मेष लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र धनेश एवं सप्तमेश है और पराक्रम भाव में गोचर हो रहा है जिसके फलस्वरुप आपको नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनों परिणाम देखने को मिलेंगे। आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा परन्तु छोटे भाई-बहनों से कुछ मनमुटाव हो सकता है। भूमि, वाहन के सुख में कमी महसूस कर सकते है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तथा माता का भी पूर्ण ध्यान रखें। वैवाहिक जीवन को लेकर भी उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी परन्तु आमदनी के अच्छे स्त्रोत प्राप्त होंगे। विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा रहेगा शिक्षा क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपके खर्चों मे बढ़ोत्तरी होगी तथा यात्राएं भी अधिक रहेंगे।
उपायः- मंगल के बीज मंत्र का पाठ करें आपकी परेशानियां दूर होंगी।
वृष लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन द्वितीय भाव में हो रहा है तथा आपकी कुण्डली में शुक्र लग्नेश एवं रोगेश है। शारीरिक रुप से आप ऊर्जावान अनुभव करेंगे परन्तु गले से सम्बन्धित कुछ विकार उत्पन्न हो सकते है तथा वाणी में उग्रमा भी आ सकती है जिसके कारण परिवार में वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए जितना हो सके अपने वाणी पर संयम बनाए रखें। सुख-सुविधाओं के सुख मे कमी आ सकती है तथा बाहरी स्त्रोंतो से भी लाभ की प्राप्ति करेंगे। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी तथा समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति भी करेंगे। विशेषकर जो लोग लोहे से सम्बन्धित कार्य कोयले का व्यापार या पेट्रोल का कार्य करते है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा को लेकर यात्राएं करनी पड़ सकती है।
उपायः- हनुमान जी की आराधना करें, पारिवारिक जीवन उत्तम होगा।
मिथुन लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का गोचर लग्न भाव में हो रहा है। शारीरिक रुप से आप ऊर्जावान अनुभव करेंगे परन्तु स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बन सकती है। इसके अलावा जीवनसाथी को लेकर भी तनाव हो सकता है। आमदनी प्राप्ति के कई अवसर प्राप्त होंगे। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा मे बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा। इस राशि परिवर्तन के दौरान गर्भवती महिलाएं अपना विशेष ध्यान रखें क्योंकि संतान को लेकर चिंता बन सकती है। पिता के सहयोग से आपको कई कार्यों मे सफलता मिलेगी एवं समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। अपने परिश्रम द्वारा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे आपकी यात्राएं अधिक रहेंगी तथा आपके खर्च भी बढ़ेंगे। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगा तथा धन का संग्रह भी कर सकते है। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। भाग्य के सहयोग से कई कार्यों को करने में सफल होंगे।
उपायः- गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें तथा जरुरतमंदों को नारंगी रंग के वस्त्र, मिठाई, फल इत्यादि अर्पण करें।
कर्क लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन द्वादश भाव में हो रहा है यह राशि परिवर्तन आपको सामान्य परिणाम देगा। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा अपने परिश्रम द्वारा आप भाग्य की उन्नति करने में सक्षम होंगे। आपके आयु में वृद्धि होगी तथा पुरातत्व से भी लाभ प्राप्त कर सकते है। कार्य के सिलसिले से खर्च बढ़ सकते है तथा सुख-सुविधाओं की वस्तुओं मे भी आपके व्यय बढ़ेंगे। माता को लेकर तथा भूमि सम्पत्ति सम्बन्धित कुछ परेशानी हो सकती है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी तथा धन का संग्रह करने में आप सक्षम होंगे। परिवार मे सुख-शांति बनी रहेगी।
उपायः- सूर्य देव की आराधना करें, जिससे कार्य-व्यवसाय में आपको सफलता मिलेगी।
सिंह लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन एकादश भाव में हो रहा है तथा शुक्र आपकी कुण्डली में दशमेश एवं पराक्रमेश है। शुक्र का राशि परिवर्तन आपको अच्छे परिणाम देगा। आपको आमदनी के स्त्रोत प्राप्त होंगे परन्तु कुछ रुकावटें आ सकती है सुख-सुविधाओं की वस्तुओं मे कुछ परेशानियों के बाद लाभ प्राप्त होगा। शुक्र का राशि परिवर्तन वैवाहिक जीवन की दृष्टिकोण से अच्छा नही रहेगा। जिसको लेकर आप चिंतित हो सकते है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा मे अच्छे परिणाम मिलेंगे। छोटे भाई-बहनों से कुछ मनमुटाव हो सकता है।
उपायः- शनिदेव की आराधना करें, आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होगा।
कन्या लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन दशम भाव में हो रहा है तथा शुक्र आपकी कुण्डली में भाग्येश एवं धनेश होता है स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह राशि परिवर्तन आपको अच्छे परिणाम देगा। लम्बे समय से चल रहे रोंगो से आपको मुक्ति मिलेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है तथा वैवाहिक जीवन को लेकर उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है। आमदनी के अच्छे स्त्रोत प्राप्त होंगे। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा मे अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है साथ ही संतान पक्ष को लेकर भी मुश्किले उत्पन्न हो सकती है। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में कुछ रुकावटों के बाद सफलता मिलेगी तथा बाहरी स्त्रोंतो से भी आप लाभ प्राप्त करेंगे अपने पराक्रम द्वारा शत्रुओं का सामना करने मे सक्षम होंगे।
उपायः- गणेश जी की प्रतिदिन पूजा करें आपके कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
तुला लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन नवम भाव में हो रहा है तथा शुक्र आपकी कुण्डली में लग्नेश एवं अष्टमेश होता है। वैवाहिक जीवन को लेकर यह समय अच्छा नही रहेगा साथ ही कई कार्यों को लेकर आप भ्रमित हो सकते है। अपने पराक्रम द्वारा भाग्य की उन्नति करने में सक्षम होंगे तथा छोटे भाई-बहनों क भी सम्पूर्ण साथ प्राप्त होगा। आपको भाग्य का साथ मिलेगा जिससे कई परेशानियों से राहत मिलेगी। विद्यार्थियों को अपने-अपने शिक्षा में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे आपको लाभ प्राप्त होगा तथा सुख-सुविधाओं का आनन्द भी ले सकते है। संतान पक्ष को कोई कष्ट प्राप्त हो सकता है। अविवाहित जातकों के विवाह में विलम्ब हो सकता है।
उपायः- शुक्र के बीज मंत्र का पाठ करें, आपका दिन शुभ होगा।
वृश्चिक लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन अष्टम भाव में हो रहा है। स्वास्थ्य सम्बन्धित कई परेशानियों से राहत मिलेगी परन्तु त्वचा सम्बन्धित रोग उत्पन्न हो सकते है तथा मधुमेह रोगियों को अपना विशेष ध्यान रखना होगा। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा के क्षेत्र में काफी परिश्रम करना पड़ सकता है तथा संतान पक्ष को भी कष्ट मिल सकता है। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। छोटे भाई-बहनों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार को लेकर कई विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकते है। धन की स्थिति में भी कुछ परेशानी बन सकती है। बाहरी स्त्रोंतो से आमदनी के अवसर प्राप्त होंगे।
उपायः- हनुमान जी की आराधना करें तथा सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
धनु लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन नवम भाव में हो रहा है। यह राशि परिवर्तन आपके लिए सामान्य रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तथा जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है। गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है। आपका पराक्रम बढ़ा-चढा रहेगा तथा छोटे भाई-बहनों से भी लाभ प्राप्त होगा। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे परन्तु इसके लिए आपको अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। आप अपने कुशाग्र बुद्धि बल से कई परिस्थितियों का सामना कर लेंगे। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में किए गए परिश्रम का लाभ प्राप्त होगा। आमदनी के क्षेत्र में कुछ रुकावटें उत्पन्न हो सकती है।
उपायः- अपने बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा पाँच प्रकार के अनाजों को मिलाकर दान करें।
मकर लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का राशि परिवर्तन छठे भाव में हो रहा है। पिता के साथ आपका आकर्षण अधिक रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे आपको परेशानी महसूस होंगी। धन का संग्रह करने में आप सक्षम महसूस करेंगे तथा माता को लेकर भी चिंता बन सकती है। बाहरी स्त्रोंतो से आमदनी के अवसर प्राप्त होंगे अपने बुद्धिबल और पराक्रम द्वारा शत्रुओं का सामना करने में सक्षम होंगे।
उपायः- सफेद रंग की वस्तुओं का दान करें।
कुंभ लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का गोचर पंचम भाव में हो रहा है। शारीरिक रुप से आप ऊर्जावान अनुभव करेंगे परन्तु मानसिक रुप से आप पीड़ित रहेंगे साथ ही उदर एवं एसिडिटी की समस्या बन सकती है। इसके अलावा माता-पिता को लेकर भी चिंता बन सकती है। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। आमदनी के क्षेत्र में कुछ रुकावटों के बाद सफलता मिलेगी। छोटे भाई-बहनों के साथ कुछ वैचारिक मतभेद हो सकता है तथा आपके पराक्रम में भी कमी आ सकती है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा में बेहतर परिणाम मिलेंगे। आपके खर्चों मे बढ़ोत्तरी होगी तथा समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। लम्बी दूरी की यात्रा के योग बन रहे है।
उपायः-शनिदेव की आराधना करें तथा प्रतिदिन माता के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
मीन लग्नः- आपकी कुण्डली में शुक्र का गोचर सुख भाव में हो रहा है। शारीरिक रुप से आप ऊर्जावान अनुभव करेंगे परन्तु गले से सम्बन्धित विकार उत्पन्न हो सकते है। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे आपको थोड़े विलम्ब से प्राप्त होगा। जीवनसाथी के साथ मधुर सम्बन्ध बढ़ेंगे। संतान पक्ष को कोई शुभ समाचार मिल सकता है। अपने शत्रुओं का सामना करने में आप सक्षम होंगे। इसके अलावा छोटे भाई-बहनों का साथ प्राप्त होगा। परिवार को लेकर विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकते है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उपायः- गुरु के बीज मंत्र का पाठ करें।