शुक्र का कन्या राशि में गोचर- Venus Transit into Virgo by Astrologer KM Sinha

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र का गोचर 25 अगस्त 2024 को दोपहर 01ः16 मिनट पर होने वाला है। इस दौरान शुक्र देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में पूरे 12 राशियों में से कुछ राशि वाले जातकों को इस गोचर के दौरान शुभ फल मिलेंगे तो कुछ राशि वाले जातकों को इसके अशुभ परिणाम मिलने की संभावना हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जो जातक को सुख-समृद्धि तथा एश्वर्य की प्र्राप्ति कराने वाले ग्रह है। यदि किसी जातक की कुण्डली में शुक्र की स्थिति मजबूत हो तो जातक को सभी कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त होती है परन्तु कुण्डली में शुक्र कमजोर अवस्था में हो तो जातक को अपने जीवन में असफलताओं का सामना करने के साथ-साथ बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर- Mars transit into Gemini- By Astrologer KM SINHA 1मंगल का मिथुन राशि में गोचर- Mars transit into Gemini- By Astrologer KM SINHA 2

ज्योतिष में कन्या के गोचर का अर्थ

वैदिक ज्योतिष मंे शुक्र ग्रह को सभी शुभ ग्रहों में से एक माना जाता है जिसके प्रभाव से जातक को भौतिक, शारीरिक तथा दाम्पत्य जीवन के सुख की प्राप्ति होती है। शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामी ग्रह कहा जाता है, इसके अलावा मीन शुक्र की उच्च राशि तथा कन्या इसकी नीच राशि मानी जाती है। ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से शुक्र देव को भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, तथा पूर्वाषाढा़ नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि शुक्र के शत्रु ग्रह तथा सूूर्य और चंद्रमा मित्र ग्रह माने जाते हैं। आपको बात दें किसी भी एक राशि में शुक्र का गोचर लगभग 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्रदेव किसी एक राशि मंे करीब 23 दिन तक ही उपस्थित होते हैं। शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, कला, प्रतिभा, रचनात्मक कार्य, भोग-विलास, शौहरत, सौन्दर्य, रोमांस, काम वासना तथा फैशन-डिजाइनिंग इत्यादि का कारक माना जाता है। शुक्र देव आकार व द्रव्यमान में पृथ्वी के समान ही हैं, इसके अलावा शुक्र ग्रह को पृथ्वी की बहन या जुड़वा बहन के तौर पर भी सौरमंडल में वर्णित किया जाता है।

 

ज्योतिष में शुक्र का महत्व
ज्योतिष में कन्या राशि के महत्व केे बारे में बात करें तो यह 12 राशि चक्र में से छठी राशि होती है। इस राशि का चिन्ह हाथ में फूल की डाली लिये एक कन्या होती है। इस राशि का विस्तार राशि चक्र में 150 अंशों से 180 अंश तक होता है। कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध देव होेते हैं, इसके अलावा इस राशि के तीन द्रेष्काण के स्वामी बुध, शनि तथा शुक्रदेव होते हैं। कन्या राशि के अन्तर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण, चित्रा नक्षत्र के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारो चरण आते हैं। इस राशि को दक्षिण दिशा का घोतक माना जाता है। इस राशि के जातक संकोची तथा शर्मीले स्वभाव के होते हैं परन्तु अपनी भावनाओं पर ज्यादा देर तक नियंत्रण नही रख पाते हैं। कन्या राशि के जातक आमतौर पर मध्यम कद-काठी के, काले बाल तथा आँखों वाले होते हैं और अपनी वास्तविक आयु से बहुत कम दिखाई देने वाले होते हैं।

शुक्र के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः-

मेष राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
25 अगस्त 2024 को शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने जीवन में आयी चुनौतियों को दूर करने का प्रयास कर सकते है परन्तु अपनी चुनौतियों को सावधानी से पूरा करें अन्यथा आपके विरोधी आपके लिए कोई नई परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इस गोचर के दौरान आपके मित्र और रिश्तेदार आपका किसी भी तरह से सहयोग नही करेंगेे। ऐसी स्थिति में लोगों से सतर्क रहें। व्यवसायिक जीवन इस गोचर के दौरान मुश्किलों से भरा रहेगा जिसके कारण आप अपने व्यापार में असफल होंगे साथ ही सहकर्मियों के साथ व्यापारिक झगडे़ होने की संभावना हो सकती है। शुक्र के गोचर के दौरान बेवजह की यात्राएं करने से बचंे अन्यथा गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। दाम्पत्य जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। विद्यार्थी जातकों को इस गोचर के दौरान कठिन परिश्रम करना पड़ सकता है जिसमें आपको मनचाहे परिणाम मिलेंगे।
उपाय– नियमित रूप से ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें।

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वृष राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी कुण्डली के लग्न तथा षष्ठम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको प्रेम जीवन, रचनात्मक कार्य, तथा बौद्धिक क्षमता को विकसित करने के कई अवसर प्राप्त होंगे। इस समय आपको संतान का प्रेम और स्नेह प्राप्त होगा। आपकी अर्थव्यवस्था इस गोचर के दौरान स्थिर रहेगी परन्तु जल्दी ही आप अपनी आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर सकते हैं जिससे आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार होगा। नौकरी की तलाश कर रहे वृष राशि के जातक इस समय अच्छी नौकरी पाने में सफल हो सकते हैं। दाम्पत्य जीवन में संतान प्राप्ति के शुभ समाचार मिल सकते हैं जिससे सभी प्रसन्न होेंगे। विद्यार्थी जातक इस गोचर के दौरान उत्तम सफलता प्राप्त कर सकते हैं, इसके अलावा अपने बृद्धि बल से रचनात्मक प्रतिभा का पता लगाकर अपने बुद्धि के स्तर को और ज्यादा विकसित कऱ सकते हैं।
उपाय– शुक्रवार के दिन श्वेत वस्त्र धारण करें।

मिथुन राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के पंचम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान मिथुन राशि के जातकों के जीवन में ढ़ेर सारी खुशियाँ आयेंगी। इस समय आपकी माता के स्वास्थ्य में सुधार होता दिखाई देगा साथ ही माता का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहेगा। इस गोचर के दौरान मिथुन राशि के जातकों के जीवन में सुख-शांति बनाये रखने के कई अवसर प्राप्त होंगे साथ ही पारिवारिक जीवन में सुख सम्पन्नता बनी रहेगी। शुक्र के गोचर के दौरान आपके घर में कोई शुभ कार्यक्रम आयोजित हो सकते हैं जिससे मेहमानों और रिश्तेदारों का घर पर आना-जाना हो सकता है। इस समय आपका स्वास्थ्य स्थिर रहेगा साथ ही संपत्ति में किये जाने वाले लेन-देन आपके लिए फलदायी साबित होंगे। इस गोचर के दौरान आप कोई नया वाहन भी खरीद सकते हैं। मित्रों के साथ रिश्तों में पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी प्रेम जीवन में अपनी भावनाएं एक दूसरे से व्यक्त कर सकते हैं।
उपाय- घर के पूजा स्थल पर शुक्र यंत्र स्थापित करें।

 

कर्क राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के तृतीय भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। लोगों के बीच आपकी लोकप्रियता बनी रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से शुक्र का गोचर आपके लिए अत्यधिक शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान एक से अधिक माध्यमों से धन प्राप्ति के अवसर प्राप्त होंगे। इस समय परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा जिससे आपकी खूब सराहना होगी। भाग्य तथा मित्रों का पूरा सहयोग मिलेगा। कार्य-व्यवसाय में शुक्र के गोचर के दौरान आपके सहकर्मी आपका पूरा साथ देंगे जिससे आप अत्यधिक प्रसन्न होंगे। सरकारी क्षेत्रों में कार्य करने वाले जातक इस गोचर के दौरान अत्यधिक लाभ कमाने में सफल होंगे। भाई-बहनों का सहयोग तथा प्यार मिलेगा, इसके अलावा आप इस समय अत्यधिक दानी स्वभाव के हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान आपको भौतिक सुख-सुविधायें प्राप्त होंगी जिससे मन प्रसन्न रहेगा।
उपाय– शुक्रवार के दिन नियमित रूप से चंदन का लेप लगाएं।

सिंह राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने परिवार के सदस्यों का पूरा सहयोग मिलेगा। इस समय आप स्वयं को काफी ज्यादा तनाव मुक्त महसूस करंेगे। यदि आपका स्वास्थ्य अधिक समय से खराब चल रहा है तो इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य में सुधार होता दिखाई देगा। शुक्र के गोचर के दौरान आप अपनी सुख-सुविधाओं पर जरूरत से ज्यादा धन खर्च करेंगे, परन्तु जरूरत से ज्यादा धन खर्च करने से इस माह आपको बचने की सलाह दी जाती है। प्रेम जीवन सुखद रहेगा। इस गोचर के दौरान आप अपना प्रेम जीवन आनंदमय व्यतीत करेंगे। दाम्पत्य जीवन में बँधे जातकों को इस गोचर के दौरान संतान प्राप्त होगी, इसके अलावा आपके व्यक्तित्व से सभी लोग प्रभावित होंगे। शुक्र के इस गोचर के दौरान कला तथा संगीत के क्षेत्र में आप अत्यधिक रूचि लेंगे। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति सदैव बनी रहेगी।
उपाय– शुक्रवार का 21 या 31 बार उपवास रखें।

कन्या राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। अविवाहित जातकों के लिए विवाह के अच्छे योग बनेगें। व्यापारी जातकों को अपने कार्य-व्यवसाय में अच्छे पद की प्राप्ति होगी। विद्यार्थी जातक इस गोचर के दौरान अच्छा प्रदर्शन करते दिखाई देंगे। इस समय आपके जीवन में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रेम बहुत सारे समारात्मकह बदलाव देखने को मिल सकते है। प्रेम जीवन में एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होंगे। भौतिक सुख-सुविधाओं में आप अत्यधिक धन खर्च कर सकते हैं। दाम्पत्य जीवन में इस गोचर के दौरान कोई नयी खुशखबरी प्राप्त हो सकती है जिससे परिवार के सभी सदस्य प्रसन्न रहेंगे। शुक्र का गोचर व्यापार में तरक्की के लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है।
उपाय– महिलाओं तथा बड़े-बुजुर्गांे का सम्मान करें।

तुला राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के लग्न तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान यदि आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो उसमें आपको पूर्ण सफलता मिलेगी। इस समय आप अपने निर्धारित किये गये लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं। लम्बी यात्रा पर जाने के लिए शुक्र का गोचर अत्यधिक शुभ रहेगा। इस गोचर के दौरान आपको मित्र-रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा साथ ही आप अपना धन नियंत्रित कर पाने में सक्षम होंगे। दाम्पत्य जीवन में इस समय रिश्ते मजबूत होंगे। व्यापार क्षेत्र में वृद्धि होगी जिससे मन प्रसन्न रहेगा।
उपाय– शुक्रवार के दिन भगवान शिव को सफेद पुष्प अर्पित करें।

वृश्चिक राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के सप्तम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी। अपने मेहनत के बल पर धन लाभ की प्राप्ति करने में सफल होंगे। शुक्र के गोचर के दौरान आपको आय के कई सारे स्त्रोत प्राप्त होंगे जिससे मन प्रसन्न रहेेगा। इस समय आपके जीवनशैली तथा खान-पान में सकारात्मक बदलाव होता दिखाई देगा। इस गोचर के दौरान आपके प्रेम जीवन में सुखद पल व्यतीत होंगे। सामाजिक मान-सम्मान की प्राप्ति होगी तथा मित्र -रिश्तेदार आपका पूर्ण सहयोग करेंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने व्यवसायिक क्षेत्र में अत्यधिक परिश्रम करेेंगे जिससे कार्यस्थल पर आपकी छवि अच्छी बनी रहेगी। इस समय आपको भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा जिससे आप एक नया मुकाम हासिल करने में सफल होंगे।
उपाय– शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की आराधना करें।

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धनु राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान व्यापार क्षेत्र में कुछ परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं परन्तु राजनीति के क्षेत्र में आपकी इच्छाएं सफल होंगी। इस समय आप अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। इस समय आपको अपना धन सोच-समझकर खर्च करने की आवश्यकता होगी अन्यथा आपका अत्यधिक धन खर्च हो सकता है। कुछ परिस्थिति में इस गोचर के दौरान आपको तनाव हो सकता है। ऐसे में आपको अत्यधिक धैर्य बनाये रखने की आवश्यकता होगी। इस समय आपकी दुश्मनी दूसरों से होने की सभंावना हो सकती है। ऐसे में धैर्य और शांति बनाये रखें। इस गोचर के दौरान व्यापारी जातकों से आपके वाद-विवाद हो सकते हैं। ऐसे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखने की आवश्यकता है।
उपाय– भोजन का कुछ हिस्सा, गाय, कौवे तथा कुत्ते को दें।

मकर राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के पंचम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने जीवन में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। शुक्र का यह गोचर आपके लिए अत्यधिक लाभदायक हो सकता है। ऐसे में आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती दिखाई देंगी। इस गोचर के दौरान आप कपडे़, गहने तथा बिजली के उपकरण से संबंधित कुछ वस्तुएं खरीद सकते हैं साथ ही नौकरी में परिवर्तन होने की संभावना भी हो सकती है। इस समय सरकारी क्षेत्र में कार्य कर रहे अधिकारियों को कई योजनाओं का लाभ मिलेगा। शुक्र के गोचर के दौरान आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार होगा। इस समय घर में किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है साथ ही परिवार के सदस्यों के सहयोग से आपको आगे बढ़ने में भी मदद मिल सकती है।
उपाय– स्वयं को और अपने घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें।

कुंभ राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान शुक्र देव आपको दीर्घायु देने वाले होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत होगी। लम्बे समय से चल रहे समस्याओं से आपको छुटकारा मिलेगा। कुछ परिस्थिति में शुक्र के गोचर के दौरान आपके मन में नकारात्मक विचार भी आ सकते हैं। ऐसे में नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर रखने का प्रयास करंे। पारिवारिक जीवन शुक्र के गोचर में अच्छा रहेगा। आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा प्रभावित हो सकती है जिससे धन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होंगी। विद्यार्थी जातकों को शुक्र के गोचर के दौरान प्रतियोगी परीक्षा में उच्च सफलता प्राप्त होगी जिससे आप अत्यधिक प्रसन्न रहेंगे। कार्य -व्यवसाय में इस गोचर के दौरान अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उपायः– शुक्रवार के दिन माँ वैभव लक्ष्मी की उपासना करें।

मीन राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-
शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। शुक्रदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान कार्य- व्यवसाय में आपको मनचाहे परिणाम प्राप्त करने के लिए अत्यधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। इस समय आप अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें अन्यथा स्वास्थ्य संबंधित परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस गोचर के दौरान दाम्पत्य जीवन में वाद-विवाद तथा मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में दोनों के बीच आये मनमुटाव को दूर करने का प्रयास करें। इस समय आप अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बनाये रखंे अन्यथा किसी कारणवश आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा खो सकती है। कार्य-व्यवसाय से संबंधित यात्राएं इस गोचर के दौरान लगी रह सकती हैं जिससे आपको लाभ प्राप्त होगा।

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उपायः-किसी नेत्रहीन व्यक्तियों की सहायता करें।

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