं साधारण मनुष्यों को निगल जाता था। उसके अत्याचारों से त्रस्त होकर इन्द्र समेत सभी देवी-देवता एवं ऋषि मुनि भगवान शिव जी से प्रार्थना करने जा पहुंचे और सभी ने महादेव से यह प्रार्थना कि वे अनलासुर के आतंक को समाप्त करें तब उन्होंने सभी देवी-देवताओं और ऋषिगण को बताया कि अनलासुर का नाश केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं फिर सबकी प्रार्थना पर गणेश जी ने अनलासुर को निगल लिया जिसके पश्चात उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। इस जलन को दूर करने के लिए सभी ने बहुत उपाय किये परन्तु परेशानी दूर नही है तब ऋषि कश्यप ने दुर्वा की 21 गाठें बनाकर श्री गणेश को खाने को दिया। जब गणेश जी ने दूर्वा को ग्रहण किया तो उनकी पेट की जलन शांत हो गई। उसी दौरान से गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परम्परा आरम्भ हुई।
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गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के नियम
भगवान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने से पहले उसे अच्छे से साफ कर लें।
इस बात का पूर्ण ध्यान रखें कि दूर्वा किसी मंदिर, बगीचे या साफ स्थान पर उगी हुई होनी चाहिए। दूर्वा सदैव जोड़ा बनाकर भगवान को चढ़ाएं।
उस स्थान का दुर्वा भूलकर भी अर्पित न करें जहां से गंदा पानी आता है।
दूर्वा चढ़ाते समय गणेश जी की निम्न मंत्रों का जाप अवश्य करें।
मंत्रः-
ओम गं गणपतेय नमः
ओम गणधिपाय नमः
ओम उमापुत्राय नमः
ओम विघ्नाशनाय नमः
ओम विनायकाय नमः
ओम ईशपुत्राय नमः
ओम सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ओम एकदन्ताय नमः
ओम इभवक्त्राय नमः
ओम मूषकवाहनाय नमः
ओम कुमार गुरवे नमः
दूर्वा के चमत्कारी उपाय
बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है इस दिन दूर्वा अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि दूर्वा दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने की क्षमता रखता है अतः गणेश जी की पूजा में दूर्वा अवश्य अर्पित करें।
रुके कार्यों में मिलेगी सफलता
यदि लम्बे समय से कोई कार्य पूर्ण नही हो रहा है तो सफेद गाय के दूध से सफेद दूर्वा घास का लेप बनाएं और प्रतिदिन तिलक लगाएं ऐसा करने से कार्यों में सफलता अवश्य मिलेगी।
बुध को करें मजबूत
यदि कुण्डली में बुध ग्रह मजबूत न हो तो बुधवार के दिन गणेश मंदिर में जाकर दूर्वा की ग्यारह गाठ अर्पित करें। ऐसा करने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते है तथा बुध का अशुभ प्रभाव भी कम हो जाता है।
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घर के क्लेश को करें दूर
यदि प्रतिदिन परिवार में लड़ाई-झगड़ा होता रहता है या पारिवारिक सदस्यों के बीच प्रेम भावना समाप्त हो गया हो तो बुधवार के दिन गाय को हरी दूर्वा घास खिलाएं। फलस्वरुप पारिवारिक समस्या दूर हो जायेगी।
आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
यदि आप किसी प्रकार के ऋण एवं आर्थिक स्थिति को लेकर परेशान है तो बुधवार या गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें एवं पांच दूर्वा में ग्यारह गाठ लगाकर अर्पित करें उसके साथ ही प्रतिदिन ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत का पाठ करें फलतः आर्थिक परेशानी से राहत मिलेगी।
शीघ्र प्रसन्न करें
नौकरी एवं व्यापार में आ रही समस्या को दूर करने के लिए बुधवार के दिन ग्यारह या इक्कीस गाठ दूर्वा अर्पित करें परन्तु इस बात का पूर्ण ध्यान रखें कि दूर्वा जोड़े में हो। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है और कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा मान-सम्मान बढ़ेगा।
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