यह रत्न मुख्यतः हरे रंग में पाया जाता है यह रत्न रेशायुक्त तथा अपारदर्शी होता है इस उपरत्न में हरे रंग के हल्के तथा गहरे रंग की धारियां दिखाई देती है यह धारियां ही इस रत्न को एक अलग पहचान देती है और इसे एक अद् वित्तीय उपरत्न बनता है। इसे जब चमकाया जाता है तब यह रेशमी दिखाई देता है। यह बहुत ही नाजुक उपरत्न है। इसलिए इसे गर्मी, अम्ल तथा गर्म पानी से दूर ही रखना चाहिए। यह बहुत ही लोकप्रिय रत्न है। यह रत्न मानव शरीर के सभी अवरुद्ध चक्रो को खोलने में सहायक होता है और सभी चक्रो की ऊर्जा को नियंत्रित रखता है यह जातक की आध्यात्मिकता तथा तर्क शीलता में वृद्धि करता है यह सच्चे प्यार को पाने तथा उसमे संतुलन बनायें रखने में भी सहायक होता है। यह जातक को स्वयं की भलाई के लिए प्रोत्साहित करता है यह उपरत्न अच्छे तथा बली भाग्य का सूचक है। इसे धारण करने वाले जातक को सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
मैलाकाइट रत्न की विशेषता
यह उपरत्न धारण करने वाले जातक को हर क्षेत्र में उन्नति कराता है तथा सुरक्षा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के गर्भ की सुरक्षा करता है। छोटे बच्चों की सुरक्षा करता है। यह बुराई से बचाता है तथा यह जातक को भावनात्मक रुप से भी सुरक्षा प्रदान करता है। जो व्यक्ति स्वयं को हानि पहुंचाने की कोशिश करते है उनके लिए यह उपयोगी उपरत्न है। यह रत्न व्यक्ति के मस्तिष्क को संतुलित रखने में सहायक होता है और व्यक्ति समस्याओं का समाधान आसानी से खोज निकालता है। इसकी ऊर्जा व्यक्ति को समस्या की जड़ तक ले जाने में सहायक होती है यह समस्या का अवलोकन तेजी से करता है और जातक की अन्तदृष्टि तथा अंतज्ञान में वृद्धि करता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति जब अपने उद्देश्यों के लिए नया रास्ता चूनता है। तब यह रत्न उन्हें रास्ता दिखाने में सहायता करता है तथा उस रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करता है। हरे तथा काले रंग का यह रत्न दुखदायी घटनाओं से निजात दिलाता है और नकारात्मक भावनाओं को दूर करता है।
मैलाकाइट रत्न के गुण
इस रत्न को धारण करने वाले जातक को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस उपरत्न से सकारात्मक ऊर्जा बहकर जातक के सम्पूर्ण बाहरी तथा आंतरिक शरीर में संचार करती है यह महिलाओ में महावारी से जुड़ी समस्याओं को समाप्त करती है। यह रत्न धारक के तंत्रिका तंत्र तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देती है। रक्तचाप को नियंत्रित करती है तथा यह गठिया, अस्थमा, हड्डियों का टूटना, जोड़ो में सूजन, मिर्गी आदि बीमारियों को होने से रोकता है।
क्यो धारण किया जाता है मैलाकाइट रत्न की अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र में इस रत्न को शुक्र ग्रह का उपरत्न माना जाता है और कुछ लोग इसे बुध ग्रह का उपरत्न मानते है। यह रत्न दोनो का प्रभाव देता है लेकिन इसे पश्चिम ज्योतिष में अप्रैल माह का बर्थ स्टोन कहा जाता है जो कि वृषभ राशि से सम्बन्धित है। इसे धारण करने से मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न वाले जातकों को भी लाभ होता है।
मैलाकाइट रत्न धारण करने के लाभ
☸ यह रत्न धारण करने से वाहन दुर्घटना या अन्य किसी प्रकार की शारीरिक दुर्घटनाओं से हमारा बचाव होता है।
☸ यह रत्न हमारे आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है और हमें बुरी दृष्टि से बचाता है।
☸ इस रत्न के प्रभाव से हम दूषित हवा तथा प्रदूषण से सुरक्षित रहते है।
☸ महिलाओं के लिए यह रत्न बहुत ही लाभकारी है तथा यह रत्न धारण करने से महिलाओं मे होने वाली प्रसव पीड़ा कम होती है।
☸ यह रत्न शुक्र के दोष से मुक्त होने के लिए पहना जाता है तथा पति-पत्नी के बीच की समस्याओं को दूर करने के लिए पहना जाता है।
कौन सी उंगली में धारण करना चाहिए मैलाकाइट रत्न
ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य की कुण्डली में उपस्थित अशुभ ग्रहों की अशुभ स्थिति की वजह से कई समस्याएं जन्म लेती हैं इनसे छुटकारा पाने के लिए रत्न धारण किये जा सकते है। कोई भी रत्न सही उंगली में धारण करना अति आवश्यक होता है जिससे उसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में पड़ सके। मैलाकाइट रत्न को दाना फिरंग रत्न के नाम से भी जाना जाता है। इस रत्न को बुधवार के दिन प्रातः दाएं हाथ की कनिष्ठा या शुक्रवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। यह रत्न हमारे हृदय के लिए काफी फायदेमंद होता है।
मैलाकाइट रत्न का महत्व
जो जातक रत्नों को धारण करते होंगे उन्हें ज्ञात होगा कि रत्न को साफ और शुद्ध रखने की आवश्यकता होती है यही बात मैलाकाइट स्टोन के साथ भी लागू होती है। इसलिए उस रत्न को साफ करके धारण करना चाहिए तथा बाद में भी इसे समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आसपास का माहौल अच्छा एवं खुशनुमा रहता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। मैलाकाइट एक अर्ध कीमती पत्थर है जिसे गुर्दे की पथरी के पत्थर या दाना फिरंग के रुप में भी जाना जाता है। यह जीवन में संतुलन लाता है इसके अलावा यह आपके सपनो को सच करने मे सहायक होता है। इस रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति के अन्दर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है तथा यह नकारात्मकता को अवशोषित कर लेता है। यह रत्न हमारे हृदय के लिए फायदेमंद होता है। यह टूटी हड्डियों को ठीक करता है और रक्तचाप से सम्बन्धित समस्याओं को ठीक करता है। इसके अलावा यह आपको नकारात्मक ऊर्जा बुरे प्रभाव से बचाता है क्योंकि यह हृदय चक्र से जुड़ा होता है। मैलाकाइट में ऊर्जा से सम्पन्न गुण होते है इन्हीं गुणो के कारण यह आपकी मदद करता है।
किस ग्रह से सम्बन्धित है मैलाकाइट रत्न
यह रत्न शुक्र ग्रह से सम्बन्धित है कहा जाता है मैलाकाइट प्रेम को आकर्षित करता है। ऐसा माना जाता है कि इसे पालने से जोड़ा जाता है या ताबीज के रुप में पहना जाता है यह बच्चों की रक्षा करता है, इसे व्यापारी पत्थर भी कहा जाता है। मैलाकाइट को ग्रीन बैंक आकर्षित करने के लिए माना जाता है। जो जातक अपने जीवन में शुक्र ग्रह की अनुकूलता रखना चाहते है तथा जीवन को सकारात्मकता की ओर ले जाना चाहते है और नकारात्मकता को दूर करना चाहते है। वह जातक मैलाकाइट के गहने बनवाकर धारण कर सकते है। यह शारीरिक बीमारियों को कम करने के लिए पहना जाता है।
किन राशियों से सम्बन्धित है मैलाकाइट रत्न
यह रत्न वृष राशि से सबसे अधिक सम्बन्धित है हालांकि यह मकर और वृश्चिक राशियों के तहत पैदा हुए लोगों के साथ भी काफी जुड़ी हुई है रंग के आधार पर प्राकृतिक चार्ट का उपयोग करना एक स्पष्ट तरीका होता है। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव है शुक्र देव को धन-धान्य, सुख-समृद्धि, प्यार और ऐश्वर्य आदि का कारक माना जाता है। यह रत्न वृषभ राशि वालो के लिए अति शुभ माना गया है।
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