Lohri लोहड़ी, 14 जनवरी 2024

हिन्दू धर्म के कैलेण्डर के अनुसार लोहड़ी का त्योहार पौष माह की आखिरी रात में मनाया जाने वाला एक मुख्य त्योहार है। सिखों का यह एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण त्योहार है। इस पर्व को देश के कई हिस्सो में मनाया जाता है। यह त्योहार रबी की फसल की कटाई हो जाने के बाद पहली हरी भरी फसलों की खेती के अवसर पर मनाया जाता है। इस पर्व में नयी फसलों की पूजा की जाती है। लोहड़ी के दिन अग्नि जलाकर उसमें गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक तथा मकई इत्यादि इन सामग्रियों को अग्नि में अर्पित किया जाता है।

इसके अलावा लोहड़ी का यह पर्व सूर्य और अग्निदेव को समर्पित होता है इस दिन सभी किसान अपनी नई फसल अग्नि देव को समर्पित करते हैं इसके साथ ही यदि इस पर्व की पौराणिक मान्यताओं की बात करें यह पर्व नई फसल का अग्नि देवता के लिए भोग होता है। मान्यता के अनुसार लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुँच जाता है। कहा जाता है कि इस दिन नई फसल को अग्नि देव और सूर्यदेव को समर्पित करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।

लोहड़ी पूजा विधि

☸ लोहड़ी वाले दिन घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी और अन्य तरह के गीत गाने की परम्परा होती है। सभी बच्चे घर-घर लोहड़ी लेने जाते हैं उन्हें खाली हाथ नही लौटाया जाता है इसलिए उन्हें गुड़, मूंगफली, तिल, गजक तथा रेवड़ी दी जाती है।

☸ दिन भर घर-घर से लकड़ियाँ लेकर इकट्ठा किया जाता है और शाम के समय चौराहे या घरों के आसपास खुली जगहों पर जलाया जाता है।

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☸ जलती हुई अग्नि में तिल, गुड़ और मक्का भोग के रूप में चढ़ाया जाता है साथ ही फसल अच्छी होने की कामना के लिए पूजा-अर्चना की जाती है।

☸ उसके बाद आग जलाकर लोहड़ी को सभी लोगों में वितरित किया जाता है। उस दौरान पुरूष भांगड़ा तथा महिलाएं नृत्य करती हैं।

लोहड़ी शुभ मुहूर्त

लोहड़ी का पर्व 14 जनवरी 2024 को रविवार के दिन मनाया जायेगा।
शुभ मुहूर्तः- 14 जनवरी 2024 को रात्रि 02ः54 मिनट से, 15 जनवरी 2024 तक

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