25 जनवरी 2024 थाइपूसम

थाइपूसम भगवान शिव जी के पुत्र कार्तिकेय या मुरुगा को पूरी तरह से समर्पित एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण त्योहार हैं। थाईपूसम का यह त्योहार दक्षिण भारत के तमिल राज्य में जनवरी या फरवरी के महीने मे मनाया जाता है। थाईपूसम हिंदू तमिल भाषी के समुदायों द्वारा मनाया जाता है। भारत में यह त्योहार विशेष रूप से केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर तथा श्रीलंका दुनिया के और भी अन्य हिस्सों मे मनाया जाता है। तमिल के लोग इस त्योहार को बहुत ही ज्यादा उत्साह के साथ मनाया करते हैं।

इस दिन की पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मुरुगन को अत्यधिक बुरे इरादे और बुराइयों वाले राक्षस सोरापद्म को मृत्यु लोक पहुंचाने के लिए ही उन्हें वेल नामक एक भाषा माँ पार्वती ने दिया था जिसके बाद उस भाले से ही भगवान मुरुगन ने तारकासुर नामक राक्षस का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की तभी से थाईपूसम महोत्सव मनाया जाने लगा।

थाईपूसम का यह उत्सव पूर्णिमा के दिन से शुरु होकर लगातार 10 दिनों तक चलता रहता है सभी भवत इन दिनों भगवान मुरुगन की विशेष पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं जिससे उनके भक्तो के सभी कष्ट दूर हो जाते है।

थाइपूसम पूजा विधि

☸ थाईपूसम की पूजा में सभी भक्त एक बहुत बड़ी संख्या में कावड़ी लेकर जुलूस के रूप में मुरुगन मंदिर की ओर ले जाते हैं।

☸ वेल शक्ति, वेल ढोल और मंत्रोच्चारण के साथ जुलूस में जोश भर जाता है।

☸ मंदिर जाकर भगवान मुरुगन को दूध चढ़ाना चाहिए।

☸ उसके बाद उन्हें पीले या नारंगी रंग के पुष्प अर्पित करें।

☸ कांवडी को मंदिर तक ले जाकर, वेल के प्रसाद के रूप में अपने शरीर के किसी अंगों को छेदना चाहिए।

☸ मान्यता के अनुसार इस दिन सिर पर दूध के बर्तन लेकर चलने से भगवान मुरुगन अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।

थाइपूसम शुभ मुहूर्त

थाईपूसम का त्योहार 25 जनवरी 2024 को बृहस्पतिवार के दिन मनाया जायेगा
पूसम नक्षत्र प्रारम्भः- 25 जनवरी सुबह 08ः16 मिनट से।
पूसम नक्षत्र समाप्तः- 26 जनवरी सुबह 10ः28 मिनट तक।

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