ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन से कई तरह के योगों में राजयोग भी बनता है। जातक की कुण्डली में सुकर्मा योग का बनना बेहद शुभ माना जाता है जिस प्रकार बुध के कारण भद्र योग बनता है वैसे ही कुण्डली में बृहस्पति के साथ अन्य ग्रहों मजबूत स्थिति में होेने पर सुकर्मा योग बनता है।
सुकर्मा योग के फल
नई नौकरी को ज्वाईन करना अथवा घर में कोई धार्मिक आयोजन सुकर्मा योग में करना अति शुभदायक होता है इस योग में किये गये कार्यों किसी प्रकार की बाधा नही आयेगी। ईश्वर का नाम लेने और सत्कर्म करने के लिए यह योग अति उत्तम एवं श्रेष्ठ है। सुकर्मा योग को सुख-सुविधा, धन-ऐश्वर्य बढ़ाने वाला माना जाता है। इस राजयोग के बनने पर पराक्रम और साहस की बढ़ोत्तरी होती है।
आइए जानते हैं सुकर्मा योग से किन राशियों को मिलता है लाभ व हानि
मेष राशिः- अकारण विवाद संभव हो सकता है। कार्य-व्यवसाय में समस्याएं आती हैं विलम्ब के कारण कुछ कार्य बिगड़ सकते हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है इससे बचने के लिए ये उपाय करें।
ओम धृणि सूर्याय नमः का पाठ करें।
वृषभ राशिः- आप जीवन में कुछ विशेष उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं समय अनुकूल रहेगा। पारिवारिक रिश्तों में मजबूती रहेगी। सर्दी या कफ की शिकायत रह सकती है। शांति बनी रहेगी।
ओम नमः शिवाय का जाप करें। दूध, चावल का दान करें।
मिथुन राशिः- कार्यों का बोझ बढ़ेगा जिसके कारण आप मानसिक पीड़ा भी सह सकते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी वाहन की मरम्मत आदि करवा सकते हैं।
कर्क राशिः- आपके लिए यह योग काफी फलदायी साबित हो सकता है। परिजनों से प्रेम सम्बन्ध मजबूत होंगे एवं मित्रों से उपहार मिलने के योग बन सकते हैं। गुरु से सम्बन्धित निम्न उपाय करें पीले वस्तु का दान करें।
सिंह राशिः- आपके लिए यह योग मिलाजुला रह सकता है। आर्थिक रुप से परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि खर्च ज्यादा होगा यात्रा के योग बन सकते है। आपकी कार्यों में व्यस्तता अधिक बढ़ेगी क्योंकि खर्च अधिक होगा जिसके कारण आपका मानसिक तनाव भी बढ़ेगा।
कन्या राशिः- आपके लिए यह योग मिलाजुला परिणाम देने वाला है आपकी शिक्षा तथा शिक्षा से जुड़े लक्ष्यों में रुकावटें आयेंगी। इसके लिए आपको निम्न उपाय करने पड़ सकते हैं।
ओम शं शनैश्चराय नमः की एक माला जाप कर दिन की शुरुआत करें। उड़द या तिल दान करें।
तुला राशिः- आपके लिए यह योग काफी लाभदायक रहने वाला है। कार्य-व्यवसाय में उच्च अधिकारियों से तालमेल बिठा सकते हैं। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।