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शुक्र 04 सितम्बर की सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर कर्क राशि में मार्गी होंगे।

शुक्र 04 सितम्बर की सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर कर्क राशि में मार्गी होंगे। 1

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को स्त्री ग्रह की संज्ञा दी गई यह सुन्दरता का भी प्रतीक है।

शुक्र मजबूत हो तो वैवाहिक जीवन अच्छा होता है।

शुक्र की उच्च राशि मीन तथा नीच राशि कन्या है।

शुक्र का सभी लग्न पर प्रभाव

मेष लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र दूसरे एवं सातवें भाव के स्वामी है। चौथे भाव में मार्गी होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से माता को लेकर कुछ चिंता बन सकती है। मन में चल रही अशांति के कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। सर्दी, एलर्जी, दाद, दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है। करियर को व्यवस्थित करें। कार्यालय में काम का बोझ बढ़ सकता है। मेहनत की अपेक्षा कम लाभ प्राप्त होगा। नौकरी बदलने की योजना बना सकते हैं। स्वयं के व्यापार में औसत लाभ प्राप्त होगा। धन-हानि का सामना कर सकते हैं। साझेदारी के कामों से दूर रहें। आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना कर सकते हैं। गोचर के दौरान निवेश करने से बचें। शेयर, सट्टे से दूर रहें। परिवार में अहंकार के कारण वाद-विवाद बढ़ सकता है। अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाये रखें। वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानी बन सकती है। प्रेम जीवन अच्छा रहेगा।

उपाय:- बजरंग बाण का पाठ करें।

वृषभ लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र पहले एवं छठें भाव के स्वामी है। आपकी कुण्डली में तीसरे भाव में मार्गी होगा। स्वास्थ्य को लेकर छोटी मोटी समस्या हो सकती है। प्रदूषण वाले क्षेत्रों से दूर रहें। एलर्जी की समस्या बढ़ सकती है। काम का दबाव बढ़ सकता है। इसलिए योजना के तहत काम करें। पदोन्नति की संभावना बन रही है। अपने वरिष्ठों का विश्वास जीने की पूरी कोशिश करेंगे। स्वयं के व्यापार में संतुष्टि मिलेगी। दूर संचार माध्यमों से लाभ प्राप्त होगा। कार्यों की सराहना होगी। काम के सिलसिले से यात्राएं हो सकती हैं। आर्थिक क्षेत्र में घरेलू खर्च बढ़ सकते हैं। कर्ज लेने की नौबत आ सकती हैं। खर्चों पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। पारिवारिक कारणों से परिवार के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

उपाय:-  शुक्र के बीज मंत्र का जाप करें।

मिथुन लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र पाचवें एवं बारहवें भाव का स्वामी है। आपकी कुण्डली में लग्न से दूसरे भाव में मार्गी होगा। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। छोटी-मोटी समस्याएं थोडी बहुत हो सकती है। नई नौकरी का अवसर प्राप्त हो सकता है। करियर को लेकर यात्राएं हो सकती हैं। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। स्वयं के व्यापार में सफलता मिलेगी। साझेदारी में लाभ प्राप्त होगा। पैतृक सम्पत्ति से लाभ मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लम्बी दूरी की यात्राएँ हो सकती है। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

उपाय:- लक्ष्मी नारायण मंदिर जाकर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं।

कर्क लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र चौथे एवं ग्यारहवें भाव के स्वामी है। शुक्र आपके लग्न भाव में मार्गी होंगे। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। खाँसी, त्वचा रोग, एलर्जी की समस्या बढ़ सकती है। परिवार की उन्नति पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। धन संग्रह करने में परेशानी महसूस होगी। खर्चों  में वृद्धि होगी।  सम्पत्ति, वाहन इत्यादि में धन निवेश कर सकते हैं। गुस्से में आकर निर्णय लेने से बचें।

उपाय:-  दुर्गा चालीसा का पाठ करें तथा प्रतिदिन ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

सिंह लग्न

सिंह राशि में शुक्र तीसरे और दसवे भाव का स्वामी हैं। आपकी कुण्डली में शुक्र बारहवे भाव में मार्गी होंगे। स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें। गले में दर्द तथा पाचन संबंधित समस्या हो सकती है। कार्यक्षेत्र में बदलाव की स्थिति बन सकती है। विदेश जाने का योग बन रहा है। वर्तमान नौकरी से असंतुष्टि की भावना उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान आपको कई उतार-चढ़ाव का समाना करना पड़ सकता है।वैवाहिक जीवन कमजोर हो सकता है। इस दौरान धैर्य और सहनशीलता बनायें रखें।

उपाय:-  सूर्यदेव को नियमित जल अर्पित करें।

कन्या लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। आपकी कुण्डली में लग्न से ग्यारहवे भाव में मार्गी होंगे। इस समय स्वास्थ्य संबंधित कोई बड़ी समस्या नही होगी। स्वस्थ महसूस करेंगे। विदेश जाने के योग बन रहे हैं। धन लाभ प्राप्त होगा तथा धन संग्रह करने में सक्षम होंगे। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। कार्य-व्यवसाय में पदोन्नति मिल सकती हैं। मान, प्रतिष्ठा बढ़ेगा।

उपाय:-   विष्णु चालीसा का पाठ करें तथा प्रतिदिन बुध के बीज मंत्र का जाप करें।

तुला लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र लग्नेश तथा अष्टमेश हैं। आपकी कुण्डली में दसवे भाव में मार्गी होंगे। स्वास्थ्य के प्रति चिंता की बात नहीं है। केवल छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती है। कठिन परिस्थितियों को धैर्यपूर्वक पार कर लेंगे। करियर को लेकर सावधान रहें। प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिल सकता है। यात्राओं के योग बन रहे है। करियर को लेकर बदलाव हो सकते हैं। नौकरी से लाभ प्राप्त होगा। जीवनसाथी के साथ मधुर संबंध बनाएं रखें।

उपाय:-  प्रतिदिन पक्षियों को पंचानाज खिलाएं।

वृश्चिक लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र सातवें एवं बारहवें भाव का स्वामी है। आपकी कुण्डली में नौवें भाव में मार्गी होगा। भाग्य का आंशिक साथ मिलेगा। गलतफहमियों के कारण वाद-विवाद बढ़ सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर धन खर्च  बढ़ सकते हैं। स्वाथ्य सामान्य रहेगा। खान-पान पर विशेष ध्यान दें। स्वास्थ्य को लेकर कुछ खर्च हो सकते हैं। परिवार के सदस्यों के बीच अहंकार की भावना उत्पन्न हो सकती है।

उपाय:-  मंगल के बीज मंत्र का जाप करें।

धनु लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र छठें एवं  ग्यारहवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न से आठवे भाव में वक्री होंगे। पैतृक सम्पत्ति से लाभ प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र अथवा परिवार को लेकर यात्राएं हो सकती है। धन के क्षेत्र में असंतुष्टि मिलेगी। खर्चों में वृद्धि होगी जिसके कारण धन उधार ले सकते हैं। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे गले मे विकार उत्पन्न हो सकता है।

उपाय:-  गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।

मकर लग्न

आपके लग्न में शनि पंचम और दशम भाव के स्वामी है। आपकी कुण्डली में शुक्र सातवें भाव में मार्गी होंगे। करियर को लेकर लम्बी दूरी की यात्राएं हो सकती हैं। इस दौरान नये मित्र बनने की संभावना है। रचनात्मक कार्यों के प्रति झुकाव बढ़ेगा। स्वयं के व्यापार में लाभ प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। धन का निवेश कर सकते हैं जिससे आपको लाभ मिलेगा।

उपायः- शनिदेव की आराधना करें तथा काले रंग की वस्तुओं का दान करें।

कुंभ लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र चौथे एवं नवम भाव के स्वामी है। आपकी कुण्डली में षष्ठम भाव में मार्गी होंगे। धन-अर्जन करने में सक्षम होंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। संतान का सहयोग मिलेगा। सर्दी, खाँसी जैसी समस्या  बन सकती है। जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे। संतान के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है।

उपायः- शिवलिंग पर तिल अर्पित करें।

मीन लग्न

आपकी कुण्डली में शुक्र तीसरे एवं आठवें भाव का स्वामी है। आपके लग्न से चतुर्थ भाव में वक्री होंगे।संतान को लेकर चिंता बन सकती है। पैतृक सम्पत्ति से लाभ प्राप्त होगा। स्वयं के व्यापार में भी लाभ प्राप्त हो सकता है। शेयर, सट्टे से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतें। प्रेम-प्रसंग मजबूत होगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

उपायः- अपने बड़े-बुजुर्गों का मान-सम्मान करें।

 

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