जैसा की आपको पता है सूर्य का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है। कुण्डली में स्थित सूर्य के शुभ और अशुभ होने से मानव जीवन पर भी उसका अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति जीवन में सुख-शांति तथा एक अच्छा रोजगार प्राप्त करने इसके अलावा सरकारी क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने के लिए योग्य ज्योतिषाचार्य द्वारा सूर्य का रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। सनस्टोन एक बहुत ही बहुमूल्य रत्न होता है। विभिन्न कोणों से देखने पर यह रत्न एक इंद्रधनुषी प्रभाव देता है। सनस्टोन माणिक का ही उपरत्न है। इस रत्न पर सूर्य का स्वामित्व है। इसके अलावा यह रत्न अत्यधिक प्रभावशाली होने के साथ-साथ सूर्य के सभी दोषों से मुक्ति दिलाने में एक अहम भूमिका निभाता है। मीन सनस्टोन रत्न और तुला राशि के जातकों के लिए भी यह रत्न बहुत ही फलदायी होता है।
सनस्टोन का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीले रंग का सनस्टोन विशेष रूप से सूर्य की आभा के लिए जाना जाता है। सूर्य देव प्राकृतिक रूप से व्यक्ति के जीवन में सफलता प्रदान करते हैं इसलिए उनकी कृपा दृष्टि होना हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि कुण्डली में सूर्य खराब है या किसी कारणवश आप से नाराज हो गये हैं तो आपको अपने सभी कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। इसलिए हमारी कुण्डली में स्थित सूर्यदेव को मजबूत करने के लिए सनस्टोन धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से कुण्डली में सूर्य मजबूत होंगे तथा पिता के साथ भी आपके संबंध अच्छे रहेंगे।
किस राशि के जातक को सनस्टोन धारण करना चाहिए
सनस्टोन रत्न का अधिपति ग्रह सूर्यदेव को माना जाता है। सूर्य की राशि सिंह होती है इसलिए सिंह राशि वाले जातकों को यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करना सिंह राशि के जातकों के लिए अत्यधिक लाभदायक माना जाता है। सूर्य की विशेष कृपा दृष्टि से जातक को प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। यदि जातक माणिक रत्न किसी कारणवश नही धारण कर सकते तो उन्हें माणिक का उपरत्न सनस्टोन अवश्य धारण करना चाहिए। सिंह राशि के अलावा तुला और मीन राशि के जातकों के लिए भी यह रत्न धारण करना अच्छा माना जाता है परन्तु इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें, बिना परामर्श के रत्न धारण करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
सनस्टोन धारण करने के लाभ
☸ सनस्टोन धारण करने के निम्न लाभ होते हैं।
☸ सनस्टोन रत्न एक शक्तिशाली रत्न होता है इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आनन्द तथा सकारात्मक भावनाएँ भी उत्पन्न होती हैं।
☸ सनस्टोन रत्न में सोलर एनर्जी होती है साथ ही इस रत्न में सूर्य की शक्ति समाहित होती है जिसे धारण कर लेने से व्यक्ति के जीवन से मानसिक तनाव दूर हो जाते हैं तथा मानसिक स्पष्टता भी आ जाती है।
☸ इस रत्न को धारण करने से जातक का पाचन तंत्र ठीक रहता है तथा शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि होती है।
☸ मौसम सम्बन्धित बीमारियों तथा गले में खराश जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस रत्न को धारण करना अत्यधिक लाभदायक होता है।
☸ व्यापार को आगे बढ़ाने तथा व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए यह रत्न अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।
☸ मानसिक रूप से स्वस्थ रहने, शारीरिक आलस को दूर करने तथा अपने जीवन में ऊँचे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सनस्टोन रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
☸ इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति सूर्य की तरह चमकदार, निडर, साहसी तथा मजबूत होता है।
☸ यह रत्न धारण करने वाले जातक के निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक विचारों का भी संचार होता है।
☸ इस रत्न को धारण करने से समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होती है, अच्छे गुणों का समावेश होता है।
☸ राजनीति से जुड़े लोग तथा उच्च पद पर कार्य कर रहे लोगों के लिए सनस्टोन धारण करना अत्यधिक लाभदायक होता है।
☸ इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति की आँखों से सम्बन्धित सभी समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
☸ सनस्टोन धारण करने से व्यक्ति के जीवन में प्रेम भावना जागृत होती है तथा व्यक्ति में नेतृत्व गुण भी उत्पन्न होते हैं।
☸ सूर्यदेव कुण्डली में अशुभ हों और आप किसी कार्यों से संतुष्ट न हों तो ऐसे में सनस्टोन रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
☸ इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति अत्यधिक आत्मविश्वासी होते हैं तथा जीवन में स्वतंत्र होकर जीते हैं।
☸ सनस्टोन रत्न को धारण करने से आपके अन्दर की हिचकिचाहट, संकोच तथा दुविधा हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।
☸ कुण्डली में सूर्य को बलवान बनाने के लिए यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
सनस्टोन धारण करने की विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में आयी हर प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए रत्नों का उत्पत्ति हुआ है ऐसे में रत्न को धारण करने की विधि जान लेना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है अन्यथा बिना विधि जाने रत्न धारण करने से रत्न के सकारात्मक प्रभाव हमे बिल्कुल नही मिलते हैं। योग्य ज्योतिषीयों के अनुसार 2 से 5 रत्ती का सनस्टोन धारण करना अच्छा माना जाता है। इस रत्न को सोना ,पंचधातु, चांदी या मिश्रित सोना धातु की अंगूठी में जड़वाकर शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार, सोमवार या बृहस्पतिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त या सूर्य के नक्षत्र में सूर्योदय के समय दायें हाथ के अनामिका उंगली में धारण करना अति उत्तम माना जाता है तथा धारण करते समय भगवान सूर्यदेव का स्मरण करते हुए 108 बार सूर्य के मंत्र ओम हृीं हृीं सूर्याय नमः या ओम घृणि सूर्यायः आदित्यः इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करना चाहिए।
यह रत्न धारण करने वाले जातक के निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक विचारों का भी संचार होता है।
विशेष
इस रत्न को धारण करने से समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होती है, अच्छे गुणों का समावेश होता है। अंगूठी बनवाते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें कि यह रत्न हमारे त्वचा से स्पर्श करता हो अन्यथा इस रत्न को धारण करने से जातक को इससे मिलने वाले किसी भी लाभ की प्राप्ति नही होगी।