मीन संक्रान्ति

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहो के राशि परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के दैनिक जीवन पर भी पड़ता है। सभी 09 ग्रह समय-समय पर राशि-परिवर्तन करते है। सूर्य देव एक महीने के अंतराल मे एक राशि से अन्य राशि में प्रवेश/गोचर करते है यही गोचर ‘मीन-संक्रान्ति’ कहलाता है। एक वर्ष में 12 संक्रान्तिया पड़ती है, सूर्यदेव जिस राशि में भ्रमण करते है उसे उसी संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार जब सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करते है तो उसे ‘मीन-संक्रान्ति’ कहा जाता है। मीन संक्रान्ति फाल्गुन माह मे पड़ती है और इसका अत्यधिक महत्व है। मीन संक्रान्ति के दिन नदी मे स्नान करने दान और तर्पण करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा उनके सभी मनोरथें पूर्ण होती है।

मीन संक्रान्ति का बारह राशियों पर परिवर्तनः-

मेष राशिः- मीन संक्रान्ति के प्रभाव से जातकों का कार्य के प्रति उत्साह बढ़ेगा किन्तु मानसिक परेशानियों के कारण मन अशान्त रहेगा। धर्म के तरफ उनका झुकाव बढ़ेगा। पिता को स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियाँ हो सकती है। माता का सहयोग मिलेगा। अचानक मित्र का आगमन हो सकता है। कार्यक्षेत्र में स्थान-परिवर्तन का योग बनेगा, धार्मिक-यात्राएं भी हो सकती है। खर्च की अधिकता हो सकती है।

वृष राशिः- सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने से जातक के धैर्यशीलता मे कमी आयेगी, शिक्षा से सम्बन्धित कार्यों में रुकावट आ सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा तथा लाभ के अवसर भी मिलेंगे, मित्रजनो का सहयोग मिलेगा और कार्यक्षेत्र में भी परिश्रम की अधिकता रहेगी।

मिथुन राशिः- मीन संक्रान्ति के प्रभाव से मिथुन राशि के जातकों के आत्मविश्वास में कमी आयेगी परिवार में कुछ धार्मिक/शुभ कार्य हो सकता है। कला, संगीत के क्षेत्रो में मिथुन राशि के जातको का रुचि बढ़ेगा तथा लेखनादि और बौद्धिक कार्यों से धन का अर्जन होने की भी सम्भावना है। कार्यक्षेत्र और नौकरी में पदोन्नति की स्थिति बनेगी।

कर्क राशिः- मीन संक्रान्ति के प्रभाव से कर्क राशि के जातकों का कार्य बहुत मेहनत के बाद ही सफल होगा, परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद बढ़ने की सम्भावना है। इसलिए आप पहले से सावधान रहें, यदि कर्क राशि के जातकों का कोई कोर्ट-केस चल रहा है तो निर्णय उनके पक्ष मे आ सकता है। इनके यात्रा का योग भी बनेगा।

सिंह राशिः- सिंह राशि में मीन संक्रान्ति के प्रभाव से साझेदारी का काम बनेगा, दाम्पत्य जीवन खुशहाल होगा, सेहत के दृष्टिकोण से सिंह राशि के जातकों को पहले से ही सावधान रहना चाहिए, कहीं पर निवेश ना करें, कार्यक्षेत्र में जिस जगह पर है वही पर बने रहें। जो जातक सरकारी नौकरी के तलाश में थे उनका भाग्य साथ दे सकता है।

कन्या राशिः- कन्या राशि में उच्च का सूर्य आठवें भाव में गोचर करेगा और कन्या राशि के जातक के धन-स्थान को प्रभावित करेगा, मीन-संक्रान्ति के प्रभाव से वाणी में कड़वाहट आ सकती है, परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हो सकता है परन्तु पैतृक सम्पत्ति से आर्थिक लाभ की सम्भावना बन रही है।

तुला राशिः- सूर्य का गोचर तुला राशि के जातकों के लिए सकारात्मक प्रभाव देने वाला है, दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहेगा, तुला राशि के अविवाहित जातकों के विवाह के योग भी बन रहे है, आपको अपने खान-पान पर नियंत्रण रखना चाहिए, तुला राशि के विद्यार्थी अगर प्रतियोगी परीक्षा में भाग लें तो उनके सफल होने की पूरी सम्भावना बन रहा है।

वृश्चिक राशिः- सूर्य के मीन राशि में गोचर करने से जातकों के खर्च मे अधिकता बढ़ेगी परन्तु आप अनावश्यक न खर्च करें, कार्यक्षेत्र में कार्य को लेकर मेहनत की अधिकता बढ़ेगी वृश्चिक राशि के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा से लाभ मिलेगा, आपको थोड़ी बहुत मानसिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

धनु राशिः- धनु में सूर्य के गोचर से नौकरी की तलाश कर रहें जातको को अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते है, आपके स्थान-परिवर्तन का योग बन सकता है, विद्यार्थी वर्ग पढ़ाई के प्रति एकाग्रचित रहेंगे, यदि गोचर काल में आप अपने शौक और रुचि को पेशे के अनुरुप बदलना चाहते है तो आपको ऐसा करना चाहिए, ऐसा करना आपके लिए फलदायी रहेगा।

मकर राशिः- मीन संक्रान्ति के प्रभाव से मकर राशि के जातकों के परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ेगी, यदि आप कोई निवेश करना चाहते है तो सोच-समझकर निर्णय ले, विद्यार्थी वर्ग यदि उच्च संस्था में प्रवेश लेने की सोच रहे है तो उनके लिए सूर्य का गोचर अच्छा रहेगा।

कुंभ राशिः- कुंभ राशि में मीन संक्रान्ति के प्रभाव से जातकों को आमदनी सम्बन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी यह गोचर कुंभ राशि वाले जातकों के लिए अनुकूल नही है, इस गोचर के दौरान आपको कमजोरी और थकान का सामना करना पड़ सकता है। जिससे आपको कार्यों को करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, सूर्य का गोचर आपको पुरानी बीमारी से ग्रसित करा सकता है। इसलिए आप पहले से सावधान रहें।

मीन राशिः- सूर्य का गोचर आपको मिला-जूला प्रभाव देगा। सूर्य के गोचर में आपको स्वास्थ्य सम्बनिधत परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसी बात को लेकर आपको तनाव का सामना करना पड़ सकता है, मीन राशि मे सूर्य का गोचर जीवनसाथी के साथ मनमुटाव भी करा सकता है।

मीन संक्रान्ति का महत्वः-

शास्त्रों के अनुसार मीन संक्रान्ति का विशेष महत्व है, धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन को पवित्र और शुभ माना जाता है। मीन संक्रान्ति पर भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने का रिवाज है मान्यता ऐसी है कि भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। मीन संक्रान्ति से सूर्य की गति उत्तरायण की तरफ बढ़ती है। सूर्य के उत्तरायण होने की दशा में दिन का समय बढ़ने लगता है और रात्रि की अवधि छोटी हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार मीन संक्रान्ति के दौरान उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि की पुष्टि होती है तथा इस दिन पवित्र नदियो/जलाशयो मे स्नान करने से साधको के सभी पापों का नाश हो जाता है।

मीन संक्रान्ति के दान का महत्वः-

मान्यताओं के अनुसार अगर मीन संक्रान्ति के दिन ब्राह्मणों या जरुरतमंदो को दान में वस्त्र और अन्न दिया जाय तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और उनके सभी मनोरथे पूर्ण होती है।

क्या मीन संक्रान्ति के दौरान मांगलिक कार्य होते है ?

वर्णितः- मीन संक्रान्ति में मांगलिक कार्य का वर्जित माना जाता है। मीन संक्रान्ति के दौरान नामकरण, कर्णक्षेदन, अन्नप्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह, वास्तु तथा गृह प्रवेश पूजन आदि मांगलिक कार्य नही किया जाता है।

मीन संक्रान्ति पूजा विधिः-

☸ प्रातकालः नित्य क्रिया से स्वच्छ होने के बाद किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें।
☸ तत्पश्चात सूर्यदेव को प्रणाम करें और उन्हें अर्घ्य दें।
☸ इस दिन मंदिर मे जाकर देवी-देवता के दर्शन करें और धूप, दीप, फल, फूल, मिष्ठान आदि से उनकी पूजा आराधना करें।
☸ पूजन के पश्चात अपने सामथ्र्य अनुसार ब्राह्मणों या जरुरतमंदो को अन्न एवं वस्त्र का दान भी करें।

मीन संक्रान्ति 2023 शुभ तिथि एवं मुहूर्तः-

साल 2023 में मीन-संक्रान्ति 15 मार्च 2023 को मनाया जायेगा। मीन संक्रानित का पुण्य काल 15 मार्च 2023 को प्रातः 06ः49 से दोपहर 01ः10 तक है तथा इसका महा पुण्य काल प्रातः 6ः47 से प्रातः 08ः46 तक है।

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