पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इसे विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना जाता है। इस साल, आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी तीन अत्यधिक शुभ संयोगों में आ रही है रवि योग, शिव योग और पुष्य नक्षत्र। इसलिए यह चतुर्थी तिथि बेहद शुभ है और इस दिन की पूजा से उत्तम फल प्राप्त हो सकते हैं।
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
✨ पहले भगवान गणेश की पूजा के लिए स्नान करें।
✨ स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र पहनें और पूजनीय सामग्री को भी शुद्ध करें।
✨ गणेश जी की मूर्ति या चित्र को पूजन स्थल पर स्थापित करें।
✨ गणेश जी को फल, पुष्प, मिठाई, नैवेद्य, दीप, धूप, शंख, बेलपत्र, चंदन, अक्षत, गुड़, मिश्री और पान के पत्ते का प्रसाद अर्पित करें।
✨ गणेश जी से अपने जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और सफलता की प्रार्थना करें।
✨ गणेश जी की आरती करें और उनके समक्ष धूप और दीप जलाएं।
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विनायक चतुर्थी मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 09 जुलाई 2024 को प्रातः 06ः 08 से
चतुर्थी तिथि समाप्त – 10 जुलाई 2024 को प्रातः 07ः 51 पर