मलमास के दौरान हो जाएं सावधान भूलकर भी न करें ऐसा कोई काम

इस वर्ष मलमास का आरम्भ 18 जुलाई से हो चुका है और इसका अन्त 16 अगस्त को हो रहा है। यह पूरा मास , विशेष रूप से भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। इस पूरे माह में विष्णु जी की उपासना करने का विशेष महत्व होता है। देखा जाए तो मलमास के दौरान धर्म-कर्म से जुड़े सभी काम किये जाते हैं परन्तु इस माह में शादी-विवाह जैसे शुभ मांगलिक कार्यों के साथ-साथ अन्य शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है तो आइए हम यह भली-भाँति जानने का प्रयास करते हैं कि वे कौन से काम हैं जो मलमास के दौरान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

मलमास के दौरान न करें ये सभी काम

☸ हिन्दू धर्म के अनुसार मलमास को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। मलमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।  मलमास माह में शुभ कार्य जैसे मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश, नया घर खरीदना तथा नामकरण आदि कार्य करना वर्जित माना जाता है।

☸ मलमास के दौरान दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता के अनुसार मलमास के दौरान दान पुण्य करने से जातक को ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है मलमास के दौरान अन्न, केला, पीले वस्त्र, किताब, नारियल और दीपदान जैसे महत्वपूर्ण दान अवश्य करना चाहिए।

☸ मलमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्यों की शुरुआत करने की मनाही होती है ऐसे में यदि आप किसी नये कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या फिर आप अपना कोई नया व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं तो ऐसे में आपको थोड़ा सा इंतजार अवश्य कर लेना चाहिए, मलमास के समाप्त होते ही आप अपना नया काम आरम्भ कर सकते हैं अन्यथा मलमास के दौरान ऐसा कोई भी कार्य करने से आपको हमेशा हानि उठानी पड़ सकती है।

☸ मलमास के दौरान जातक को सुबह देर तक सोने की सख्त मनाही होती है। इसलिए मलमास में ज्यादा देर तक जातक को नही सोना चाहिए बल्कि शास्त्रों के अनुसार मलमास में सुबह के समय जल्दी उठकर स्नानादि कर लेने के बाद पूजा-पाठ करना चाहिए और उसके बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए। आपको बता दें मलमास के दौरान बिस्तर के बजाय भूमि पर ही सोना चाहिए।

☸ मलमास के दौरान हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ और धर्म-कर्म को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। मलमास के दौरान यदि आप किसी नए व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं तो भूलकर भी ऐसा न करें इसके अलावा मलमास में पहले से किये जाने वाले किसी भी व्रत का उद्यापन कभी न करें अन्यथा अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मलमास के दौरान आप पहले से किये जाने वाले किसी भी व्रत को हमेशा की तरह जारी रख सकते हैं।

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☸ मलमास के दौरान कुछ चीजों का सेवन करना बिल्कुल वर्जित माना जाता है। इस माह सभी जातकों को शहद, राई, चैलाई, प्याज, लहसुन, गोभी, उड़द, गाजर, मूली, दाल और नागरमोथा इत्यादि जैसी चीजों का सेवन भूलकर भी नही करना चाहिए। 

☸ मलमास का महीना भगवान विष्णु जी को पूरी तरह से समर्पित होता है और तुलसी भगवान विष्णु जी को अत्यधिक प्रिय है। ऐसे में विष्णु जी की कोई भी पूजा तुलसी माँ के बिना अधूरी मानी जाती है। इसलिए तुलसी के पत्ते भी तोड़े जाते हैं परन्तु तुलसी के पत्ते को तोड़ते समय बहुत ही ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। इस माह के दौरान तुलसी के पत्ते को नाखून के सहारे कभी नही तोड़ना चाहिए। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को कभी भी झटके से नहीं तोड़ना चाहिए। बल्कि इसे बहुत ही आराम से तोड़ना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पत्ते को कभी भी नाहि स्पर्श करना चाहिए और नाहि तोड़ना चाहिए।

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☸ मलमास के दौरान पड़ने वाले रविवार के दिन कभी भी तुलसी के पौधे पर जल नही चढ़ाना चाहिए इस दिन तुलसी के पौधे पर जल अर्पित करना बहुत ही ज्यादा अशुभ माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के कहे अनुसार इस दिन माँ तुलसी प्रभु श्री कृष्ण के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और यदि भक्त तुलसी पर जल चढ़ाते हैं तो तुलसी माँ का प्रभु श्री कृष्ण के लिए रखा गया उपवास टूट सकता है।

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