शनि एक वायु तत्व है जबकि मंगल को एक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। जब शनि और मंगल एक दूसरे को देखते है उस समय ऊर्जा की मात्रा बढ़ जाती है। शनि को हम लम्बे समय तक कोई घटना करने वाले ग्रह की श्रेणी में मानते है और वही मंगल एक सेनापति के रुप में जाना जाता है। सेनापति का कार्य है की एक बार आदेश मिल जाने के बाद वह किसी की नही सुनते। मंगल भी यही स्थिति होती है। शनि देव इस समय न्याय की प्रक्रिया में चल रहे है, शनि देव ने अपना न्याय करना प्रारम्भ कर दिया है तो आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य के0 एम0 सिन्हा से षडाष्टक योग की सम्पूर्ण जानकारी
शनि का अपने मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि में प्रवेश
17 जनवरी 2023 से जैसे ही शनिदेव ने अपने मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश किया है तब से देखा जाए तो सभी घटनाओं या पृथ्वी पर चल रही प्रक्रियाओं मे परिवर्तन तेजी से होने लगा है। इस समय शनि देव अपने मूल त्रिकोण राशि में है और न्याय की प्रक्रिया में चल रहे है। सभी ग्रहों मे शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह है। इसी कारण से शनि का प्रभाव जातकों के ऊपर लम्बे समय तक रहता है। शनि एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लेते है। शनि कर्म के ग्रह माने जाते है जातक के जीवन में शनि साढ़े साती काल में कष्ट नही देते बल्कि सुख देते है।
ज्योतिष के अनुसार मंगल क्रूर ग्रह माने जाने वाले ग्रह है। मंगल को जहां मेष और वृश्चिक लग्न में उच्च का स्वामी माना जाता है। वही कर्क को मंगल की नीच राशि मानी जाती है। मंगल को अग्नि तत्व का कारक माना जाता है। इस वजह से जिन राशियों पर मंगल का अशुभ प्रभाव होता है उनका स्वभाव अधिक क्रोध करने वाला हो जाता है।
10 मई से 1 जुलाई बन रहा षडाष्टक योग
जब भी ग्रह किसी ग्रह का गोचर किसी अन्य ग्रह के साथ होता है तो किसी न किसी योग का निर्माण होता है और इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। इस बार शनि और मंगल के षडाष्टक योग बनने जा रहे है। ज्योतिष के अनुसार शनि और मंगल दोनो ग्रहों में शत्रुता का भाव है इसलिए इस योग का असर सभी राशियों पर पड़ने वाला है। शनि और मंगल के षडाष्टक योग से अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के आने की स्थिति उत्पन्न हो सकती आंधी, तूफान, भूकम्प इत्यादि।
सभी लग्न पर षडाष्टक योग का प्रभाव
मेष लग्न
यह योग मेष लग्न वाले जातकों पर कुछ अच्छा प्रभाव देने वाला है। आपकी पारिवारिक समस्याएं और भी अधिक बढ़ सकती है जिनको सिर दर्द की समस्या थी उनकी समस्याएं बढ़ सकती है। एसिडिटी आदि की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। परिवार में आये दिन क्लेश उत्पन्न होना एवं किसी न किसी सदस्य का बीमार होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वृष लग्न
यह समय जातकों के लिए थोड़ा मुश्किल भरा रह सकता है। इसलिए इस राशि के जातकों में किसी बात को लेकर मानसिक अशांति रह सकती है साथ ही इस दौरान आपको व्यापार में निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि इसके लिए समय सभी अनुकूल नही है। पिता का स्वास्थ्य भी थोड़ा खराब रह सकता है इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय आपको आखों या पेट दर्द से सम्बन्धित परेशानी उत्पन्न हो सकती है। संतान पक्ष से कोई अशुभ समाचार की प्राप्ति भी हो सकती है एवं व्यवसाय में निवेश करने पर हानि का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन लग्न
इस लग्न वाले जातकों को इस समय भाग्य का सहयोग बहुत विलम्ब के बाद मिलेगा। इसलिए आपको इस समय धन के निवेश करने से बचना चाहिए वहीं इस समय आपके जीवनसाथी के साथ सम्बन्धों में कटुता आ सकती है। कार्य-व्यवसाय में कोई नयी साझेदारी करने से बचें अन्यथा हानि का सामना करना पड़ सकता है। वाहन चलाते समय भी आपको सावधानी बरनती चाहिए अन्यथा हानि का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क लग्न
इस अशुभ योग के बनने से कर्क राशि के जातकों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपकी गोचर कुण्डली के 12 वें भाव में मंगल खतरनाक माना गया है। आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती है। कार्य-व्यवसाय में असफलता प्राप्त होंगी एवं कोई कार्य बनते-बनते रुक जायेंगे जिससे आपको मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है।
सिंह लग्न
इस लग्न के जातकों के लिए यह योग काफी कष्टकारी साबित हो सकता है। कार्य-व्यवसाय को सावधानी पूर्वक चलाने का प्रयास करना होगा अन्यथा आपको हानि हो सकती है। कहीं लम्बी दूरी की यात्रा करने से बचें नही तो दुर्घटना की संभावना भी उत्पन्न हो सकती है।
कन्या लग्न
इस लग्न के जातकों के लिए यह योग मिश्रित परिणाम देने वाला रहेगा। शिक्षा से जुड़े जातक जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें हैं उनके लिए यह योग अच्छा साबित होने वाला है किन्तु जो जातक व्यवसाय से जुड़े है उनके आय के स्त्रोत कम होंगे जिससे आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। जीवनसाथी आपका पूरा सहयोग करेंगे एवं उनका प्रेम भी बढ़ेगा। इसलिए शनि देव की आराधना करें लाभ मिलेगा।
तुला लग्न
इस समय आपको मिश्रित परिणाम मिलेगा। कार्यव्यवसाय के क्षेत्र में गुप्त शत्रु हावि हो सकते है। साथ ही जीवनसाथी से मनमुटाव हो सकता हैं एवं साझेदारी के कार्यों में हानि की संभावना है। परन्तु इस समय यदि आप शनि देव आराधना करें तो आपको कई परेशानियों से राहत मिलेगी।
वृश्चिक लग्न
इस लग्न वाले जातकों के लिए यह योग अच्छा नही रहने वाला है, इस समय में आपके परिवार के सदस्यों में कुछ मतभेद रह सकता है एवं पिता को स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियों से कष्ट भी हो सकता है। इस लग्न वाले जातकों को भी स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं हो सकती है। अचानक शरीर की हड्डियों में दर्द की दिक्कतें उत्पन्न हो सकती है।
धनु राशि
धनु लग्न वाले जातकों के लिए यह योग बहुत ही खतरनाक साबित होने वाला है अचानक दुर्घटना के योग बन सकते हैं, इसलिए बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस षडाष्टक योग में किसी भी प्रकार का निवेश न करें अन्यथा हानि हो सकती है।
मकर लग्न
इस लग्न वाले जातकों के लिए षडाष्टक योग नुकसान दायक सिद्ध हो सकता है। इस समय में आपको साझेदारी में किया हुआ कोई कार्य नुकसान पहुंचा सकता है साथ ही अगर आप कोई नया कार्य शुरु करना चाहते है तो रुक जायें अन्यथा नुकसान हो सकता है अपने मित्रों से भी आपको इस समय नुकसान होने की संभावना हो सकती है। आपको पेट से सम्बन्धित कोई समस्या हो सकती है जैसे गैस, कब्ज आदि। वाहन चलाते समय सावधान रहें अन्यथा चोट अथवा दुर्घटना के भी योग बन सकते है।
कुंभ लग्न
इस लग्न वाले जातकों के लिए यह योग कष्टदायक रहने वाला है। इस समय आपकी आय कम होगी तथा व्यर्थ अधिक होगा जिसके कारण आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। कार्य-व्यवसाय में भी हानि की संभावना उत्पन्न हो सकती है तथा कोई महत्वपूर्ण कार्य होते-होते रुक सकता है। जीवनसाथी को लेकर थोड़ी चिंता रह सकती है एवं उनका स्वास्थ्य खराब रह सकता है।
मीन लग्न
इस लग्न वाले जातकों को स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियां रह सकती है जैसे अचानक उदर पीड़ा तथा किसी मानसिक तनाव का होना इत्यादि। धन-सम्पत्ति की हानि हो सकती है। कार्य-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी तथा अधिक परिश्रम के बाद भी कोई मनचाहा परिणाम नही मिलेगा। महामृत्युंज मंत्र का जाप करें, सभी कठिनाइयों से राहत मिलेगी।
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