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12 जनवरी 2024 इष्टि

10 फरवरी 2024 इष्टि

बात की जाए इष्टि कि तो यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें सभी भक्त अपनी सारी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए एक विशेष हवन का आयोजन करते हैं। सामान्य रूप से देखा जाए तो इष्टि का मतलब आम बोलचाल की भाषा में इच्छा से होता है और यदि इसके व्यापक महत्वों का अध्ययन किया जाए तो किसी महत्वपूर्ण कार्यों को करने और कुछ बहुत बड़ा हासिल करने के लिए किसी देवता के होने वाले आह्वान से जोड़कर देखा जाता है। इस कार्य को सभी वैष्णव समाज के लोग अन्वाधान के अगले दिन ही करते हैं। इष्टि भी एक प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान होता है। यह अनुष्ठान किसी व्यक्ति की मनचाही इच्छाओं पूरा करने के लिए अति उत्तम माना जाता है।

इष्टि पूजा विधि

☸ इष्टि के दिन पूजा की शुरुआत करने के लिए सभी सामग्रियों को अच्छे से शुद्ध और साफ-सुथरा कर लें।

☸ हवन कुंड को अच्छे से साफ-सुथरा करके हवन कुंड तैयार करें और पूजा स्थान की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद हवन कुंड स्थापित करें।

☸ उसके बाद धूप, दीपक, फूल, अगरबत्ती, पुष्प, पंचामृत, दूध, दही, शहद, पान, फल, इलायची, कपूर, सिंदूर, धातु, कलश, कलशी, गंगाजल इत्यादि सभी सामग्रियों की तैयारी कर लें।

☸ उसके बाद विधिपूर्वक पूजा करने के बाद यज्ञ के दौरान विशेष हवन और मंत्रों का जाप करें।

☸ यज्ञ और पूजा विधिपूर्वक समाप्त हो जाने के बाद, आरती करें उसके बाद सभी लोगों को प्रसाद वितरित करें।

इष्टि पूजा मुहूर्त

इष्टि 12 जनवरी 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा।

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